बैंकरों को अशांका है कि छुट्टी के बाद जब वे फिर से खुलेंगे तो पैसा निकालने वालों की बहुत भीड़ होगी. बैंक शाखाओं के बाहर हालात में सुधार नहीं हुआ है क्योंकि नए नोटों के लिए रिकैलिबिरेट करने के बावजूद एटीएम से पर्याप्त नकद नहीं निकल रहा है.
नाम न उजागर करने की शर्त पर बैकरों ने कहा कि आरबीआई और सरकार के आश्वासन के बावजूद उन्हें रोजाना के नकदी निकासी की मांग के दवाब को पूरा करने के लिए करेंसी चेस्ट से पर्याप्त नकदी नहीं मिल रही थी. निजी क्षेत्र के एक बैंकर ने कहा कि दो लाख से ज्यादा एटीएमों में से तकरीबन 95 प्रतिशत को रिकैलिबिरेट कर दिया गया है लेकिन वहां पर लॉजिस्टिंग मसलों की वजह से नकदी की कमी है. एटीएमों में दिन में केवल एक बार ही पैसे भरे जा रहे हैं. अधिक भीड़ होने की वजह से उनमें से ज्यादातर जल्दी खाली हो जाते हैं. बैंकरों को लग रहा है कि यह स्थिति 10-12 दिन जारी रह सकती है.
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