जब कभी परिस्थिति प्रतिकूल हो अनुकूलता के सारे साधन नष्ट भ्रष्ट हो रहे हो चारों ओर केवल निराशा एवं घोर अंधकार दिखाई देता हो अशांति की बड़ी भयानक आंधी आ रही हो आप उस समय तुरंत दयामय प्रभु के दरबार में पहुंच जाओ
14 जनवरी 2022
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