आप और हम स्वैच्छिक (आप और हम) कहानी आप और हम में किसी भी कहानी और शब्द ही हमारी पहचान और सच या हकीकत होते हैं क्योंकि कोई भी शब्द और रचनाकार कहीं ना कहीं से उसे कहानी को कल्पना के साथ शब्दों को बनता है आप और हम ही जीवन में कहानी के शब्द और किरदार होते हैं। फर्क सिर्फ इतना होता है कि हम सभी कभी कोई हकीकत को कल्पना के साथ ऐसा लिख देते हैं जो हम सभी के जीवन को छू जाती है और वही कहानी प्रंशसनीय नहीं है और अच्छी बन जाती है।
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