शिक्षा
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*...बूँद... *<div><br></div><div>बहुत ही हृदय विदारक कथा है अवश्य पढ़ें</div><div><br></div><div>.एक
<div>*कोई लाख अपने गुनाह छिपाये। उस रब से कुछ नही!*</div><div>*छिपा सकते।* </div><div><br></div
*क्या है सबसे बड़ा धर्म,? और सबसे बड़ा पाप,?*<div> *मनुष्य जीवन का सबसे बड़ा धर्म और अधर्म मानी
<div><br></div><div>*_ईश्वर टूटी हुई चीजों का इस्तेमाल कितनी खूबसूरती से करता है, जैसे बादल टूटने पर
<div> *"जैसे घर में रोज झाड़ू लगाई जाए, तो घर साफ रहता है। अन्यथा कचरा तो
<div> *"जीतने का मतलब बहुत धन कमा लेना नहीं है। जीतने का मतलब है उत्तम चर
एक अमृत तुल्य ज्ञानवर्धक प्रस्तुति!!!!!!* जासु नाम भव भेषज हरन घोर त्रय सूलसो कृपाल मोहि तो पर सदा रहउ अनुकूल॥भावार्थ:-जिनका नाम जन्म-मरण रूपी रोग की (अव्यर्थ) औषध और तीनों भयंकर पीड़ाओं (आधिदैविक, आध
<div>*"नफरतों" में क्या रखा हैं, "मोहब्बत" से जीना सीखो, क्योकि ये दुनियाँ न तो हमारा घर हैं, और न ही आप का ठिकाना ..,*</div><div>*याद रहे ! दूसरा मौका सिर्फ कहानियाँ देती हैं , जिन्दगी नहीं, "परिवार"
चरित्र पर भरोसा<div><br></div><div>लक्ष्मण जी के द्वारा मारे गये मेघनाद की दाहिनी भुजा सती सुलोचना के समीप जा गिरी।</div><div><br></div><div>सुलोचना ने कहाः 'अगर यह मेरे पति की भुजा है तो हस्ताक्षर कर
संगति का असर1-दस मिनट पत्नी के पास बैठिएआप महसूस करेंगे कि जिंदगी बहुत मुश्किल है।2-दस मिनट पियक्कड़ के पास बैठिएआप महसूस करेंगे कि जिंदगी बहुत आसान है।3-दस मिनट संतों के पास बैठिएआप महसूस करेंगे कि स
<div> *जो विवाहित महिलाएं पैरों में बिछिया नही पहनती उनको थाइराइड और डिप्रेशन होने की 90% अधिक संभावना होती है।*</div><div>गहने केवल दिखावे के लिए नही होते, इनका सीधा संबंध हमारे स्वास्थ्य से होत
<div><span style="font-size: 1em;">*दूसरो की आलोचना करने वालों को इस घटना को भी स्मरण रखना चाहिए।"* </span><br></div><div><br></div><div><br></div><div> ```--एक व्यक्ति के बारे में मश
<br><div><br></div><div>*स्वयं को टटोलिये ••• कभी जरा फुर्सत*</div><div>*के समय में अपने आप को टटोलिये .......*</div><div>*अपने आप से पूछिये की आज दिनभर में*</div><div>*मैंने क्या किया ? तो अंदाज लगे
*"अहंकार" उसी को होता है, जिसे बिना किसी "संघर्ष" के सब कुछ प्राप्त होता है..!! और जिसने अपनी मेहनत से हासिल किया है, वही दूसरों की "मेहनत" की कद्र कर सकता है..!!*<div>*आपकी परेशानी अक्सर स्वयं निर्मि
<div> *जो इंसान दूसरों की ख़ुशी में अपनी ख़ुशी का एहसास करता हो वो कभी दुःखी हो ही नहीं सकता । वास्तव में हमारे दुःख का कारण ही दूसरों की ख़ुशी ही* *होती है । अक्सर हम अपने दुःख से नहीं बल्कि दूसरे
<br><div>दूसरों से अपेक्षा रखना अपनी क्षमताओं पर आघात करने जैसा है। आप जब-जब किसी काम को स्वयं न कर दूसरों से अपेक्षा रखते हैं तब-तब आपकी क्षमता प्रभावित होती है। और आप वो बनने से चूक जाते हैं जो आप ब
<div>*कर्मो के फल*</div><div><br></div><div>एक बार शंकर जी पार्वती जी भ्रमण पर निकले। रास्ते में उन्होंने देखा कि एक तालाब में कई बच्चे तैर रहे थे, लेकिन एक बच्चा उदास मुद्रा में बैठा था।</div><div><b
*राजा अकबर ने बीरबल से पूछा कि तुम लोग सारा दिन भगवान की भक्ति करते हो, सिमरन करते हो ,उसका नाम लेते हो।*<div> *आखिर भगवान तुम्हें देता क्या है ?*</div><div>*बीरबल ने कहा कि महाराज मुझे कुछ दिन क
*तीन चीजें हैं जो भगवान को बेहद प्रसन्न करती हैं: एक जीभ जो कभी झूठ में शामिल नहीं होती है, एक शरीर जो दूसरों को नुकसान पहुंचाकर कलंकित नहीं होता है, और एक मन जो आसक्ति और घृणा से मुक्त होता है। ये त
<div>जिन्दगी को आसान नहीं,</div><div> बस खुद को,</div><div>मजबूत बनाना पड़ता है,</div><div><br></div><div>सही समय कभी नही आता..</div><div>बस समय को ,</div
* पाने की इच्छा में अपने आनंद को न खोएं*<div><br></div><div><br></div><div>*सुखों का भोग करना प्रत्येक मनुष्य की नैसर्गिक प्रवृत्ति है। वास्तव में भोग शब्द का अर्थ सुख के अनुभवों को एकत्र करने की
*प्यार का तराजू ....*<div><br></div><div>*"कभी मेरी भावनाओं का ध्यान नहीं रखते। जब देखो तब बस उन्हें माँ जी की ही चिंता रहती है। मैं भी अब वापस नहीं जाना चाहती वहाँ। रहे अपनी माँ के साथ और खूब सेवा कर
<div><br></div><div>*क्षमा उन फूलों के समान हैं जो कुचले जाने के बाद भी खुशबू देना बंद नहीं करते..*</div><div><br></div><div>*हमेशा खुश रहना चाहिए क्योंकि परेशान होने से कल की मुश्किल दूर नहीं होती बल
<br><div><br></div><div>*कोई भी मनुष्य किस बात को,*</div><div>*किस प्रकार से समझता है।*</div><div>*यह उसकी मानसिकता तय करती है।*</div><div><br></div><div>*कोई दूसरों की थाली में से भी,*</div><div>*छीन
<br><div><br></div><div>*जीवन को सुखी बनाने के लिए अनेक गुणों की आवश्यकता होती है। सेवा प्रेम नम्रता दया सहानुभूति समर्पण इत्यादि ।*</div><div><br></div><div>*परंतु एक दोष ऐसा है, जिसका नाम "अभिमान" ह
<div><br></div><div>*घड़ी में तीन सुईयां होती है जिस में एक सुई,सेकेंड वाली सुई के नाम से मशहूर है यह सेकेंड वाली सुई अपना वजूद तो रखती है पर इसका ज़िक्र नहीं किया जाता*</div><div><br></div><div>*सब य
खूबसूरती हमेशादिल और जमीर में होती हैलोग बेवजह उसेशक्ल और कपड़ों में टटोलते हैंप्रार्थना का न तो कोई शास्त्र से सम्बंध है न ही शब्दों से....ये तो निःशब्द हृदय की करुण पुकार है....!!!!चावल अगर कुमकुम क
*जीवन में सफलता दो महत्वपूर्ण बातों पर निर्भर करती है...**अदृश्य अवसरों को देखने की दृष्टि...**और असंभव चीज़ों को सुलझाने का लक्ष्य...**इंसान कितना भी सफल व्यापारी बन जाएं,**तकलीफ बेच नहीं सकता**सुकून
*धन्य घड़ी सोई जब सतसंगा...जीवन में संग का बहुत बड़ा प्रभाव होता है। किसी व्यक्ति के जीवन को देखकर यह समझा जा सकता है।। कि उसने जीवन में किस प्रकार का संग किया होगा....पारस मणि का संग पाकर लोहा भी स्व
परछाई ना पकड़ पाने पर कान्हा का रोना........एक दिन कान्हा को नई लीला सूझी भगवान का काम नित्य नयी नयी लीलाएं करके माता को आनंदित करना था। पूर्व जन्म में नंद बाबा और यशोदा मैया ने भगवान की उपासना क
दो चींटियों का दृष्टान्त दिया है संतों ने । एक नमक के ढेले पर रहने वाली चींटी की एक मिश्री के ढेलेपर रहने वाली चींटी से मित्रता हो गयी । मित्रता के नाते वह उसे अपने नमक के ढेले पर ले गयी और कहा–‘खाओ !
*गर्व क्यो ना हो हमे जब विश्व का एकमात्र श्रेष्ठ धर्म के वंशज हो हम हिन्दू संस्कृति की श्रेष्ठता सिद्ध करते ये तथ्य*हमे अपनी सभ्यता और संस्कृति पर गर्व है क्यो की....*हिंदू* धर्म में कन्याओं को
*गुस्सा दूर करने के उपाय*इस पृथ्वी पर शायद ही कोई प्राणी होगा जिसे गुस्सा नहीं आता, जब भी कुछ हमारे मन मुताबिक नहीं होता, तब जो प्रतिक्रिया हमारा मन करता है, वही गुस्सा कहलाता है। वास्तव में *जब हम गु
लोग बेवजह कोसते है बुरे वक्त को..विचार कीजिए हम अच्छे वक्त में ज्यादा सीखते हैया बुरे वक्त में!जिनके ह्रदय में माँ बाप के लिए प्यार और सम्मान नहीं, अपने से श्रेष्ठ जनों के प्रति मन में श्रद्धा व सेवा
मनुष्य को अहंकार क्यों नहीं करना चाहिए?एक बार अमेरिका में कैलीफोर्निया की सड़कों के किनारे पेशाब करते हुए देख एक बुजुर्ग आदमी को पुलिसवाले पकड़ कर उनके घर लाए और उन्हें उनकी पत्नी के हव
*जो काम विकार से भी ज्यादा खतरनाक है वह* सब रोगों की जड़ मोह (अज्ञान) है।* मोह सकल ब्याधिन्ह कर मूला। तिन्ह ते पुनि उपजहिं बहु सूला॥काम बात कफ लोभ अपारा। क्रोध पित्त नित छाती जारा॥सब रोगों की जड़ मोह
कितनी भी महँगी गाड़ी में घूम लो,अंतिम सफर तो बाँस से बनी अर्थी पर ही करना पड़ेगा .!! यही जीवनका सत्य है ...!! पानी अपना पूरा जीवन देकर पेड़ को बड़ा करता है.. इसीलिए शायद पानी लकड़ी को डूबनेनहीं देता..
*दान ऐसा भी होता है* *एक बार भगवान श्रीकृष्ण पाँडवों के बीच बातों ही बातों में कर्ण की दानवीरता और उदारता की &
भरोसा और आशीर्वाद कभी दिखाई नही देते .... लेकिन असम्भव को सम्भव बना देते है.....!!दोस्त ,किताब ,रास्ता ,और स
*खुशी वो इत्र है जो हम दूसरों पर छिड़कते हैं तो उसकी कुछ बुँदे हम पर भी गिरकर हमें महका देती है।**जीवन में बाँटने जैसा कुछ है तो प्रेम है, खुशियां हैं। हमेशा रात को सोने से पहले इस बात का मुल्यांकन हो
*याद रखो--- संसार में ऐसा कोई नहीं, जिसमें दोष न हो,, अथवा जिससे कभी गलती न होती हो, अतः किसी की गलती देखकर जलो मत और न उसका बुरा चाहो।**याद रखो--- जिसका जीवन (आचरण) सुंदर है, शुभ है,, वही वास्तव में
*कठिनतम और जटिलतम परिस्थितियों में भी धैर्य बना रहे इसी का नाम सज्जनता है। केवल फूल माला पहनने पर अभिवादन कर देना ही सज्जनों
*मृत्यु**जब कोई इंसान इस दुनिया से विदा हो जाता है तो उसके कपड़े, उसका बिस्तर, उसके द्वारा इस्तेमाल किया हुआ सभी सामान उसी के साथ तुरन्त घर से निकाल दिये जाते है। पर कभी कोई उसके द्वारा कमाया गया
*समय को काटो नहीं अपितु जिओ। समय काटना अर्थात समय का दुरूपयोग करना और समय का जीना अर्थात समय का सदुपयोग करना। हमारे शास्त्रों में स्पष्ट कहा गया है कि मन
*भगवान को मांगना ही भक्ति नही अपितु भगवान से माँगना भी भक्ति हो सकती है बशर्ते हमें माँगना आ जाए। सत्य तो यह है कि जिन्हें भगवान् के सामने माँगना आ गया वो श्रेष्ठ भक्त भी बन गये।*
*"जिंदगी" हसीन है, इससे प्यार करो...!**हर रात की नई सुबह का इंतजार करो...!**वो पल भी आएगा, जिसका आपको इंतजार है...!**बस अपने "राम जी" पे भरोसा और वक़्त पर ऐतबार करो...!!**भविष्य की भविष्यवाणी करने का
*दो बोल प्यार के**भी क्या कमाल दिखाते हैं**लगते हैं दिल पर* *और चेहरे खिल जाते हैं**जिंदगी में अपनेपन और**एहसासों का बड़ा काम होता है**दूसरों के गमो को जो**अपनाता है वही इंसान होता है**न जाने कब क
कर्म वह फसल है जिसे इंसान को हर हाल में काटना ही पड़ता है इसलिए हमेशा अच्छे बीज ही बोए ताकि फसल भी अच्छी ही हो,ध्यान रहे कि इंसान ही एक मात्र ऐसा प्राणी है जो गिरना चाहे तो जानवर से भी नीचे गिर सकता ह
*जीवन में बुराई अवश्य हो सकती है मगर जीवन बुरा कदापि नहीं हो सकता। जीवन एक अवसर है श्रेष्ठ बनने का, श्रेष्ठ करने का, श्रेष्ठ पाने का। जीवन की दुर्लभता जिस दिन किसी की समझ में आ जाएगी उस दिन कोई भी व्य
संसार में अनेक समस्याएं हैं उनमें से सबसे बड़ी समस्या है कि मन नियंत्रण में नहीं रहता. प्रायः सभी लोग यह शिकायत करते हैं कि, क्या करें, यह मन बड़ा चंचल है, हमको भटकाता रहता है।इस प्रक
*संतोष का अर्थ प्रयत्न ना करना नहीं है अपितु प्रयत्न करने के बाद जो भी मिल जाए उसमें प्रसन्न रहना है। लोगों के द्वारा
कुछ भी साथ नही जाता इंसान के,बस जाता है नाम, काम,गुण, प्यार, व्यवहार, और बोलकौन सी शोहरत पर आदमी को नाज हैजबकि आखरी सफर के लिए भीआदमी औरों का मोहताज हैबीत जाती है ज़िंदगी ये ढूँढने मेंकि ढूँढना क्या ह
*"जिंदगी" में सबकुछ चाहने से* *कोई चीज़ अपनी नही होती.* *हर मुस्कुराहट कभी खुशी नही होती,**अरमान तो बहोत होते है, सबके दिल मे. मगर कभी वक़्त तो कभी किस्मत सबकी सही नही होती. जो व्यक्ति किसी दूसरे
जीवन की समस्याएं चाहे पर्वत जितनी बड़ी ही क्यों न हो मगर पूर्ण समर्पण और विश्वास के साथ यदि उस प्रभु की शरण ग्रहण की जाती है तो आपकी वह समस्या वह प्रभु अपने बायें हाथ की छोटी ऊँगली पर भी बड़ी सहजता से
सत्य का अवलम्बनऐ अँधियारे के दीप, जो छोड़ना चाहे साथ छोड़ दे। बिना साथियों के भी लोगों ने जिन्दगी जीकर दिखाई है।* किसी का प्यार, सहयोग और सहानुभूति न मिले तो भी काम चल जायेगा, क्योंकि ऐसे लोग भी *दुनि
*कलियुग ही सर्वश्रेष्ठ क्यों है?*मुक्ति के लिए* *आध्यात्मिक प्रसंग**एक बार बड़े-बड़े ऋषि-मुनि एक जगह जुटे तो इस बात पर विचार होने लगा कि कौन सा युग सबसे बढिया है.**बहुतों ने कहा सतयुग, कुछ त्र
राम के नाम की महिमा का गुणगान जितना ही किया जाए उतना ही कम है। राम के नाम में वह शक्ति है जिस का बखान करना बहुत ही मुश्किल है। शायद शब्दकोश में शब्द भी कम रह जाएंगे।राम का नाम तो भगवान शिव को भी
हम खुद चाहे कितना ही झूठ बोल लें पर कोई दूसरा बोल दे तो हमे बर्दाश्त नहीं होता। हम दूसरों पर कितना भी गुस्सा कर लें पर जब कोई हम पर गुस्सा करता है तब हमे बड़ा बुरा लगता है। जबक हमें स्वयं के प्रति कठोर
*हाड़ जले लाकडी जले, जले जलावन हार।**कौतुक हारा भी जले,किस से करुँ पुकार।**लकडी भी जल गयी और हड्डियां भी जल गयी। जिसने किसी को जलाया था वो भी एक दिन जल गया।**जो कभी बैठकर दुसरे की जलती चिता को देख रहा
*जीव भोगी है..... ईश्वर से भी कपट करता है।*वद्धावस्था में भजन करेंगे, गृहस्थी की जिम्मेदारियों से मुक्त होने पर भजन करेंगे। वृन्दावन में कुटिया बनाकर भजन करेंगे, किसी एकान्त स्थान में भ
*अपने लिए सुख की कामना करने से नाशवान सुख मिलता हैं और दूसरों को सुख पहुचाने से अविनाशी सुख की प्राप्ति होती है।**सुख भोगने के लिए स्वर्ग है और दुख भोगने के लिये नरक है और सुख दुख से ऊंचे उठकर महान आन
**चरण स्पर्श***हमारे शरीर के चारो तरफ एक आभामंडल होता है। व्यक्ति की ऊर्जा-स्तर के अनुसार हर मनुष्य का आभा मंडल अलग ऊर्जा तीव्रता और अलग रंग का होता है। यह आभा मंडल हमारे ऊर्जा, मानसिक शक्ति
* कर्म भोग * पूर्व जन्मों के कर्मों से ही हमें इस जन्म में माता-पिता, भाई-बहन, पति-पत्नि, प्रेमी-प्रेमिका, मित्र-शत्रु, सगे-सम्बन्धी इत्यादि संसार के जितने भी रिश्ते नाते हैं, सब मिलते हैं । क्यो
*हमारे मन में दूसरों के प्रति गुस्से असंतोष ,भय,शक शत्रुता ईष्या जैसी नकारात्मक भावनाएं इसलिए आती है कि हमने जीवन की भाग दौड़ में माफ करने की ताकत गवा दी है।* *इसलिए जीवन में लोगों को माफ करने क
*"वास्तविक "शिक्षा" वह है,? जो आपके जीवन का निर्माण करती है, आपको एक इन्सान बनाती है, आपके चरित्र का निर्माण करती है, और आपके विचारों में "सामञ्जस्य" बिठाती है,**"सब लोग जीवन में सुख शांति चाहते हैं,
कृष्ण कहते हैं मैं अमीर गरीब में भेद नही करता।। पढिये सुन्दर कथा।भगवान का एक बहुत बड़ा भक्त हुआ लेकिन वो बेहद गरीब था।एक दिन उसने अपने शहर के सब से बड़े "गोविन्द गोधाम" की महिमा सुनी और उसका वहाँ ज
अपने में विश्वास हो, अपनों में विश्वास हो, और प्रभु में विश्वास हो तो समझ जाना आपका जीवन एक आदर्श बनने बनने बाला है। विश्वास में अदभुत सामर्थ्य है कहते हैं कि विश्वास से तो ईश्वर भी प्राप्त हो जाते है