किताबों की दुनिया अनन्त है। वे कभी आपको निराश नहीं करती। हर पुस्तक आपसे संवाद स्थापित करती है। बातें करती हैं, बीते जमाने की, दुनिया की, इंसानों की, आज की, कल की, एक-एक पल की। वे किसी न किसी रूप में आपके ज़हन का हिस्सा बन जाती है और आपके व्यक्तित्व को प्रभावित करती है। मन में स्थाई भाव पैदा करती है, जो कभी खत्म नहीं होता। किताबें मित्रों में सबसे शांत, बुद्धिमान और शिक्षकों में सबसे धैर्यवान है। पुस्तकें प्रत्येक छात्र के जीवन में कल्पना की दुनिया से परिचित कराने, बाहरी दुनिया का ज्ञान प्रदान करने, उनके पढ़ने, लिखने और बोलने के कौशल में सुधार करने के साथ-साथ स्मृति और बुद्धिमत्ता को बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। किताबें तमाम शंकाओं का तथ्यात्मक समाधान करती हैं लेकिन गूगल के दौर में किताबों के प्रति हमारा लगाव, हमारी रुचि कम होती जा रही है। बच्चों के लिए पढ़ाई जरूरी भी है और मजबूरी भी, लेकिन उनके साथ-साथ हर उम्र के लोगों के लिए पढ़ना आवश्यक है। वर्तमान इंटरनेट युग में पुस्तकों का उपयोग कम हुआ है लेकिन महत्व अभी भी उतनाही है। स्कूल की पढाई से लेकर कॉलेज तक किताबों से हमारा मित्रता का रिश्ता होता है। क, ख, ग से लेकर अल्फा बीटा तक कि पढ़ाई हम पुस्तकों के माध्यम से करते है। पुस्तक से हमारे मन का अंधकार दूर होता है। स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान के बारे में जानकारी पुस्तक के जरिये ही दी जाती है। पुस्तक बच्चों से लेकर बड़ो तक सब के लिये महत्त्वपूर्ण होते हैं। बच्चे अपनी प्रारंभिक शिक्षा पुस्तकों के माध्यम से लेते हैं, तो वही बुजुर्ग उसे अपने मनोरंजन के साधन के रूप में या धार्मिक कार्यों की पूर्ति हेतु करते हैं। अर्थात वे हर क्षेत्र और उम्र में जरूरी होते हैं। ऑनलाइन पुस्तकों कही भी ले जाना बड़ा आसान होता है और फटने और कीड़े लगने से सुरक्षित भी रखा जा सकता है। कई लोग इसे पढ़ना पसंद करते हैं तो कुछ ऑनलाइन पुस्तकों को जमाना चाहे जो भी हो, पुस्तकें सदैव जरुरी रहे हैं और रहेंगे। यह आपको सदैव कुछ नया ही सिखाती है। इन्हें आसानी से अपने फ़ोन में भी सुरक्षित रखा जा सकता है। इन्हें आप अपने साथ कही भी ले जा सकते हैं और इनका आनंद उठा सकते हैं।