8 फरवरी 2022
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*किसी से उम्मीद किए बिना*<div>*उसका अच्छा करो,*</div><div>*क्योंकि....!!* </div><div>*किसी ने क
<div><br></div><div>*समय और जिन्दगी*</div><div> *दुनिया के सर्वश्रेष्ठ*</div><div> &nbs
<br><div><br></div><div>*राम और रावण में सिर्फ एक फर्क था*</div><div>*रावण को "ज्ञान" का "अहंकार" था
<div><br></div><div>ज्ञान के बाद अहंकार का जनम होता है</div><div><span style="font-size: 1em;">तो वो
<div>*किसी से अपने जैसा होने की उम्मीद मत रखिये*</div><div><br></div><div>*क्योंकि आप अपने सीधे हाथ
*ज़िंदगी में 3 चीज़ें बहुत उलझी होती हैं...*<div> &n
*कभी तानों में कटेगी,*<div>*कभी तारीफों में;*</div><div>*ये जिंदगी है यारों,*</div><div>*पल पल घटेगी
*" नफरतों में क्या रखा हैं ..,*<div>*मोहब्बत से जीना सीखो..,*</div><div>
मनुष्य का हृदय कभी भी<div> </div><div>भरा नहीं जा सकता?</div><div> </div><div>धन से, पद से
सुविचार<div><br></div><div>सपना एक देखोगे, मुश्किलें हजार आयेगी,</div><div>लेकिन वो मंजर बड़ा
<div><br></div><di
<div><br></div><div>*याद रखना साहब..जब तक आप काम के हैं लोग आपको पहचानेंगे..क्योंकि दिया जलाने के बा
*मनुष्य का जीवन कितनी विविधताओं से भरा होता है* <div>*जिसमे सुख दुख, आशा निराशा, जय पराजय के अन
<div>*जीवन में हमेशा एक दूसरे को...*</div><div>*समझने का प्रयत्न करो...*</div><div>*परखने का नहीं...
*"आशाएं ऐसी हो जो-*<div> *मंज़िल तक ले जाएँ,*</div>
*इन्सान उन चीजों से, कम बीमार*<div>*होता है जो वो खाता है...*</div><div><br></div><div>*ज्यादा बीमार
*मनुष्य में सुंदरता की*<div>*कमी हो तो अच्छे आचरण से* </div><div>*पूरी की जा सकती है।*</div><di
<div><br></div><div>*दूसरों की परख क्या करना जनाब,*</div><div>*पहचान तो खुद की करनी है।*</div><div>*
<div>*त्याग स्नेह से श्रेष्ठ है...*</div><div>*चरित्र सुंदरता से श्रेष्ठ है...*</div><div>*मानवता सम
*मूर्ख मनुष्य क्रोध को जोर* <div> *शोर से प्रकट करता है,.
*मधुर वाणी बोलना*<div> *एक मंहगा शौक है...*</div><div>  
<div><br></div><div> *विश्व में सबसे ईमानदार कर्म होता है। जो आपका प्रभुत्व, पदवी, संपत्ति और च
हम जिस चेहरे के साथ जन्म लेते हैं वो हमारे बस में नहीं होता।<div><br></div><div>मगर जिस चरित्र, व्यक
*मनुष्य के पास सबसे बड़ी पूंजी अच्छे विचार हैं!*<div><br></div><div>  
सुविचार<div><br></div><div>सुबह की नींद इंसान के </div><div>इरादों को कमज़ोर करती है,</div><div>
*उस लम्हे को बुरा मत कहो जो आपको ठोकर पहुंचाता है, बल्कि उस लम्हे की कदर करो क्योंकि वो; आपको जीने क
*"हमेशा"*<div> *अपनी छोटी छोटी* </div><div>  
<div><br></div><div>*अकेलापन इस संसार मे सबसे बड़ी सज़ा है*</div><div>*और एकांत सबसे बड़ा वरदान*</di
<div><br></div><div><span style="font-size: 1em;">*सुख और दुख में,*</span><br></div><div>*कोई ज्यादा
<br><div>"उम्मीद" के साथ शुरू हुआ प्रत्येक "दिन" "अनुभव" के साथ ही खत्म होता है....,</div><div><br><
<div><br></div><div> *मौन और मुस्कान दो शक्तिशाली हथियार होते है। मुस्कान से कई समस्याओ को हल क
<div><br></div><div> *वक्त़ रहते ही ख़ुद को बदलना सिखें। क्योंकि वक़्त बदलता है, जहां मन के विच
<div><br></div><div>*" जिंदगी भर खुश रहने का आसान मंत्र - खुश रहना है तो अपनी जिंदगी के फैसले अपनी प
जब हम बड़े हो जाते है<div>तो हमसे पेंसिल लेकर</div><div>पेन शायद इसलिए दिया जाता है,</div><div>ताकि
<div>*कर्मों की आवाज़*</div><div> *शब्दों से भी ऊँची होती है...!*</div><div>*"दू
<br><div> "बोले गए शब्द…</div><div>बीता हुआ वक़्त…</div><div>और…टूटा हुआ भरोसा…</div><div>कभी व
*पेड़ के नीचे रखी भगवान की टूटी मूर्ति को देख कर समझ आया,* <div>*कि..*</div><div>*परिस्थिति चाह
*अचानक एक मोड़ पर सुख और दुःख की मुलाकात हो गई*<div> *
<div>*</div><div><br></div><div>*जिंदगी के मायने औरों से मत सीखिए, जिंदगी आपकी है, उसके मायने आप ही
*रिश्तों को तौलने का नहीं,*<div> *सम्मान देने का प्रयास करें*</div><div><b
* सुविचार *<div><br></div><div> *"पछतावा"*</div><div
*जब मन खराब हो*<div> *तब बुरे शब्द ना बोलें,*<
*'अंधेरे को हटाने में समय बबा॔द मत करिए बल्कि दीये को जलाने में समय लगाइए।*"<div><br></div><div>*"दू
*मित्र और शत्रु को कभी,*<div>*विश्वास दिलाने की जरूरत नहीं होती !*</div><div>*क्योंकि,*</div><div>*श
<br><div> *सांसों के ताने बाने हैं*'</div><div
<div>*बुरी संगत*</div><div>उस कोयला के समान है </div><div>जो गर्म हो तो हाथ जला देती है</
<div><br></div><div>*पेड़ पर क्षमता से ज्यादा फल लग जाएं तो उसकी डालियाँ टूटना शरू हो जाती हैं और इंस
✍️ ...जिस प्रकार से *दवाई* की एक छोटी सी *गोली* इतने बड़े *शरीर* कों पूर्ण रूप से *स्वस्थ* कर देती ह
<div><span style="font-size: 1em;">*जीवन की यही सच्चाई है., आपसे लोगों की अपेक्षाओं का कोई अन्त नहीं
*दोनों ममताओं कि ख़ूबी .....*<div><br></div><div>*मां सोचती हैं बेटा आज भूखा ना रहें औऱ पिता सो
*जीवन में केवल दो ही वास्तविक धन है*<div> *समय और सांसे*</d
*इंसान की परेशानियों की*<div>*सिर्फ दो ही वजह है,*</div><div>*एक वह तकदीर से*</div><div>*ज्यादा चाहत
*अगर "लोग" आप से "नफरत" करते हैं,*<div>*तो इसके "दो कारण" हो सकते हैं..*</div><div> </div
*"क्या फर्क पड़ता है"*<div><br></div><div> *" असल में हम कैसे हैं,"*</div
*सबकी अपनी अपनी सोच है , कुछ रावण में भी गुण देख लेते है , कुछ राम के चरित्र में भी दोष खोज लेते है*
<div><br></div><div><br></div><div>*"रास्ते पर कंकड़ ही कंकड़ हो तो भी, एक अच्छा जुता पहनकर उस पर च
<br><div> विचार</div><div>*✍️ परिवार सिर्फ रक्त संबंध
*घमंड न करना जिन्दगी मे*<div>*तकदीर बदलती रहती है..!!*</div><div><br></div><div>*शीशा वही रहता है बस
*कौन कहता है कि मन कुछ भी करने का नही करता? मन यदि कुछ नही कर रहा है तो आलस कौन कर रहा है? आप
<br><div>*"समय" एक ऐसी "चीज़" है, जो गिनते रहेंगें तो "कम" पडेगा, "उपयोग" करेंगे तो "वृद्धि" होगी, "
*रोजाना पढ़ो और चिंतन करो---* <div> *पहला- मरना अवश्य है।* </div><div> *दूसरा- साथ कुछ नहीं जाना है।* </div><div> *तीसरा - जो करेगा वो भरेगा ।* </div><div>
*मानव कितने भी प्रयत्न कर ले* <div> *अंधेरे में छाया* </div><div> *बुढ़ापे में काया*</div><div> &
<div><br></div><div>*आनंद लूट ले बन्दे,*</div><div> *प्रभु की बन्दगी का।*</div><div> *ना जाने कब छूट जाये,*</div><div>*साथ जिन्दगी का।।*</div><div>*"ईश्वर से मेरी एक ही प्रार्थना है..*</div>
✍🏻<div>खूबसूरत है वो हाथ....</div><div>जो मुश्किल के वक़्त....</div><div>किसी का सहारा बन जाये...</div><div><br></div><div>खूबसूरत है वो जज्बात.....</div><div>जो दूसरों की भावनाओं....</div><
<div><br></div><div>*"परिश्रम सौभाग्य की जननी है "*</div><div>*देने के लिये "दान"*</div><div> *लेने के लिये "ज्ञान"*</div><div>  
<div> *विचार *</div><div><br></div><div> *कोई हमारी गलतियां निकालता है तो हमें खुश होन
*अच्छी सोच*<div>*चावल अगर कुमकुम के साथ मिल जाऐं* </div><div>*तो किसी के मस्तक तक पहुंच जाते हैं*</div><div><br></div><div>*और दाल के साथ मिल जाऐं*</div><div>*तो खिचड़ी बन जाते है*</div><div><br>
<br><div>*यक़ीन करना सीखो..*</div><div>*शक तो सारी दुनिया*</div><div>*करती है...!*</div><div><br></div><div> . *जिन्दगी जब देती है,*</div><div> *तो एहसान नहीं
*आंख संसार की हर चीज देखती* *है।मगर आंख के अंदर* *कुछ चला जाए, तो उसे* *नहीं देख पाती हैं। ठीक* *उसी प्रकार मनुष्य दूसरे की* *बुराइयां तो देखता है। पर अपने* *भीतर बैठी बुराइयां उसे* *दिखाई नहीं देती।*
<div>* सुविचार*</div><div>*“गलती और भगवान तभी दिखते हैं जब हम उसे मान लेते हैं”*</div><div><br></div><div> *आप उनके लिए अपना कीमती समय निकलते हैं जो हमेशा खुद को व्यस्त दिखाने का ढोंग करते हैं”*<
<span style="font-size: 1em;"> *ज़िन्दगी का सबसे लम्बा सफर एक मन से दूसरे मन तक पहुँचना है, और इसी में सबसे ज्यादा समय लगता है.!*</span><span style="font-size: 1em;"> *कुछ हासिल करने के लिए ज
*"सच्चे सम्बन्ध, शहद से अधिक मीठे एवं धन से अधिक मूल्यवान, रेशम से अधिक कोमल एवं दूध से अधिक उज्जवल(श्वेत), किसी भी मीनार से ऊँचे एवं किसी भी शक्ति स्रोत से अधिक शक्तिशाली होते हैं। अतः रिश्तों का मूल
<div> *शंका*का कोई *इलाज*नहीं, *चरित्र*का कोई *प्रमाण*नहीं, *मौन*से अच्छा कोई *साधन नहीं, और *शब्द*से तीखा का कोई *बाण* *नहीं..!!*</div><div><br></div><div><br></div>
<div>* सुविचार*</div><div><br></div><div> *"इज्जत" पर कोई*</div><div> *डिस्काउंट नहीं होता* </div><div> &nbs
<div><br></div><div> * विचार*</div><div><br></div><div> *"अनुमान" गलत हो सकता* </div><div> *है पर............................*</div
<div><br></div><div>*सत्य केवल उनके लिए कड़वा होता है जो झूठ में रहने के आदी हो चुके होते हैं।* </div><div> </div><div>*सुई चलती है कपड़ों के ऊपर बेहतर
*<span style="font-size: 1em;">यदि सफलता एक सुन्दर पुष्प है तो विनम्रता उसकी सुगन्ध।*</span><div>*जिंदगी में जो चाहो हासिल कर लो, बस इतना ख्याल रखना कि, आपकी मंजिल का रास्ता, लोगो के दिलों को तोड़ता
<div>*“वाणी में भी अजीब शक्ति होती है कड़वा बोलने वाले का शहद भी नहीं बिकता और मीठा बोलने वाले की मिर्ची भी बिक जाती है”*</div>
*एक हल्का सा हवा का झोंका जलते “दीपक” को बुझा सकता है पर “अगरबत्ती” को नहीं…,** <div> *क्योंकि जो “महकता” है वही पुरा जीवन आनंदित रहता है..., और जो “जलता” है वह खुद बुझ जाता है
<div><br></div><div> *माना कठिनाई आने से आदमी अकेला हो जाता है, पर कठिनाई आने पर ही अकेला व्यक्ति मजबूत होना सीख जाता है। कभी टूटते हैं, तो कभी बिखरते हैं। विपत्तियों में इन्सान ज्यादा निखरते हैं
<div><br></div><div>*रिश्ते... प्यार... मित्रता...*</div><div>*हर जगह पाये जाते है*</div><div>*परंतु ये ठहरते वही है*</div><div>*जहाँ पर इनको*</div><div>*आदर ओर प्यार मिलता है*</div><div>*कच्चे कान शक
*गलत व्यक्ति"जितना भी मीठा बोलें**एक दिन आपके लिए बीमारी बन जाएगा।**और "सच्चा व्यक्ति" कितना भी कड़वा लगे, एक दिन औषधि बनकर आपके काम आएगा।**धनवान वह नहीं है,* *जिसकी तिजोरी*&
*मैं सब कुछ,और तुम कुछ* *भी नहीं.........* *बस यही सोच, हमें इंसान*  
*आगे बढ़ने वाला व्यक्ति* *कभी किसी को* *बाधा नहीं पहुंचाता**और* *दूसरों को बाधा पहुंचाने वाला**व्यक्ति कभी आगे नहीं बढ़ता...*
*लड़ने की ताकत सबके पास होती है। लेकिन किसी को जीत पसंद होती है, तो किसी को सम्बन्ध.!* *अपने दिल में जो है उसे कहने का साहस, और दूसरों के दिल में जो है उसे समझने
*"सुंदरता" और "सरलता"की तलाश चाहे ...हम सारी दुनिया घूमके कर लें,लेकिन.....अगर वो हमारे अंदर नहीं तो फिरसारी दुनिया में कहीं नहीं है ।*
*जिस प्रकार श्वास हमारे शरीर को चलाता है। उसी प्रकार विश्वास हमारे सम्बंन्धो को चलाता है.!* *साथ जरूरी नही है, एहसास जरूरी है। लाख दूरियां चाहे क्यों न हो एक दूजे पर विश्वास जरूरी है.!!*
सुविचार बड़ों की छत्रछाया हमारी संस्कृति और संस्कार हैं "बोझ नहीं" यह
* सुविचार **निंदा से कभी मत घबराना क्योकि निंदा उन्ही की होती है जो जिंदा हैं मरने के बाद तो केवल तारीफ ही सुनाई देती है इंसान चाहे कितना भी बेकार रहा हो* *इस पर बुजुर्गों की एक पुरानी कहावत है क
*बदलाव ही जीवन का सार है, जहां बदलाव नहीं वहां जीवन नहीं।।**जिससे किसी को उम्मीद नहीं होती अक्सर वही लोग कमाल करते हैं।।**जो लोग अपनी सोच को नहीं बदल सकते वो जिंदगी में कुछ नहीं बदल सकते।।**बुराई इसलि
कुँऐ का पानी सब फसलों को एक समान मिलता हैलेकिन फिर भी करेला कडवा, गन्ना मीठा और इमली खट्टी होती हैयह दोष पानी का नही है, बीज का है..वैसे ही मनुष्य सभी एक समान है परन्तुउन पर संस्कारों का असर पड़ता ह
*किसी के साथ धोखेबाजी कर के खुश मत होना,तकदीर जब तमाचा मारती है तो वो मुंह पर नहीं सीधा रूह पर लगता है*। *समय कब बदल जाए कोई नहीं कह सकता,भाग्य कब साथ छोड़ दे कोई नहीं जान सकता,इसलिए समय और भाग्य
*एक बार इंसान ने कोयल से कहा* *"तूं काली ना होती तो* *कितनी अच्छी होती"*
*हथेली पर रखकर नसीब**तु क्यों अपना मुकद्दर ढूँढता है**सीख उस समन्दर से**जो टकराने के लिए पत्थर ढूँढता है**छोटी-छोटी बातो को**बड़ा करना व्यर्थ है और व्यर्थ**बातों का परिणाम व्यर्थ ही होता है**लोग
*ज़िन्दगी" बदलने के लिए* *लड़ना पड़ता है..!* *और आसान करने के लिए*  
*प्रशंसा चरित्र की हो तो ज्यादा उत्तम है!...चित्रो की नहीं...**क्योंकि चित्र बनाने में कुछ दिन,कुछ समय लगते हैं...**चरित्र बनाने में पूरा जीवन.......l* *अपनी सुंदरता का आंकलन**दर्पण
*भरोसा और आशीर्वाद* *कभी दिखाई नही देते ....* *लेकिन* *असम्भव को सम्भव* *बना देते है.....!!* *माली प्
*परिस्थितिया जब विपरीत होती है..!* *उस समय केवल स्वभाव* *और सम्बंध ही काम आते है..* *प्रभाव और पैसा नहीं.!!*
*सुख और दुख अपने नसीब से मिलता है अमीरी – गरीबी से इसका कोई लेना देना नहीं रोने वाले महलों में भी रोते हैं और किस्मत में खुशियाँ हो तो झोपड़ी में भी हँसी गूंजती हैं*।*"आनंद"*
शरीर सुंदर हो या ना हो पर शब्दों को जरूर सुंदर रखिये ! &n
<br><div><br></div><div>*जीवन में*</div><div>*जितना आवश्यक है,*</div><div>*सिर्फ उस पर ही ध्यान दें।*</div><div><br></div><div>*आप महसूस करेंगे कि*</div><div>*अचानक आपके जीवन में*</div><div>*शांति की
*अच्छे विचारों को पढ़कर छोड़ दे तो, कोई परिवर्तन नहीं आती। बल्कि विचारों पर चलकर ही परिवर्तन आती है।* *" *दुखी"रहना है तो, हर किसी में कमी खोजो और "प्रसन्न" रहना है तो हर किस
विचार*सत्य केवल उनके लिए कड़वा होता है।**जो झूठ में रहने के आदी हो चुके होते हैं।* *सुई चलती है कपड़ों के ऊपर**बेहतरीन लिबास बनाने के लिए।**हर चुभने वाली च
*दो पल के गूस्से से**प्यार भरा रिश्ता बिखर जाता हैं**होश जब आता हैं तो वक्त निकल जाता है* *उचित समय पर पिए गये* *कड़वे घूँट**सदैव जीवन मीठा*
*गुस्सा और अहंकार जीवन में क्रेडिट कार्ड्स की तरह होते हैं,**अभी जितना उपयोग करोगे बाद में उतना भुगतान करना पड़ेगा...।*अगर आपके पास मन की* *शांति और परिवार का साथ है त
*‘जब आपस में विश्वास होता है तो बिना कुछ कहे भी सारी बात समझ आ जाती है. अगर विश्वास न हो तो कितना भी कहते रहें, कोई बात समझ में नहीं आती. विश्वास रिश्तों की आत्मा होती है.’*
*रिश्तों की कद्र करनी है तो* *वक़्त रहते कर लीजिए* *वरना बाद में* *सूखे पेड़ को पानी देकर हरियाली की* *आशा रखना व्यर्थ है*
*मतलब की बात सब समझ लेते है, लेकिन बात का मतलब लोग नहीं समझना चाहते हैं .* *सौभाग्य से जो प्राप्त होता है उसे सात "पीढ़ी" "भोगती" है**जो छीन कर हासिल करते हैं उसे सात पीढी भुगतती है!!**सम्बन्धों
"* पैसों से मिली खुशी कुछसमय के लिए रहती है…लेकिन अपनों से मिली खुशीजीवन भर साथ रहती है “
*जीवन के ( 6 ) सत्य ** 1 कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कितने खूबसूरत हैं ? क्योंकि लँगूर और गोरिल्ला भी अपनी ओर लोगों
*जहां अंहकार की धुंध होती है;**वहां ज्ञान का जहाज;**नहीं उतर पाता;...!!* *एक गलती आपका अनुभव* *बढ़ा देती है; और अनुभव* *आपकी गलतियां कम कर देता
*.सुविचार.* *जीवन.li मे सलाहकार.li जो भी हो अच्छा.li होना चाहिये क्योकि दिशा.li और दशा.li हमारे सलाहकार पर बहुत निर्भर.li करता है क्य
*संगत मे शुद्ध विचार**और**पंगत मे शुद्ध आहार न हो तो**छोड़़ देने मे ही बुद्धिमानी है।**चक्रव्यूह रचने वाले सारे अपने ही होते हैं.!**कल भी यही सच था**और आज भी यही सच है.!वही इंसान रिकॉर्ड तोड़ता है, जि
*शिक्षा और संस्कार जिंदगी जीने का मूल मंत्र है,**शिक्षा कभी झुकने नहीं देगी और संस्कार कभी गिरने नहीं देंगे।*
परिश्रम करने से निर्धनता नहीं रहती, धर्म करने से पाप नहीं रहता और मौन रहने से कलह नहीं होती.परमात्मा पर भरोसा किया करोभरोसा क्या है?भरोसा वो चीज है, जिसके टूटने पर आवाज त
*महत्वपूर्ण विषय तृष्णा पर विचार-* *पहले साधारण इच्छा उत्पन्न होती,* *है, वह बढ़कर तृष्णा बनती है |**तृष्णा पैदा होने से प्रमाद और* *पाप आकर उसका साथ देते हैं |**फि
&nbs
*नेकी**जिंदगी को**हारने नहीं देती..*बल्कि*ख़ुशियों से**जीने का बेहतरीन**तरीक़ा बताती है..!!**जीतने वाले कोई अलग काम नहीं करते, वे हर काम को अलग ढंग से करते हैं।**निष्क्रियता* *संदेह और भय को*&nbs
* *"रिश्ता" ऐसा हो* *जिस पर नाज़ हो,* *कल जितना "भरोसा" था* *उतना ही आज हो,....!* *"रिश्ता" सिर्फ वो नहीं जो* *"ग़म
*सरल रहो ताकि सब तुमसे मिल सकें!* *तरल रहो ताकि तुम सब में घुल सको!!* *बहुत ज़्यादा परखने से,* *बहुत अच्छे रिश्ते भी टूट जाते हैं...*
*दुनिया में हद से ज्यादा**किसी पर निर्भर ना रहें* *क्योंकि ,**जब आप किसी की छाया में* *होते हैं तो आपको अपनी परछाई* *नज़र नहीं आती..…।।*
*रिश्ते अंकुरित होते हैं प्रेम से,**जिंदा रहते हैं संवाद से,**महसूस होते हैं संवेदनाओं से,* *जिये जाते हैं दिल से,**मुरझा जाते हैं गलत फहमियों से,**बिखर जाते हैं अंहकार से**और मर जाते हैं शीत-युद
*सुविचार**अपनी असफलताओं को खुद पर हावी मत होने दो,**बल्कि असफलताओं को ही अपनी सफलता की सीढी के रूप में इस्तेमाल करो |**समस्
*लोग बुराई करें* *और* *आप दुखी हो जाओ ,* *लोग तारीफ करें*&n
*फल और फूल,**पेड़ पर पत्तों से कम होते हैं**परन्तु...* *फिर भी वो पेड़ उन्हीं के नाम से जाना जाता है**उसी तरह हमारे पास अच्छी बातें कितनी ही क्यूँ ना हों* *पर...* *पहचान तो सिर्फ अच्छे
*भ्रम हमेशा**रिश्तो को बिखेरता है**और प्रेम से**अजनबी भी बंध जाते हैं**किसी के लिए समर्पण* *करना मुश्किल नहीं है**मुश्किल है उस व्यक्ति को* *ढूंढना जो आपके "समर्पण* *की कदर करें*...
*जिस समय से हमारा मन दूसरों के लिए* *दुवाएँ करना प्रारंभ कर देता है,**उसी समय से शांति और खुशियों हमारे**जीवन में प्रवेश करना शुरू कर देती है।*
जीवन में जय और पराजय केवल मन के भाव हैं। यानी जब हम किसी कार्य के शूरू में ही हार मान लेते हैं कि हम सचमुच में ही हार जाते हैं। लेकिन अपनी मंजिल के लिए जब जूझते हैं, बार-बार गिर कर खड़े होते हैं तो हम
*"दु:ख और परिश्रम"**मानव जीवन के लिये अत्यंत आवश्यक हैं,* *"क्योंकि"**दु:ख के बिना ह्रदय निर्मल नहीं होता,*
*गुरूर में इंसान को कभी इंसान नहीं दिखता , जैसे छत पर चढ़ जाओ तो अपना ही मकान नहीं दिखता , जिद , गुस्सा , गलती , लालच और अपमान उन खर्राटों की तरह होते हैं, जो दूसरा करे तो चुभते हैं परंतु स्वयं करें त
सुविचार * *जो व्यक्ति* *अपने सपनों को* &nbs
*बहुत सौदे होते हैं संसार में,*मगर....!*सुख बेचने वाले*और दुःख खरीदने वाले*नहीं मिलते।*पता नहीं क्यों ?*"लोग रिश्ते" छोड़ देते हैं,*लेकिन जिद नहीं".....!*हृदय से----* साफ़ और अच्छे लोग*बहुत ही सस्
*जीवत कोय समुझै नहीं* *मुवा न कह संदेश ।* *तन-मन से परिचय नहीं* *ताको क्या उपदेश ।।** मनुष्य जब सुखी रहता है.. तो को
*जिस दिन पत्ते को ये पता चल जाये कि हमारे मूल ये नहीं हैं.. जिसमें मैं लटक रहा हूँ । हमारे मूल तो जमीन के भीतर हैं । जब तक हम पत्ते जैसे जीवों को लगे कि जिस परिवार रूपी टहनी में मै
*सब फैसले हमारे नहीं होते,**कुछ फैसले वक़्त के भी होते हैं**होंसला और घोंसला मत छोड़िए,**बाकी सब ठीक है,**ठीक ही रहेगा...**सासों का रुक जाना ही मरना नहीं होता!**वो हर व्यक्ति मरा हुआ हैं,ज
*विचार ऐसे रखो कि तुम्हारे**विचारों पर भी किसी को विचार करना पड़े* *समुद्र बनकर क्या फायदा* *ब
क्या खोजते हो दुनिया में, जब सब कुछ तेरे अन्दर है। क्यों देखते हो औरों में, जब तेरा मन ही दर्पण है।दुनिया बस एक दौड़ नहीं, तू भी अश्व नहीं है धावक रुक कर खुद से बातें कर
*कमाई की कोई निश्चित परिभाषा नहीं होती है। परवाह करने वाला दोस्त, दर्द समझने वाला पड़ोसी, और इज्जत करने वाले रिश्तेदार, यह सब कमाई के ही रूप हैं.!* *हक़ीक़त रूबरू हो तो अदाकारी नही चलती है, ठ
*▪️अपना दर्द▪️* *महसूस करना* *ज
* सुविचार**अच्छे लोगो की संगत से हमेशा अच्छी बातें ही सिखने को मिलती है ,...* *क्योंकि हवा जब फूलों से गुजरती है तो वो भी खुश्बूदार हो जाती है..!!**अच्छे रिश्तों को वादे और शर्तों की जरुरत नहीं ह
*सुविचार**बहुत सुन्दर शब्द जो एक मंदिर के दरवाज़े पर लिखे थे*❝ *सेवा करनी है तो* - *घड़ी मत देखो* ❞❝ *प्रसाद लेना है तो - *स्वाद मत देखो* ❞❝ *सत्संग सुनाना है तो* - *जगह मत देखो*❞❝ *बिनती करनी है तो* -
*सुविचार**परिवर्तन से डरना* *और संघर्ष से कतराना* *मनुष्य की सबसे बड़ी कायरता है* *जीवन का सबसे बड़ा गुरु* &nbs
*जहां प्रेम होता हैं* *वही सागर बहता है* *प्रभू भी वहीं बसते हैं* *और ..* *वहां रिश्ते भी अपने आप ही बन जाते हैं* *ये प्रेम ही तो ह
*शब्द ही जीवन को अर्थ दे जाते है**और**शब्द ही जीवन में अनर्थ कर जाते है।* *अच्छा बनना और अच्छा होना में जमीन आसमान का फ़र्क होता है .... ,**लोग अच्छा बनने के लिये न जाने कितने लोगो
*आलस्य बहुत खतरनाक होता है। शरीर द्वारा किसी काम को करने की असमर्थता व्यक्त करना, यह शारीरिक आलस्य है। मगर किसी काम को
प्रेम एक ऐसा अनुभव है,जो मनुष्य को कभी हारने नहीं देता,औरघृणा एक ऐसा अनुभव है,जो इंसान को कभी जीतने नहीं देता।काम करने वालों की कदर करो,कान भरने वालों की नहीं। &
*गुस्सा आए**तो रूकना सीखे**....और.....**गलती हो जाए**तो झुकना सिखो* *इस दुनिया में वह इंसान ही सबसे मजबूत है**जिसके...**ख़्वाब भी टूटे, सपने भी टूटे, अपने भी रूठे हैं ...।।**फिर भी वह कहे...सब ठ
*"पछतावा"* *अतीत नहीं बदल सकता* *"और चिंता"* *भविष्य नहीं सँवार सकती !* *"इसलिए"
*गुणवान मनुष्य के संपर्क में रहकर सामान्य मनुष्य भी गौरव प्राप्त करता है...**जैसे की फूलों के हार में रहकर धागा भी मस्तक के ऊपर स्थान प्राप्त करता है...*
*सुख भोगने के लिए स्वर्ग है तथा दु:ख भोगने के लिए नरक है और सुख-दु:ख दोनों से ऊंचे उठकर महान् आनन्द प्राप्त करने के लिए यह मनुष्य लोक है।* *त्याग स्नेह से बडा होता है, चरित्र, सुन्दरता से श्रेष्ठ
*सुविचार - "जीवन की सुन्दरता बाहरी वैभव में नहीं, मनुष्य के आन्तरिक संसार में हुआ करती है। जिसके गुण, कर्म, स्वभाव जितने ही सात्विक और सुरुचिपूर्ण होंगे उसका जीवन उतना ही प्रसन्न उतना ही सु
*सुविचार - "सभी को 24 घंटे मिलते हैं, लेकिन इसी समय में कुछ लोग ऐसा कुछ कर जाते हैं, जिसे चमत्कार की श्रेणी में गिना जाता है और कुछ इसे यों ही बरब
*हम एक दूसरे के साथ कर्मों की डोरी से**बँधे हुए हैं अपने कर्मों के लेन-देन का**हिसाब पूरा करने के लिए यहां आते हैं**संसार में कोई माँ-बाप तो कोई औलाद**बनकर आ जाता है कोई दोस्त और**कोई रिश्तेदार बनकर आ
*विवेक विचार* *जिस प्रकार से दवाई की एक छोटी सी गोली इतने बड़े शरीर को पूर्ण रूप से स्वस्थ कर देती है,उसी प्रकार से ईश्वर का थोड़ा सा स्मरण भी मनुष्य के पूरे जीवन को खुशहाल और खूबसूरत
*जिस इंसान के पास* *"समाधान"**करने की शक्ति, जितनी अधिक* *होती है...* *उस इंसान के पास "रिश्तों* *का दायरा" उतना ही अधिक*
*जो काम धीरे बोलकर, मुस्कुराकर और प्रेम से बोलकर कराया जा सकता है उसे तेज आवाज में बोलकर और चिल्लाकर करवाना मूर्खों का काम है और जो काम केवल गुस्सा दिखाकर हो सकता है, उसके लिए वास्तव में गुस्सा करना य
*...एक "बार" एक "व्यक्ति" ने* *दूसरे "व्यक्ति" से* *पूछा कि आप "बिना कारण"* *"सुबह"-सुबह "लोगों" को* *"शुभ स
*अपनो से "दूरियाँ" धुंए की तरह है..**जितनी बढाएंगे, उतनी घुटन होगी..* *और**"नजदीकियाँ" धुंध की तरह है..**जितना पास आएंगे, उतनी राहत होगी..**सारी उम्र बस एक ही "सबक" याद रखियेगा..**"संबध", "रिश्ते
"शतरंज" सी जिन्दगी में, कौन किसका "मोहरा" है...आदमी एक है मगर, सबका किरदार "दोहरा" है..इंसान का सबसे बड़ा दुश्मन उसका "अज्ञान" या "मूर्खता" नहीं, बल्कि उसके "सर्वज्ञानी" होने का भ्रम है..!!विश्वास वृ
*जीवन में कोई भी चीज इतनी खतरनाक नहीं जितना भ्रम में और डांवाडोल की स्थिति में रहना है। आदमी स्वयं अनिर्णय की स्थिति में रहकर अपना नुकसान करता है। सही स
*जो समय चिंता में व्यतीत होता है वह कूड़ेदान में जाता है ,**और जो समय चिंतन में व्यतीत होता है वह तिजोरी में जमा होता है .**एक 'मिट्टी' का दिया' सारी रात अंधियारे से लड़ता है ,**तुम तो भगव
*"रास्ते" पर "गति" की सीमा है!**"बैंक" में "पैसों" की सीमा है!**"परीक्षा" में "समय" की सीमा है!* *परन्तु,**हमारे "सोच" की कोई सीमा नही.!**इसलिए "सदा" "श्
“जिंदगी का हर पल खुश रहकर जीना चाहिए क्योंकि हर शाम केवल सूरज ही नहीं ढलता बल्कि आपकी जिंदगी का एक और दिन भी ढल जाता है”
*संग*महापुरूष बताते है जो जैसा संग करता है उसकी वैसी पहचान बन जाती है संग का इस जीवन मे प्रभाव पड़ता ही पड़ता है। दुर्योधन ने शकुनि का संग किया ओर वह उस दुष्ट विचारो के प्रभाव मे दुष्ट बनता चला गया
*सुविचार * *जो सबसे कुछ "सीख" लेता है,* *वही "बुद्धिमान" है**जिसका अपनी "इच्छाओं" पर नियंत्रण है*,
*तस्वीर से ज्यादा महंगा फ्रेम होता है।**पर अगर वह खाली हो तो कीमती होने के बावजूद भी उसकी अहमियत नहीं होती।**उसी तरह हम आत्मा को पहचान नहीं पाते और शरीर की ही सजावट में लगे हैं, पर जब इसमे से आत्मा नि
* कर्महीन जीवन **एक क्षण के लिए भी कर्महीन जीवन मत जियो कुछ कर्म अपने जीवन को आगे बढ़ाने के लिए करो। कुछ कर्म अपनों को आगे बढ़ाने के लिए करो। और कुछ कर्म समाज के लिए करो, ये कर्म सत्कर्म कहलाते हैं।**कि
*दुनिया के चार स्थान कभी नहीं भरते, समुन्द्र, श्मशान, तृष्णा का घडा और मनुष्य का मन.!* *राहों पर सब है लेकिन मंजिल वो ही पाते हैं जो किसी का बुरा नहीं सोचते.!!*
*कर्मो से डरो ईश्वर से नही* *हमारा स्वभाव है। जवानी संसार को देते हैं और बुढ़ापा भगवान को देते हैं। हमारे देने से पता चलता है कि हमारी नज़रो मे
*संबंधो का पौधा जब भी लगाओ**जमीन को भी परख लेना**सभी मिट्टी मैं रिश्तों को उपजाऊ**बनाने की आदत नहीं होती**सत्य उनके लिए ही कड़वा होता है**जो झूठ में रहने के आदी हो चुके है**शांत मन ही आत्मा की ताकत है*
*संसार में रहो लेकिन संसार को अपने अंदर ना रहने दो। जैसे पानी में नाव है। लेकिन नाव में पानी आ गया तो क्या होगा? नाव डूब जाएगी।**इसलिए संसार में रहते हुए सब सम्बन्ध अच्छे से निभाइए। लेकिन किसी से कोई
*"भाग्य बारिश का पानी है* *और..* *परिश्रम कुंए का जल*.... *बारिश में नह
*मनुष्य अपनी क्षमताओं की कभी क़दर नहीं करता, वह हमेश उस चीज़ की आस लगाये रहता है जो उसके पास नहीं है।**महान वह है जो दृढतम निश्चय के साथ सत्य का अनुसरण करता है |* *मुस्कराओ, क्योकि हर किसी में आत
*"रोग "* *अपनी ही "देह"* *में पैदा होकर भी* *हानि पहुंचाता है*। *और**"औषधि" वन में पैदा होकर भी हमारा लाभ ही करती है*।
झाड़ू जब तक ,बंधी रहती है,तब तकवो कचरे को साफकरती रहती है।बंधन खुलते ही झाड़ू ,खुद कचरा बन जाती है।इसीलिए हमेशाअपनों से बंधे रहें ।
*जब कभी परिस्थिति प्रतिकूल हो अनुकूलता के सारे साधन नष्ट भ्रष्ट हो रहे हो चारों ओर केवल निराशा एवं घोर अंधकार दिखाई देता हो अशांति की बड़ी भयानक आंधी आ रही हो आप उस स
*"हमारा व्यवहार कई बार हमारे ज्ञान से अधिक अच्छा साबित होता है!!!**क्योंकि जीवन में जब विषम परिस्थितियां आती हैं,**तब ज्ञान हार सकता है,,,**किन्तु व्यवहार से हमेशा जीत होने की संभावना रहती है*
सुखी जीवन का आसान रास्ता ये है की "सबको हराने" की जगह "सबको जीतने" की कोशिश करो!लोगो पे ....हँसने की जगह लोगो के साथ.... हँसो! बीते कल का " अफसोस" &
*गुस्सा अकेला आती हैं, मगर हमसे सारी अच्छाई ले जाती हैं !* *सब्र भी अकेला आती हैं, मगर हमें सारी अच्छाई दे जाती हैं !!* *परिस्थितियाँ जब विपरीत होती है, तब व्यक्ति का "प्रभाव औ
अनमोल-सुविचार*विश्वास और भरोसा उन ईटों की तरह होता है, जिन पर पूरी इमारत टिकी होती है। यदि एक भी ईंट खिसक जाए तो या तो दरार पड़ जाती है या इमारत गिर जाती है.!* *रिश्तो को हमेशा बन
*जीवन में सब कुछ अस्थाई है,**अगर सब कुछ अच्छा चल रहा है**तो उसका आनन्द लेतें रहें क्योंकि**वो हमेशा रहने वाला नहीं है।* *यदि कुछ बुरा चल रहा है ...**तो चिन्ता न करें, क्योंकि**वो भी हमेशा रहने वा
*ये दुनिया भी कितनी निराली है!**जिसकी आँखों में नींद है …. उसके पास अच्छा बिस्तर नहीं …जिसके पास अच्छा बिस्तर है …….उसकी आँखों में नींद नहीं …**जिसके मन में दया है ….उसके पास किसी को देने के लिए धन नह
*समय अच्छा' हो तो आपकी 'गलती' भी 'मजाक' लगती है, और 'समय खराब' हो तो आपकी 'मजाक' भी 'गलती' बन जाती है !! "झुको" उतना, जितना सही हो, "बेवजह" झुकना दूसरों के "अहम्" को बढ़ावा देता है "कठिन" समय
*"ना फिसलो इस उम्मीद में,**कि कोई तुम्हें उठा लेगा,**सोच कर मत डूबो दरिया में,**कि तुम्हें कोई बचा लेगा,**ये दुनिया तो एक अड्डा है**तमाशबीनों का दोस्तों !**अगर देखा तुम्हें मुसीबत में,**तो हर कोई यहां
*जिन्दगी में जितना हो सके दो चीजों से हमेशा दूरी बना के रखना।* *पहला "दिखना" और दूसरा "दुखाना"। दिखना यानि दिखावा, जो कुछ आप हैं नहीं दूसरों के सामने वो बनना, अथवा वो क्षणिक व्यवहार जो आपके द्वार
*"ज़िन्दगी गुज़र जाती है**ये ढूँढने में कि,*ढूंढना क्या है..!!* *अंत में तलाश सिमट जाती है**इस सुकून में कि,* *जो मिला.....वो भी* *कहाँ साथ लेकर जाना है .. !!!"*
परिवर्तन संसार का नियम है। जो प्राणी इस नियम को स्वीकार नहीं करता या जिसकी मनः स्थिति इस नियम की समर्थक नहीं, निश्चित ही उस आदमी के जीवन में सुख शांति की फसल नहीं उग पाती। जो बीज अपने अस्तित्व को नहीं
*कभी कभी ठोकरें भी**अच्छी होती हैं**एक तो रास्ते की* *रुकावटों का पता चलता है,**और दूसरा**संभालने वाले हाथ किसके हैं**ये भी पता चलता है**मंजिल इंसान के हौसले आजमाती है**सपनों के परदे आंखों से हटा
* सुविचार **किसी के कहने से यदि**"अच्छा" या "बुरा" होने* *लगे तो ये संसार या तो**"स्वर्ग" बन जाये या पूरी*  
*मुश्किल इस दुनिया में कुछ भी नहीं फिर भी लोग अपने इरादे तोड़ देते है। सुना है अगर सच्चे दिल से चाहत हो कुछ पाने की तो सितारे भी अपनी जगह छोड़ देते है.!* *दुनिया वो किताब है जो कभी नहीं पढी़
अभिमान तब आता है जब हमे लगता है, हमने कुछ काम किया है और सम्मान तब मिलता है जब दुनिया को लगता है, कि आप ने कुछ महत्वपूर्ण काम किया है l जो दूसरों को इज़्ज़त द
सुख चाहते हो तो महेनत करने मे थकना नहीं शांति चाहते होतो रात को जागना नहीं सम्मान चाहते हो तो व्यर्थ