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हिन्दू धर्म से जानकारी जुड़ी जानकारी

28 नवम्बर 2021

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■ काष्ठा = सैकन्ड का  34000 वाँ भाग
■ 1 त्रुटि  = सैकन्ड का 300 वाँ भाग
■ 2 त्रुटि  = 1 लव ,
■ 1 लव = 1 क्षण
■ 30 क्षण = 1 विपल ,
■ 60 विपल = 1 पल
■ 60 पल = 1 घड़ी (24 मिनट ) ,
■ 2.5 घड़ी = 1 होरा (घन्टा )
■3 होरा=1प्रहर व 8 प्रहर 1 दिवस (वार)
■ 24 होरा = 1 दिवस (दिन या वार) ,
■ 7 दिवस = 1 सप्ताह
■ 4 सप्ताह = 1 माह ,
■ 2 माह = 1 ऋतू
■ 6 ऋतू = 1 वर्ष ,
■ 100 वर्ष = 1 शताब्दी
■ 10 शताब्दी = 1 सहस्राब्दी ,
■ 432 सहस्राब्दी = 1 युग
■ 2 युग = 1 द्वापर युग ,
■ 3 युग = 1 त्रैता युग ,
■ 4 युग = सतयुग
■ सतयुग + त्रेतायुग + द्वापरयुग + कलियुग = 1 महायुग
■ 72 महायुग = मनवन्तर ,
■ 1000 महायुग = 1 कल्प
■ 1 नित्य प्रलय = 1 महायुग (धरती पर जीवन अन्त और फिर आरम्भ )
■ 1 नैमितिका प्रलय = 1 कल्प ।(देवों का अन्त और जन्म )
■ महालय  = 730 कल्प ।(ब्राह्मा का अन्त और जन्म )


हिन्दू धर्म में कुछ संख्याओं का विशेष महत्व है 
1) एक ओम्कार् (ॐ)

2) दो लिंग - नर और नारी ।

दो पक्ष - शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष।

दो पूजा - वैदिकी और तांत्रिकी।

दो अयन- उत्तरायन और दक्षिणायन।

3) तीन देव - ब्रह्मा, विष्णु, शंकर।

तीन देवियाँ - सरस्वती, लक्ष्मी, पार्वती।

तीन लोक - पृथ्वी, आकाश, पाताल।

तीन गुण - सत्वगुण, रजोगुण, तमोगुण।

तीन स्थिति - ठोस, द्रव, गैस।

तीन स्तर - प्रारंभ, मध्य, अंत।

तीन पड़ाव - बचपन, जवानी, बुढ़ापा।

तीन रचनाएँ - देव, दानव, मानव।

तीन अवस्था - जागृत, मृत, बेहोशी।

तीन काल - भूत, भविष्य, वर्तमान।

तीन नाड़ी - इडा, पिंगला, सुषुम्ना।

तीन संध्या - प्रात:, मध्याह्न, सायं।

तीन शक्ति - इच्छाशक्ति, ज्ञानशक्ति, क्रियाशक्ति।

4) चार धाम - बद्रीनाथ, जगन्नाथ पुरी, रामेश्वरम्, द्वारका।

चार मुनि - सनत, सनातन, सनंद, सनत कुमार।

चार वर्ण - ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, शूद्र।

चार नीति - साम, दाम, दंड, भेद।

चार वेद - सामवेद, ॠग्वेद, यजुर्वेद, अथर्ववेद।

चार स्त्री - माता, पत्नी, बहन, पुत्री।

चार युग - सतयुग, त्रेतायुग, द्वापर युग, कलयुग।

चार समय - सुबह, शाम, दिन, रात।

चार अप्सरा - उर्वशी, रंभा, मेनका, तिलोत्तमा।

चार गुरु - माता, पिता, शिक्षक, आध्यात्मिक गुरु।

चार प्राणी - जलचर, थलचर, नभचर, उभयचर।

चार जीव - अण्डज, पिंडज, स्वेदज, उद्भिज।

चार वाणी - ओम्कार्, अकार्, उकार, मकार्।

चार आश्रम - ब्रह्मचर्य, ग्राहस्थ, वानप्रस्थ, सन्यास।

चार भोज्य प्रकार - खाद्य, पेय, लेह्य, चोष्य।

चार पुरुषार्थ - धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष।

चार वाद्य - तत्, सुषिर, अवनद्व, घन।

5) पाँच तत्व - पृथ्वी, आकाश, अग्नि, जल, वायु।

पाँच देवता - गणेश, दुर्गा, विष्णु, शंकर, सुर्य।

पाँच ज्ञानेन्द्रियाँ - आँख, नाक, कान, जीभ, त्वचा।

पाँच कर्म - रस, रुप, गंध, स्पर्श, ध्वनि।

पाँच - उंगलियां - अँगूठा, तर्जनी, मध्यमा, अनामिका, कनिष्ठा।

पाँच पूजा उपचार -गंध, पुष्प, धुप, दीप, नैवेद्य।

पाँच अमृत - दूध, दही, घी, शहद, शक्कर।

पाँच प्रेत - भूत, पिशाच, वैताल, कुष्मांड, ब्रह्मराक्षस।

पाँच स्वाद - मीठा, चर्खा, खट्टा, खारा, कड़वा।

पाँच वायु - प्राण, अपान, व्यान, उदान, समान।

पाँच इन्द्रियाँ - आँख, नाक, कान, जीभ, त्वचा, मन।

पाँच वटवृक्ष - सिद्धवट (उज्जैन), अक्षयवट (इलाहाबाद), बोधिवट (बोधगया), वंशीवट (वृंदावन), साक्षीवट (गया)।

पाँच पत्ते - आम, पीपल, बरगद, गुलर, अशोक।

पाँच कन्या - अहिल्या, तारा, मंदोदरी, कुंती, द्रौपदी।

6) छ: ॠतु - शीत, ग्रीष्म, वर्षा, शरद, बसंत, शिशिर।

छ: ज्ञान के अंग - शिक्षा, कल्प, व्याकरण, निरुक्त, छन्द, ज्योतिष।

छ: कर्म - देवपूजा, गुरु उपासना, स्वाध्याय, संयम, तप, दान।

छ: दोष - काम, क्रोध, मद (घमंड), लोभ (लालच), मोह, आलस्य।

7) सात छंद - गायत्री, उष्णिक, अनुष्टुप, वृहती, पंक्ति, त्रिष्टुप, जगती।

सात स्वर - सा, रे, ग, म, प, ध, नि।

सात सुर - षडज्, ॠषभ्, गांधार, मध्यम, पंचम, धैवत, निषाद।

सात चक्र - सहस्त्रार, आज्ञा, विशुद्ध, अनाहत, मणिपुर, स्वाधिष्ठान, मुलाधार।

सात वार - रवि, सोम, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि।

सात मिट्टी - गौशाला, घुड़साल, हाथीसाल, राजद्वार, बाम्बी की मिट्टी, नदी संगम, तालाब।

सात महाद्वीप - जम्बुद्वीप (एशिया), प्लक्षद्वीप, शाल्मलीद्वीप, कुशद्वीप, क्रौंचद्वीप, शाकद्वीप, पुष्करद्वीप।

सात ॠषि - वशिष्ठ, विश्वामित्र, कण्व, भारद्वाज, अत्रि, वामदेव, शौनक।

सात ॠषि 2 - वशिष्ठ, कश्यप, अत्रि, जमदग्नि, गौतम, विश्वामित्र, भारद्वाज।

सात धातु (शारीरिक) - रस, रक्त, मांस, मेद, अस्थि, मज्जा, वीर्य।
सात रंग - बैंगनी, जामुनी, नीला, हरा, पीला, नारंगी, लाल।

सात पाताल - अतल, वितल, सुतल, तलातल,महातल, रसातल, पाताल।

सात पुरी - मथुरा, हरिद्वार, काशी, अयोध्या, उज्जैन, द्वारका, काञ्ची।

सात धान्य - उड़द, गेहूँ, चना, चांवल, जौ, मूँग, बाजरा।

8) आठ मातृका - ब्राह्मी, वैष्णवी, माहेश्वरी, कौमारी, ऐन्द्री, वाराही, नारसिंही, चामुंडा।

आठ लक्ष्मी - आदिलक्ष्मी, धनलक्ष्मी, धान्यलक्ष्मी, गजलक्ष्मी, संतानलक्ष्मी, वीरलक्ष्मी, विजयलक्ष्मी, विद्यालक्ष्मी।

आठ वसु - अप (अह:/अयज), ध्रुव, सोम, धर, अनिल, अनल, प्रत्युष, प्रभास।

आठ सिद्धि - अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व, वशित्व।

आठ धातु - सोना, चांदी, ताम्बा, सीसा जस्ता, टिन, लोहा, पारा।

9) नवदुर्गा - शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चन्द्रघंटा, कुष्मांडा, स्कन्दमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी, सिद्धिदात्री।

नवग्रह - सुर्य, चन्द्रमा, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु, केतु।

नवरत्न - हीरा, पन्ना, मोती, माणिक, मूंगा, पुखराज, नीलम, गोमेद, लहसुनिया।

नवनिधि - पद्मनिधि, महापद्मनिधि, नीलनिधि, मुकुंदनिधि, नंदनिधि, मकरनिधि, कच्छपनिधि, शंखनिधि, खर्व/मिश्र निधि।

10) दस महाविद्या - काली, तारा, षोडशी, भुवनेश्वरी, भैरवी, छिन्नमस्तिका, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी, कमला।

दस दिशाएँ - पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण, आग्नेय, नैॠत्य, वायव्य, ईशान, ऊपर, नीचे।

दस दिक्पाल - इन्द्र, अग्नि, यमराज, नैॠिति, वरुण, वायुदेव, कुबेर, ईशान, ब्रह्मा, अनंत।

दस अवतार (विष्णुजी) - मत्स्य, कच्छप, वाराह, नृसिंह, वामन, परशुराम, राम, कृष्ण, बुद्ध, कल्कि।

दस सती - सावित्री, अनुसुइया, मंदोदरी, तुलसी, द्रौपदी, गांधारी, सीता, दमयन्ती, सुलक्षणा, अरुंधती।

उक्त जानकारी शास्त्रोक्त  आधार पर... हे....

1-अष्टाध्यायी               पाणिनी
2-रामायण                    वाल्मीकि
3-महाभारत                  वेदव्यास
4-अर्थशास्त्र                  चाणक्य
5-महाभाष्य                  पतंजलि
6-सत्सहसारिका सूत्र      नागार्जुन
7-बुद्धचरित                  अश्वघोष
8-सौंदरानन्द                 अश्वघोष
9-महाविभाषाशास्त्र        वसुमित्र
10- स्वप्नवासवदत्ता        भास
11-कामसूत्र                  वात्स्यायन
12-कुमारसंभवम्           कालिदास
13-अभिज्ञानशकुंतलम्    कालिदास  
14-विक्रमोउर्वशियां        कालिदास
15-मेघदूत                    कालिदास
16-रघुवंशम्                  कालिदास
17-मालविकाग्निमित्रम्   कालिदास
18-नाट्यशास्त्र              भरतमुनि
19-देवीचंद्रगुप्तम          विशाखदत्त
20-मृच्छकटिकम्          शूद्रक
21-सूर्य सिद्धान्त           आर्यभट्ट
22-वृहतसिंता               बरामिहिर
23-पंचतंत्र।                  विष्णु शर्मा
24-कथासरित्सागर        सोमदेव
25-अभिधम्मकोश         वसुबन्धु
26-मुद्राराक्षस               विशाखदत्त
27-रावणवध।              भटिट
28-किरातार्जुनीयम्       भारवि
29-दशकुमारचरितम्     दंडी
30-हर्षचरित                वाणभट्ट
31-कादंबरी                वाणभट्ट
32-वासवदत्ता             सुबंधु
33-नागानंद                हर्षवधन
34-रत्नावली               हर्षवर्धन
35-प्रियदर्शिका            हर्षवर्धन
36-मालतीमाधव         भवभूति
37-पृथ्वीराज विजय     जयानक
38-कर्पूरमंजरी            राजशेखर
39-काव्यमीमांसा         राजशेखर
40-नवसहसांक चरित   पदम् गुप्त
41-शब्दानुशासन         राजभोज
42-वृहतकथामंजरी      क्षेमेन्द्र
43-नैषधचरितम           श्रीहर्ष
44-विक्रमांकदेवचरित   बिल्हण
45-कुमारपालचरित      हेमचन्द्र
46-गीतगोविन्द            जयदेव
47-पृथ्वीराजरासो         चंदरवरदाई
48-राजतरंगिणी           कल्हण
49-रासमाला               सोमेश्वर
50-शिशुपाल वध          माघ
51-गौडवाहो                वाकपति
52-रामचरित                सन्धयाकरनंदी
53-द्वयाश्रय काव्य         हेमचन्द्र

वेद-ज्ञान:-

प्र.1-  वेद किसे कहते है ?
उत्तर-  ईश्वरीय ज्ञान की पुस्तक को वेद कहते है।

प्र.2-  वेद-ज्ञान किसने दिया ?
उत्तर-  ईश्वर ने दिया।

प्र.3-  ईश्वर ने वेद-ज्ञान कब दिया ?
उत्तर-  ईश्वर ने सृष्टि के आरंभ में वेद-ज्ञान दिया।

प्र.4-  ईश्वर ने वेद ज्ञान क्यों दिया ?
उत्तर- मनुष्य-मात्र के कल्याण         के लिए।

प्र.5-  वेद कितने है ?
उत्तर- चार ।                                                  
1-ऋग्वेद 
2-यजुर्वेद  
3-सामवेद
4-अथर्ववेद

प्र.6-  वेदों के ब्राह्मण ।
        वेद              ब्राह्मण
1 - ऋग्वेद      -     ऐतरेय
2 - यजुर्वेद      -     शतपथ
3 - सामवेद     -    तांड्य
4 - अथर्ववेद   -   गोपथ

प्र.7-  वेदों के उपवेद कितने है।
उत्तर -  चार।
      वेद                     उपवेद
    1- ऋग्वेद       -     आयुर्वेद
    2- यजुर्वेद       -    धनुर्वेद
    3 -सामवेद      -     गंधर्ववेद
    4- अथर्ववेद    -     अर्थवेद

प्र 8-  वेदों के अंग हैं ।
उत्तर -  छः ।
1 - शिक्षा
2 - कल्प
3 - निरूक्त
4 - व्याकरण
5 - छंद
6 - ज्योतिष

प्र.9- वेदों का ज्ञान ईश्वर ने किन किन ऋषियो को दिया ?
उत्तर- चार ऋषियों को।
         वेद                ऋषि
1- ऋग्वेद         -      अग्नि
2 - यजुर्वेद       -       वायु
3 - सामवेद      -      आदित्य
4 - अथर्ववेद    -     अंगिरा

प्र.10-  वेदों का ज्ञान ईश्वर ने ऋषियों को कैसे दिया ?
उत्तर- समाधि की अवस्था में।

प्र.11-  वेदों में कैसे ज्ञान है ?
उत्तर-  सब सत्य विद्याओं का ज्ञान-विज्ञान।

प्र.12-  वेदो के विषय कौन-कौन से हैं ?
उत्तर-   चार ।
        ऋषि        विषय
1-  ऋग्वेद    -    ज्ञान
2-  यजुर्वेद    -    कर्म
3-  सामवे     -    उपासना
4-  अथर्ववेद -    विज्ञान

प्र.13-  वेदों में।

ऋग्वेद में।
1-  मंडल      -  10
2 - अष्टक     -   08
3 - सूक्त        -  1028
4 - अनुवाक  -   85 
5 - ऋचाएं     -  10589

यजुर्वेद में।
1- अध्याय    -  40
2- मंत्र           - 1975

सामवेद में।
1-  आरचिक   -  06
2 - अध्याय     -   06
3-  ऋचाएं       -  1875

अथर्ववेद में।
1- कांड      -    20
2- सूक्त      -   731
3 - मंत्र       -   5977
          
प्र.14-  वेद पढ़ने का अधिकार किसको है ?                                                                                                                                                              उत्तर-  मनुष्य-मात्र को वेद पढ़ने का अधिकार है।

प्र.15-  क्या वेदों में मूर्तिपूजा का विधान है ?
उत्तर-  बिलकुल भी नहीं।

प्र.16-  क्या वेदों में अवतारवाद का प्रमाण है ?
उत्तर-  नहीं।

प्र.17-  सबसे बड़ा वेद कौन-सा है ?
उत्तर-  ऋग्वेद।

प्र.18-  वेदों की उत्पत्ति कब हुई ?
उत्तर-  वेदो की उत्पत्ति सृष्टि के आदि से परमात्मा द्वारा हुई । अर्थात 1 अरब 96 करोड़ 8 लाख 43 हजार वर्ष पूर्व । 

प्र.19-  वेद-ज्ञान के सहायक दर्शन-शास्त्र ( उपअंग ) कितने हैं और उनके लेखकों का क्या नाम है ?
उत्तर- 
1-  न्याय दर्शन  - गौतम मुनि।
2- वैशेषिक दर्शन  - कणाद मुनि।
3- योगदर्शन  - पतंजलि मुनि।
4- मीमांसा दर्शन  - जैमिनी मुनि।
5- सांख्य दर्शन  - कपिल मुनि।
6- वेदांत दर्शन  - व्यास मुनि।

प्र.20-  शास्त्रों के विषय क्या है ?
उत्तर-  आत्मा,  परमात्मा, प्रकृति,  जगत की उत्पत्ति,  मुक्ति अर्थात सब प्रकार का भौतिक व आध्यात्मिक  ज्ञान-विज्ञान आदि।

प्र.21-  प्रामाणिक उपनिषदे कितनी है ?
उत्तर-  केवल ग्यारह।

प्र.22-  उपनिषदों के नाम बतावे ?
उत्तर-  
01-ईश ( ईशावास्य )  
02-केन  
03-कठ  
04-प्रश्न  
05-मुंडक  
06-मांडू  
07-ऐतरेय  
08-तैत्तिरीय 
09-छांदोग्य 
10-वृहदारण्यक 
11-श्वेताश्वतर ।

प्र.23-  उपनिषदों के विषय कहाँ से लिए गए है ?
उत्तर- वेदों से।
प्र.24- चार वर्ण।
उत्तर- 
1- ब्राह्मण
2- क्षत्रिय
3- वैश्य
4- शूद्र

प्र.25- चार युग।
1- सतयुग - 17,28000  वर्षों का नाम ( सतयुग ) रखा है।
2- त्रेतायुग- 12,96000  वर्षों का नाम ( त्रेतायुग ) रखा है।
3- द्वापरयुग- 8,64000  वर्षों का नाम है।
4- कलयुग- 4,32000  वर्षों का नाम है।
कलयुग के 5122  वर्षों का भोग हो चुका है अभी तक।
4,27024 वर्षों का भोग होना है। 

पंच महायज्ञ
       1- ब्रह्मयज्ञ   
       2- देवयज्ञ
       3- पितृयज्ञ
       4- बलिवैश्वदेवयज्ञ
       5- अतिथियज्ञ
   
स्वर्ग  -  जहाँ सुख है।
नरक  -  जहाँ दुःख है।.

भगवान_शिव के  "35" रहस्य!!!!!!!!

भगवान शिव अर्थात पार्वती के पति शंकर जिन्हें महादेव, भोलेनाथ, आदिनाथ आदि कहा जाता है।

1. आदिनाथ शिव : -सर्वप्रथम शिव ने ही धरती पर जीवन के प्रचार-प्रसार का प्रयास किया इसलिए उन्हें 'आदिदेव' भी कहा जाता है। 'आदि' का अर्थ प्रारंभ। आदिनाथ होने के कारण उनका एक नाम 'आदिश' भी है।

2. शिव के अस्त्र-शस्त्र : - शिव का धनुष पिनाक, चक्र भवरेंदु और सुदर्शन, अस्त्र पाशुपतास्त्र और शस्त्र त्रिशूल है। उक्त सभी का उन्होंने ही निर्माण किया था।

3. भगवान शिव का नाग : - शिव के गले में जो नाग लिपटा रहता है उसका नाम वासुकि है। वासुकि के बड़े भाई का नाम शेषनाग है।

4. शिव की अर्द्धांगिनी : -शिव की पहली पत्नी सती ने ही अगले जन्म में पार्वती के रूप में जन्म लिया और वही उमा, उर्मि, काली कही गई हैं।

5. शिव के पुत्र : - शिव के प्रमुख 6 पुत्र हैं- गणेश, कार्तिकेय, सुकेश, जलंधर, अयप्पा और भूमा। सभी के जन्म की कथा रोचक है।

6. शिव के शिष्य : - शिव के 7 शिष्य हैं जिन्हें प्रारंभिक सप्तऋषि माना गया है। इन ऋषियों ने ही शिव के ज्ञान को संपूर्ण धरती पर प्रचारित किया जिसके चलते भिन्न-भिन्न धर्म और संस्कृतियों की उत्पत्ति हुई। शिव ने ही गुरु और शिष्य परंपरा की शुरुआत की थी। शिव के शिष्य हैं- बृहस्पति, विशालाक्ष, शुक्र, सहस्राक्ष, महेन्द्र, प्राचेतस मनु, भरद्वाज इसके अलावा 8वें गौरशिरस मुनि भी थे।

7. शिव के गण : -शिव के गणों में भैरव, वीरभद्र, मणिभद्र, चंदिस, नंदी, श्रृंगी, भृगिरिटी, शैल, गोकर्ण, घंटाकर्ण, जय और विजय प्रमुख हैं। इसके अलावा, पिशाच, दैत्य और नाग-नागिन, पशुओं को भी शिव का गण माना जाता है। 

8. शिव पंचायत : -भगवान सूर्य, गणपति, देवी, रुद्र और विष्णु ये शिव पंचायत कहलाते हैं।

9. शिव के द्वारपाल : -नंदी, स्कंद, रिटी, वृषभ, भृंगी, गणेश, उमा-महेश्वर और महाकाल।

10. शिव पार्षद : -जिस तरह जय और विजय विष्णु के पार्षद हैं उसी तरह बाण, रावण, चंड, नंदी, भृंगी आदि शिव के पार्षद हैं।

11. सभी धर्मों का केंद्र शिव : -शिव की वेशभूषा ऐसी है कि प्रत्येक धर्म के लोग उनमें अपने प्रतीक ढूंढ सकते हैं। मुशरिक, यजीदी, साबिईन, सुबी, इब्राहीमी धर्मों में शिव के होने की छाप स्पष्ट रूप से देखी जा सकती है। शिव के शिष्यों से एक ऐसी परंपरा की शुरुआत हुई, जो आगे चलकर शैव, सिद्ध, नाथ, दिगंबर और सूफी संप्रदाय में वि‍भक्त हो गई।

12. बौद्ध साहित्य के मर्मज्ञ अंतरराष्ट्रीय : - ख्यातिप्राप्त विद्वान प्रोफेसर उपासक का मानना है कि शंकर ने ही बुद्ध के रूप में जन्म लिया था। उन्होंने पालि ग्रंथों में वर्णित 27 बुद्धों का उल्लेख करते हुए बताया कि इनमें बुद्ध के 3 नाम अतिप्राचीन हैं- तणंकर, शणंकर और मेघंकर।

13. देवता और असुर दोनों के प्रिय शिव : -* भगवान शिव को देवों के साथ असुर, दानव, राक्षस, पिशाच, गंधर्व, यक्ष आदि सभी पूजते हैं। वे रावण को भी वरदान देते हैं और राम को भी। उन्होंने भस्मासुर, शुक्राचार्य आदि कई असुरों को वरदान दिया था। शिव, सभी आदिवासी, वनवासी जाति, वर्ण, धर्म और समाज के सर्वोच्च देवता हैं।

14. शिव चिह्न : - वनवासी से लेकर सभी साधारण व्‍यक्ति जिस चिह्न की पूजा कर सकें, उस पत्‍थर के ढेले, बटिया को शिव का चिह्न माना जाता है। इसके अलावा रुद्राक्ष और त्रिशूल को भी शिव का चिह्न माना गया है। कुछ लोग डमरू और अर्द्ध चन्द्र को भी शिव का चिह्न मानते हैं, हालांकि ज्यादातर लोग शिवलिंग अर्थात शिव की ज्योति का पूजन करते हैं।

15. शिव की गुफा : -शिव ने भस्मासुर से बचने के लिए एक पहाड़ी में अपने त्रिशूल से एक गुफा बनाई और वे फिर उसी गुफा में छिप गए। वह गुफा जम्मू से 150 किलोमीटर दूर त्रिकूटा की पहाड़ियों पर है। दूसरी ओर भगवान शिव ने जहां पार्वती को अमृत ज्ञान दिया था वह गुफा 'अमरनाथ गुफा' के नाम से प्रसिद्ध है।

16. शिव के पैरों के निशान : - श्रीपद- श्रीलंका में रतन द्वीप पहाड़ की चोटी पर स्थित श्रीपद नामक मंदिर में शिव के पैरों के निशान हैं। ये पदचिह्न 5 फुट 7 इंच लंबे और 2 फुट 6 इंच चौड़े हैं। इस स्थान को सिवानोलीपदम कहते हैं। कुछ लोग इसे आदम पीक कहते हैं।

रुद्र पद- तमिलनाडु के नागपट्टीनम जिले के थिरुवेंगडू क्षेत्र में श्रीस्वेदारण्येश्‍वर का मंदिर में शिव के पदचिह्न हैं जिसे 'रुद्र पदम' कहा जाता है। इसके अलावा थिरुवन्नामलाई में भी एक स्थान पर शिव के पदचिह्न हैं।

तेजपुर- असम के तेजपुर में ब्रह्मपुत्र नदी के पास स्थित रुद्रपद मंदिर में शिव के दाएं पैर का निशान है।

जागेश्वर- उत्तराखंड के अल्मोड़ा से 36 किलोमीटर दूर जागेश्वर मंदिर की पहाड़ी से लगभग साढ़े 4 किलोमीटर दूर जंगल में भीम के पास शिव के पदचिह्न हैं। पांडवों को दर्शन देने से बचने के लिए उन्होंने अपना एक पैर यहां और दूसरा कैलाश में रखा था।

रांची- झारखंड के रांची रेलवे स्टेशन से 7 किलोमीटर की दूरी पर 'रांची हिल' पर शिवजी के पैरों के निशान हैं। इस स्थान को 'पहाड़ी बाबा मंदिर' कहा जाता है।

17. शिव के अवतार : -वीरभद्र, पिप्पलाद, नंदी, भैरव, महेश, अश्वत्थामा, शरभावतार, गृहपति, दुर्वासा, हनुमान, वृषभ, यतिनाथ, कृष्णदर्शन, अवधूत, भिक्षुवर्य, सुरेश्वर, किरात, सुनटनर्तक, ब्रह्मचारी, यक्ष, वैश्यानाथ, द्विजेश्वर, हंसरूप, द्विज, नतेश्वर आदि हुए हैं। वेदों में रुद्रों का जिक्र है। रुद्र 11 बताए जाते हैं- कपाली, पिंगल, भीम, विरुपाक्ष, विलोहित, शास्ता, अजपाद, आपिर्बुध्य, शंभू, चण्ड तथा भव।

18. शिव का विरोधाभासिक परिवार : -शिवपुत्र कार्तिकेय का वाहन मयूर है, जबकि शिव के गले में वासुकि नाग है। स्वभाव से मयूर और नाग आपस में दुश्मन हैं। इधर गणपति का वाहन चूहा है, जबकि सांप मूषकभक्षी जीव है। पार्वती का वाहन शेर है, लेकिन शिवजी का वाहन तो नंदी बैल है। इस विरोधाभास या वैचारिक भिन्नता के बावजूद परिवार में एकता है।

19.  ति‍ब्बत स्थित कैलाश पर्वत पर उनका निवास है। जहां पर शिव विराजमान हैं उस पर्वत के ठीक नीचे पाताल लोक है जो भगवान विष्णु का स्थान है। शिव के आसन के ऊपर वायुमंडल के पार क्रमश: स्वर्ग लोक और फिर ब्रह्माजी का स्थान है।

20.शिव भक्त : - ब्रह्मा, विष्णु और सभी देवी-देवताओं सहित भगवान राम और कृष्ण भी शिव भक्त है। हरिवंश पुराण के अनुसार, कैलास पर्वत पर कृष्ण ने शिव को प्रसन्न करने के लिए तपस्या की थी। भगवान राम ने रामेश्वरम में शिवलिंग स्थापित कर उनकी पूजा-अर्चना की थी।

21.शिव ध्यान : -शिव की भक्ति हेतु शिव का ध्यान-पूजन किया जाता है। शिवलिंग को बिल्वपत्र चढ़ाकर शिवलिंग के समीप मंत्र जाप या ध्यान करने से मोक्ष का मार्ग पुष्ट होता है।

22.शिव मंत्र : -दो ही शिव के मंत्र हैं पहला- ॐ नम: शिवाय। दूसरा महामृत्युंजय मंत्र- ॐ ह्रौं जू सः। ॐ भूः भुवः स्वः। ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्‌। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्‌। स्वः भुवः भूः ॐ। सः जू ह्रौं ॐ ॥ है।

23.शिव व्रत और त्योहार : -सोमवार, प्रदोष और श्रावण मास में शिव व्रत रखे जाते हैं। शिवरात्रि और महाशिवरात्रि शिव का प्रमुख पर्व त्योहार है।

24.शिव प्रचारक : - भगवान शंकर की परंपरा को उनके शिष्यों बृहस्पति, विशालाक्ष (शिव), शुक्र, सहस्राक्ष, महेन्द्र, प्राचेतस मनु, भरद्वाज, अगस्त्य मुनि, गौरशिरस मुनि, नंदी, कार्तिकेय, भैरवनाथ आदि ने आगे बढ़ाया। इसके अलावा वीरभद्र, मणिभद्र, चंदिस, नंदी, श्रृंगी, भृगिरिटी, शैल, गोकर्ण, घंटाकर्ण, बाण, रावण, जय और विजय ने भी शैवपंथ का प्रचार किया। इस परंपरा में सबसे बड़ा नाम आदिगुरु भगवान दत्तात्रेय का आता है। दत्तात्रेय के बाद आदि शंकराचार्य, मत्स्येन्द्रनाथ और गुरु गुरुगोरखनाथ का नाम प्रमुखता से लिया जाता है।

25.शिव महिमा : - शिव ने कालकूट नामक विष पिया था जो अमृत मंथन के दौरान निकला था। शिव ने भस्मासुर जैसे कई असुरों को वरदान दिया था। शिव ने कामदेव को भस्म कर दिया था। शिव ने गणेश और राजा दक्ष के सिर को जोड़ दिया था। ब्रह्मा द्वारा छल किए जाने पर शिव ने ब्रह्मा का पांचवां सिर काट दिया था।

26.शैव परम्परा : - दसनामी, शाक्त, सिद्ध, दिगंबर, नाथ, लिंगायत, तमिल शैव, कालमुख शैव, कश्मीरी शैव, वीरशैव, नाग, लकुलीश, पाशुपत, कापालिक, कालदमन और महेश्वर सभी शैव परंपरा से हैं। चंद्रवंशी, सूर्यवंशी, अग्निवंशी और नागवंशी भी शिव की परंपरा से ही माने जाते हैं। भारत की असुर, रक्ष और आदिवासी जाति के आराध्य देव शिव ही हैं। शैव धर्म भारत के आदिवासियों का धर्म है।

27.शिव के प्रमुख नाम : - शिव के वैसे तो अनेक नाम हैं जिनमें 108 नामों का उल्लेख पुराणों में मिलता है लेकिन यहां प्रचलित नाम जानें- महेश, नीलकंठ, महादेव, महाकाल, शंकर, पशुपतिनाथ, गंगाधर, नटराज, त्रिनेत्र, भोलेनाथ, आदिदेव, आदिनाथ, त्रियंबक, त्रिलोकेश, जटाशंकर, जगदीश, प्रलयंकर, विश्वनाथ, विश्वेश्वर, हर, शिवशंभु, भूतनाथ और रुद्र।

28.अमरनाथ के अमृत वचन : -शिव ने अपनी अर्धांगिनी पार्वती को मोक्ष हेतु अमरनाथ की गुफा में जो ज्ञान दिया उस ज्ञान की आज अनेकानेक शाखाएं हो चली हैं। वह ज्ञानयोग और तंत्र के मूल सूत्रों में शामिल है। 'विज्ञान भैरव तंत्र' एक ऐसा ग्रंथ है, जिसमें भगवान शिव द्वारा पार्वती को बताए गए 112 ध्यान सूत्रों का संकलन है।

29.शिव ग्रंथ : - वेद और उपनिषद सहित विज्ञान भैरव तंत्र, शिव पुराण और शिव संहिता में शिव की संपूर्ण शिक्षा और दीक्षा समाई हुई है। तंत्र के अनेक ग्रंथों में उनकी शिक्षा का विस्तार हुआ है।

30.शिवलिंग : - वायु पुराण के अनुसार प्रलयकाल में समस्त सृष्टि जिसमें लीन हो जाती है और पुन: सृष्टिकाल में जिससे प्रकट होती है, उसे लिंग कहते हैं। इस प्रकार विश्व की संपूर्ण ऊर्जा ही लिंग की प्रतीक है। वस्तुत: यह संपूर्ण सृष्टि बिंदु-नाद स्वरूप है। बिंदु शक्ति है और नाद शिव। बिंदु अर्थात ऊर्जा और नाद अर्थात ध्वनि। यही दो संपूर्ण ब्रह्मांड का आधार है। इसी कारण प्रतीक स्वरूप शिवलिंग की पूजा-अर्चना है।

31.बारह ज्योतिर्लिंग : -सोमनाथ, मल्लिकार्जुन, महाकालेश्वर, ॐकारेश्वर, वैद्यनाथ, भीमशंकर, रामेश्वर, नागेश्वर, विश्वनाथजी, त्र्यम्बकेश्वर, केदारनाथ, घृष्णेश्वर। ज्योतिर्लिंग उत्पत्ति के संबंध में अनेकों मान्यताएं प्रचलित है। ज्योतिर्लिंग यानी 'व्यापक ब्रह्मात्मलिंग' जिसका अर्थ है 'व्यापक प्रकाश'। जो शिवलिंग के बारह खंड हैं। शिवपुराण के अनुसार ब्रह्म, माया, जीव, मन, बुद्धि, चित्त, अहंकार, आकाश, वायु, अग्नि, जल और पृथ्वी को ज्योतिर्लिंग या ज्योति पिंड कहा गया है।

 दूसरी मान्यता अनुसार शिव पुराण के अनुसार प्राचीनकाल में आकाश से ज्‍योति पिंड पृथ्‍वी पर गिरे और उनसे थोड़ी देर के लिए प्रकाश फैल गया। इस तरह के अनेकों उल्का पिंड आकाश से धरती पर गिरे थे। भारत में गिरे अनेकों पिंडों में से प्रमुख बारह पिंड को ही ज्‍योतिर्लिंग में शामिल किया गया।

32.शिव का दर्शन : -शिव के जीवन और दर्शन को जो लोग यथार्थ दृष्टि से देखते हैं वे सही बुद्धि वाले और यथार्थ को पकड़ने वाले शिवभक्त हैं, क्योंकि शिव का दर्शन कहता है कि यथार्थ में जियो, वर्तमान में जियो, अपनी चित्तवृत्तियों से लड़ो मत, उन्हें अजनबी बनकर देखो और कल्पना का भी यथार्थ के लिए उपयोग करो। आइंस्टीन से पूर्व शिव ने ही कहा था कि कल्पना ज्ञान से ज्यादा महत्वपूर्ण है।

33.शिव और शंकर : -शिव का नाम शंकर के साथ जोड़ा जाता है। लोग कहते हैं- शिव, शंकर, भोलेनाथ। इस तरह अनजाने ही कई लोग शिव और शंकर को एक ही सत्ता के दो नाम बताते हैं। असल में, दोनों की प्रतिमाएं अलग-अलग आकृति की हैं। शंकर को हमेशा तपस्वी रूप में दिखाया जाता है। कई जगह तो शंकर को शिवलिंग का ध्यान करते हुए दिखाया गया है। अत: शिव और शंकर दो अलग अलग सत्ताएं है। हालांकि शंकर को भी शिवरूप माना गया है। माना जाता है कि महेष (नंदी) और महाकाल भगवान शंकर के द्वारपाल हैं। रुद्र देवता शंकर की पंचायत के सदस्य हैं।

34. देवों के देव महादेव : देवताओं की दैत्यों से प्रतिस्पर्धा चलती रहती थी। ऐसे में जब भी देवताओं पर घोर संकट आता था तो वे सभी देवाधिदेव महादेव के पास जाते थे। दैत्यों, राक्षसों सहित देवताओं ने भी शिव को कई बार चुनौती दी, लेकिन वे सभी परास्त होकर शिव के समक्ष झुक गए इसीलिए शिव हैं देवों के देव महादेव। वे दैत्यों, दानवों और भूतों के भी प्रिय भगवान हैं। वे राम को भी वरदान देते हैं और रावण को भी।
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रचनाएँ
ज्ञानवर्धक एवं रोचक तथ्य धार्मिक शिक्षाएं से जुड़े जानकारी
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ज्ञानवर्धक एवं रोचक तथ्य रामायण और महाभारत और श्रीमदभागवत कथा वेद पुराणों से धार्मिक शिक्षाएं से जुड़े जानकारी हिंदू धर्म से ज्ञानवर्धक जुड़ी जानकारी पुरानी कथाएं हिन्दू धर्म में पौराणिक परंपरा और संस्कार के बारे में जानकारी पूजा पाठ करने के बारे में जानकारी और कैसे करना चाहिए क्या क्या सामग्री परिक्रमा करने के बारे में जानकारी व्रत के बारे में जानकारी देवी देवताओं के बारे में जानकारी 8400000 योनियों के बारे में जानकारी भूत प्रेत व आत्मा के बारे में ग्रह और नक्षत्र के बारे में जानकारी ज्योतिष शास्त्र से जुड़ी सामान्य जानकारी अनमोल ज्ञान
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हिन्दू धर्म से जानकारी जुड़ी जानकारी

28 नवम्बर 2021
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■ काष्ठा = सैकन्ड का 34000 वाँ भाग■ 1 त्रुटि = सैकन्ड का 300 वाँ भाग■ 2 त्रुटि = 1 लव ,■ 1 लव = 1 क्षण■ 30 क्षण = 1 विपल ,■ 60 विपल = 1 पल■ 60 पल = 1 घड़ी (24 मिनट ) ,■ 2.5 घड़ी = 1

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पूरे रामायण कथा में सबसे चालक , समझदार व्यक्ति हमें श्रीमान जीकेवट लगे हैं

10 दिसम्बर 2021
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पूरे रामायण कथा में सबसे चालक , समझदार व्यक्ति हमें श्रीमान जीकेवट लगे हैं। ऐसी सौदेबाजी किये हैं कि तपस्वी भी न कर पाएं।सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि वह समझ गये कि यह ईश्वर हैं। अच्छे अच्छे

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प्रणाम का महत्व

10 दिसम्बर 2021
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प्रणाम का महत्व महाभारत का युद्ध चल रहा था- एक दिन दुर्योधन के व्यंग्य से आहत होकर "भीष्म पितामह" घोषणा कर देते हैं कि- "मैं कल पांडवों का वध

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फूल (अस्थियों) का गंगा आदि पवित्र नदियों में विसर्जन क्यों

10 दिसम्बर 2021
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मृतक की अस्थियों (हड्डियों) को धार्मिक दृष्टिकोण से 'फूल' कहते हैं। इसमें अगाध श्रद्धा और आदर प्रकट करने का भाव निहित होता है। जहां संतान फल है, वहीं पूर्वजों की अस्थियां 'फूल' कहलाती हैं।इन्हें गंगा

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कुछ महत्वपूर्ण बातें

1 दिसम्बर 2021
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[1] मुख्य द्वार के पास कभी भी कूड़ादान ना रखें इससे पड़ोसी शत्रु हो जायेंगे |[2] सूर्यास्त के समय किसी को भी दूध,दही या प्याज माँगने पर ना दें इससे घर की बरक्कत समाप्त हो जाती है |[3] छत पर कभी भी अना

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मृत्यु के पश्चात मनुष्य के साथ मनुष्य की पाँच वस्तुएँ साथ जाती हैं।

10 दिसम्बर 2021
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1. कामना यदि मृत्य के समय हमारे मन मे किसी वस्तु विशेष के प्रति कोई आसक्ति शेष रह जाती है,कोई इच्छा अधूरी रह जाती है,कोई अपूर्ण कामना रह जाती है तो मरणोपरांत भी वही कामना उस जीवात्मा के साथ जाती

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विधि का विधान

10 दिसम्बर 2021
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भगवान श्री राम जी का विवाह और राज्याभिषेक दोनों शुभ मुहूर्त देख कर ही किया गया था, फिर भी ना वैवाहिक जीवन सफल हुआ और ना ही राज्याभिषेक।और जब मुनि वशिष्ठ सेइसका जवाब मांगा गया तोउन्होंने साफ कह दिया-सु

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महाभारत" को पढ़ने का समय न हो तो भी इसके नौ सार- सूत्र को ही समझ लेना, हमारे जीवन के लिए उपयोगी सिद्ध हो सकता है!

10 दिसम्बर 2021
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यदि "महाभारत" को पढ़ने का समय न हो तो भी इसके नौ सार- सूत्र को ही समझ लेना, हमारे जीवन के लिए उपयोगी सिद्ध हो सकता है! संस्कार इसलिए भी कम हो गए हैं आजकल के बच्चो मेंपहले बडो से सीखते थे अब गूगल

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चौदह वर्ष के वनवास में राम कहां-कहां रहे......?

29 नवम्बर 2021
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चौदह वर्ष के वनवास में राम कहां-कहां रहे......?प्रभु श्रीराम को 14 वर्ष का वनवास हुआ। इस वनवास काल में श्रीराम ने कई ऋषि-मुनियों से शिक्षा और विद्या ग्रहण की, तपस्या की और भारत के आदिवासी, वनवासी और त

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गजेन्द्र मोक्ष कथा एक अदभुत कथा है.

11 दिसम्बर 2021
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गज और ग्राह की कथा जानते है. गज पानी मे नहाने जाता है और वंहा ग्राह उसका पैर पकड़ लेता है।उन के बीच लड़ाई होती है. अपना पूरा बल लगाने के बाद भी गज अपना पैर नहीं छुडा पाता.जब उसका पूरा बल समाप्त

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सीधे राम-टेढे कृष्ण

11 दिसम्बर 2021
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सीधे राम-टेढे कृष्ण एक बार की बात है- वृंदावन का एक भक्त अयोध्या की गलियों में राधे-कृष्ण, राधे-कृष्ण जप रहा था। अयोध्या का एक भक्त वहाँ से गुजरा तो राधे-राधे-क

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महादेव-पार्वती संग झूमे एक प्रसंग

11 दिसम्बर 2021
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महादेव-पार्वती संग झूमे एक प्रसंगरावण के वध के बाद अयोध्या पति श्री राम ने राजपाट संभाल लिया था और प्रजा राम राज्य से प्रसन्न थी। एक दिन भगवान महादेव की इच्छा श्री राम से मिलने की हुई।पार्वती जी को सं

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महाभारत का एक सार्थक प्रसंग जो अंतर्मन को छूता है

11 दिसम्बर 2021
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महाभारत युद्ध समाप्त हो चुका था. युद्धभूमि में यत्र-तत्र योद्धाओं के फटे वस्त्र, मुकुट, टूटे शस्त्र, टूटे रथों के चक्के, छज्जे आदि बिखरे हुए थे और वायुमण्डल में पसरी हुई थी घोर उदासी .... ! &nbsp

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त्याग का रहस्य

11 दिसम्बर 2021
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एक बार महर्षि नारद ज्ञान का प्रचार करते हुए किसी सघन बन में जा पहुँचे। वहाँ उन्होंने एक बहुत बड़ा घनी छाया वाला सेमर का वृक्ष देखा और उसकी छाया में विश्राम करने के लिए ठहर गये।नारदजी को उसकी शीतल छाया

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हरि इच्छा बलवान है

11 दिसम्बर 2021
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हरि इच्छा बलवान हैएक बार भगवान विष्णु गरुड़जी पर सवार होकर कैलाश पर्वत पर जा रहे थे। रास्ते में गरुड़जी ने देखा कि एक ही दरवाजे पर दो बाराते ठहरी थी।मामला उनके समझ में नहीं आया। फिर क्या था, पूछ बैठे

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गुरु और भगवान में एक अंतर है।

11 दिसम्बर 2021
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गुरु और भगवान में एक अंतर है। एक आदमी के घर भगवान और गुरु दोनो पहुंच गये।वह बाहर आया और चरणों में गिरने लगा।वह भगवान के चरणों में गिरा तो भगवान बोले रुको रुको पहले गुरुके चरणों में जाओ।वह दौड़ कर

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मनुष्य जीवन परमात्मा का अनूठा उपहार

11 दिसम्बर 2021
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मनुष्य जीवन परमात्मा का अनूठा उपहारजीवन परमात्मा का एक बहुमूल्य उपहार है, और वह भी यदि मनुष्य योनि का है तो यह किसी खुशनसीबी से कम नहीं। मनुष्य योनि, जीव योनी अथवा वनस्पति योनि में सबसे श्रेष्ठ

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गुरु की महिमा

11 दिसम्बर 2021
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एक पंडित रोज रानी के पास कथा करता था। कथा के अंत में सबको कहता कि ‘राम कहे तो बंधन टूटे’। तभी पिंजरे में बंद तोता बोलता, ‘यूं मत कहो रे पंडित झूठे’। पंडित को क्रोध आता कि ये सब क्या सोचेंगे, रानी क्या

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कौन बनता है भूत प्रेत

11 दिसम्बर 2021
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जिसका कोई वर्तमान न हो, केवल अतीत ही हो वही भूत कहलाता है। अतीत में अटका आत्मा भूत बन जाता है। जीवन न अतीत है और न भविष्य वह सदा वर्तमान है। जो वर्तमान में रहता है वह मुक्ति की ओर कदम बढ़ाता है।आत्मा

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गुरुभक्त एकलव्य के सात रहस्य जानकर चौंक जाएंगे आप,

11 दिसम्बर 2021
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गुरुभक्त एकलव्य के सात रहस्य जानकर चौंक जाएंगे आप,प्राचीन भारत में हुए हजारों धनुर्धरों में सर्वश्रेष्ठ कौन था? यह तय करना मुश्‍किल है। उन्हीं धनुर्धरों में से एक एकलव्य थे। एकलव्य को कुछ लोग शिकारी क

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श्री हरि के वाहन गरुड़जी की रोचक कथा!

11 दिसम्बर 2021
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गरुड़ देव के ये रहस्य आपको आश्चर्यचकित कर देंगे! आखिरकार भगवान विष्णु के वाहन गरूढ़ का क्या रहस्य है? क्यों हिन्दू में उनको विशेष महत्व दिया जाता है,क्या है उनके जन्म का रहस्य और कैसे वह एक पक्षी से भ

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चौरासी लाख योनियों का रहस्य

11 दिसम्बर 2021
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हिन्दू धर्म में पुराणों में वर्णित 8400000 योनियों के बारे में आपने कभी ना कभी अवश्य सुना होगा।हम जिस मनुष्य योनि में जी रहे हैं वो भी उन चौरासी लाख योनियों में से एक है।अब समस्या ये है कि कई लो

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क्षीर सागर में भगवान बिष्णु शेष शैय्या पर विश्राम कर रहे हैं

11 दिसम्बर 2021
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क्षीर सागर में भगवान बिष्णु शेष शैय्या पर विश्राम कर रहे हैं और लक्ष्मीजी उनके पैर दबा रही हैं। बिष्णुजी के एक पैर का अंगूठा शैय्या के बाहर आ गया और लहरें उससे खिलवाड़ करने लगीं।क्षीरसागर के एक

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क्या भगवान श्रीकृष्ण को 64 कलाओं के ज्ञान थे?

11 दिसम्बर 2021
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क्या भगवान श्रीकृष्ण को 64 कलाओं के ज्ञान थे?<div><br></div><div>श्री कृष्ण अपनी शिक्षा ग्रहण करने आ

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मंदिर में जाने से पहले क्यों बजाते हैं घंटा या घंटी

11 दिसम्बर 2021
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मंदिर के द्वार पर और विशेष स्थानों पर घंटी या घंटे लगाने का प्रचलन प्राचीन काल से ही रहा है। लेकिन इस घंटे या घंटी लगाने का धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व क्या है? कभी आपने सोचा कि यह किस कारण से लगाई जात

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सुंदरकांड में एक प्रसंग अवश्य पढ़ें ! मैं न होता, तो क्या होता?

11 दिसम्बर 2021
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“अशोक वाटिका" में जिस समय रावण क्रोध में भरकर, तलवार लेकर, सीता माँ को मारने के लिए दौड़ पड़ा, तब हनुमान जी को लगा, कि इसकी तलवार छीन कर, इसका सर काट लेना चाहिये!किन्तु, अगले ही क्षण, उन्हों ने देखा "म

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माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की एक कथा !

11 दिसम्बर 2021
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माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की एक कथा !<div><br></div><div> भगवान् विष्णुजी और सौभाग्य और धन क

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क्या सिखाता है भगवान कृष्ण का स्वरूप

11 दिसम्बर 2021
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कभी सोचा है भगवान कृष्ण का स्वरूप हमें क्या सिखाता है?क्यों भगवान जंगल में पेड़ के नीचे खड़े बांसुरी बजा रहे हैं, मोरमुकुट पहने, तन पर पीतांबरी, गले में वैजयंती की माला, साथ में राधा, पीछे गाय। कृष्ण

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रामचरितमानस में वर्णित राम-लक्ष्मण और परशुरामजी की कथा धनुष भंग के समय की

11 दिसम्बर 2021
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तेहिं अवसर सुनि सिवधनु भंगा। आयउ भृगुकुल कमल पतंगा॥प्रभुश्रीराम द्वारा भगवान शंकर का धनुष टूटने का समाचार जब परसुराम जी को मिलता है,उसी समय भृगुकुल रूपी कमल के सूर्य परशुरामजी आए॥सांत बेषु करनी कठिन ब

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कौन है सात महान ‍ऋषि

11 दिसम्बर 2021
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ऋग्वेद में लगभग एक हजार सूक्त हैं, याने लगभग दस हजार मन्त्र हैं। चारों वेदों में करीब बीस हजार से ज्यादा मंत्र हैं और इन मन्त्रों के रचयिता कवियों को हम ऋषि कहते हैं। बाकी तीन वेदों के मन्त्रों की तरह

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राजा दशरथ के मुकुट का एक अनोखा राज, पहले कभी नही सुनी होगी यह कथा आपने

11 दिसम्बर 2021
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अयोध्या के राजा दशरथ एक बार भ्रमण करते हुए वन की ओर निकले वहां उनका समाना बाली से हो गया। राजा दशरथ की किसी बात से नाराज हो बाली ने उन्हें युद्ध के लिए चुनोती दी। राजा दशरथ की तीनो रानियों में से कैकय

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पांडवों की माता कुन्ती के जीवन का दर्शन

12 दिसम्बर 2021
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महाभारत युद्ध के बाद जब भगवान् श्री कृष्णजी द्वारिका जा रहे थे, तब भगवान् ने सभी को इच्छित वरदान दियें, जब माता कुन्ती से वर मांगने के लिये कहाँ गया तो माँ कुन्ती ने क्या मांगा? कुन्ती बोली- मैं

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शिवपुराण में वर्णित है मृत्यु के ये बारह संकेत

12 दिसम्बर 2021
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शिवपुराण में वर्णित है मृत्यु के ये बारह संकेत<div><br></div><div>धर्म ग्रंथों में भगवान शिव को महाक

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हिंदू परम्पराओं के पीछे छिपे वैज्ञानिक कारण अवश्य जाने

12 दिसम्बर 2021
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1. कान छिदवाने की परम्पराभारत में लगभग सभी धर्मों में कान छिदवाने की परम्परा है। वैज्ञानिक तर्क-दर्शनशास्त्री मानते हैं कि इससे सोचने की शक्ति बढ़ती है। जबकि डॉक्टरों का मानना है कि इससे बोली अच्छी हो

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भगवान श्रीराम में 16 गुण थे, जिनके कारण वे कहे गए आदर्श पुरुष

12 दिसम्बर 2021
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भगवान श्रीराम में 16 गुण थे, जिनके कारण वे कहे गए आदर्श पुरुष भगवान के जितने भी अवतार हुए हैं। उनमें श्रीरामजी के अवतार को ही मर्यादा पुरुषोत्तम कहा गया है। कहा जाता है कि बेटा हो तो

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हनुमान चालीसा की रचना और इतिहास

12 दिसम्बर 2021
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ये बात उस समय की है जब भारत पर मुग़ल सम्राट अकबर का राज्य था। सुबह का समय था एक महिला ने पूजा से लौटते हुए तुलसीदास जी के पैर छुए। तुलसीदास जी ने नियमानुसार उसे सौभाग्यशाली होने का आशीर्वाद दिया।

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जिनमें यह 14 दुर्गुण है वह मृतक समान है,पढ़ें रावण-अंगद संवाद

12 दिसम्बर 2021
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जिनमें यह 14 दुर्गुण है वह मृतक समान है,पढ़ें रावण-अंगद संवाद<div><br></div><div>इस संवाद में अंगद न

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महर्षि अष्टावक्र

12 दिसम्बर 2021
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प्रकाण्ड विद्वान अष्टावक्रअष्टावक्र इतने प्रकाण्ड विद्वान थे कि माँ के गर्भ से ही अपने पिताजी "कहोड़"को अशुद्ध वेद पाठ करने के लिये टोंक दिए, जिससे क्रुद्ध होकर पिताजी ने आठ

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महाभारत की गान्धारी भी ममता रोग से ग्रसित

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महाभारत की गान्धारी भी कैकेयीजी के समान ही परम पतिव्रता थीं । उनका विवाह अन्धे धृतराष्ट्र के साथ हुआ, लेकिन जब उन्होंने देखा कि मेरे पति के पास दृष्टि नहीं है तो उन्होंने भी अपनी आँखों पर पट्टी बाँध ल

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राम नाम की महिमा

12 दिसम्बर 2021
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राम नाम की महिमाअजामिल ने बहुत पाप किये थे। अभी 12 वर्ष बाकि थे कि यमदूत लेने आ गए। मृत्युकाल समीप आ गया है, अजामिल घबराया। घबराहट में उसने अपने पुत्र के प्रति आसक्ति के कारण *नारायण-नारायण* असहा

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महात्मा विदुर के जन्म की कथा!

12 दिसम्बर 2021
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महात्मा विदुर के जन्म की कथा!<div>महाभारत के अनुसार माण्डव्य नाम के एक ऋषि थे। वे बड़े धैर्यवान्, धर्

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महाभारत चक्रव्यूह

12 दिसम्बर 2021
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विश्व का सबसे बड़ा युद्ध था महाभारत का कुरुक्षेत्र युद्ध। इतिहास में इतना भयंकर युद्ध केवल एक बार ही घटित हुआ था। अनुमान है कि महाभारत के कुरुक्षेत्र युद्ध में परमाणू हथियारों का उपयॊग भी किया गया था।

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तारा रानी की कथा

12 दिसम्बर 2021
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माता के जगराते में महारानी तारा देवी की कथा कहने व सुनने की परम्‍परा प्राचीन काल से चली आई है।बिना इस कथा के जागरण को सम्‍पूर्ण नहीं माना जाता है, यद्यपि पुराणों या ऐतिहासिक पुस्‍तकों में कोई उल्‍लेख

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Garud Puran: गरुड़ पुराण में 36 प्रकार के नर्क का वर्णन है, जानिए किसमें कैसे दी जाती है सजा

12 दिसम्बर 2021
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Garud Puran: गरुड़ पुराण में 36 प्रकार के नर्क का वर्णन है, जानिए किसमें कैसे दी जाती है सजा<div><br

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मरने के 47 दिन बाद आत्मा पहुंचती है यमलोक, ये होता है रास्ते में

12 दिसम्बर 2021
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मरने के 47 दिन बाद आत्मा पहुंचती है यमलोक, ये होता है रास्ते में<div><br></div><div>मृत्यु एक ऐसा सच

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बाबा रामदेव जी जन्म कथा

12 दिसम्बर 2021
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बाबा रामदेव जी का जन्म 1409 ई में हिन्दू कैलेंडर के मुताबिक भादवे की बीज (भाद्रपद शुक्ल द्वित्या) के दिन रुणिचा के शासक अजमल जी के घर अवतार लिया था. इनकी माता का नाम मैणादे था. इनके एक बड़े भाई क

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चार-युग और उनकी विशेषताएं

12 दिसम्बर 2021
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युग' शब्द का अर्थ होता है एक निर्धारित संख्या के वर्षों की काल-अवधि। जैसे सत्ययुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग, कलियुग आदि । यहाँ हम चारों युगों का वर्णन करेंगें। युग वर्णन से तात्पर्य है कि उस युग में

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राजा मोरध्वज

12 दिसम्बर 2021
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महाभारत युद्ध की समाप्ति के बाद अर्जुन को वहम हो गया की वो श्रीकृष्ण के सर्वश्रेष्ठ भक्त है, अर्जुन सोचते की कन्हैया ने मेरा रथ चलाया, मेरे साथ रहे इसलिए में भगवान का सर्वश्रेष्ठ भक्त हूँ।अर्जुन को क

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शबरी के पैरों की धूल

12 दिसम्बर 2021
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शबरी एक आदिवासी भील की पुत्री थी। देखने में बहुत साधारण, पर दिल से बहुत कोमल थी। इनके पिता ने इनका विवाह निश्चित किया, लेकिन आदिवासियों की एक प्रथा थी की किसी भी अच्छे कार्य से पहले निर्दोष जानवर

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चौरासी लाख योनियों के चक्र का शास्त्रों में वर्णन

12 दिसम्बर 2021
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30 लाख बार वृक्ष योनि में जन्म होता है ।इस योनि में सर्वाधिक कष्ट होता है ।धूप ताप,आँधी, वर्षा आदि में बहुत शाखा तक टूट जाती हैं ।शीतकाल में पतझड में सारे पत्ता

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रामायण के अनुसार नारी गहने क्यों पहनती हैं?

12 दिसम्बर 2021
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रामायण के अनुसार नारी गहने क्यों पहनती हैं?<div><br></div><div>रामायण के अनुसार भगवान राम ने, जब सीत

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महाभारत का युद्ध समाप्त हो चुका था

12 दिसम्बर 2021
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<br><div>महाभारत का युद्ध समाप्त हो चुका था| महाराज युधिष्ठिर राजा बन चुके थे| अपने चारों

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स्त्रियाँ क्योँ लगाती हैँ माँग मेँ सिन्दूर और इसकी वैज्ञानिकता क्या?

13 दिसम्बर 2021
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(1)भारतीय वैदिक परंपरा खासतौर पर हिंदू समाज में शादी के बाद महिलाओं को मांग में सिंदूर भरना आवश्यक हो जाता है। आधुनिक दौर में अब सिंदूर की जगह कुंकु और अन्य चीजों ने ले ली है। सवाल यह उठता है कि आखिर

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गीता के 18 अध्यायो का संक्षेप में हिंदी सारांश

13 दिसम्बर 2021
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भगवान श्री कृष्ण ने महाभारत के युद्ध में अर्जुन को गीता का उपदेश दिया और इसी उपदेश को सुनकर अर्जुन को ज्ञान की प्राप्ति हुई। गीता का उपदेश मात्र अर्जुन के लिए नहीं था बल्कि ये समस्त जगत के लिए था, अगर

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श्रीमद्भागवत सन्देश सार

14 दिसम्बर 2021
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गीता का उपदेश अत्यन्त पुरातन योग है। श्री भगवान् कहते हैं इसे मैंने सबसे पहले सूर्य से कहा था। सूर्य ज्ञान का प्रतीक है अतः श्री भगवान् के वचनों का तात्पर्य है कि पृथ्वी उत्पत्ति से पहले भी अनेक स्वरू

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काशी विश्वनाथ मंदिर से जुड़े दस रहस्य

14 दिसम्बर 2021
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बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक ज्योतिर्लिंग काशी में है जिसे बाबा विश्वनाथ कहते हैं। काशी को बनारस और वाराणसी भी कहते हैं। शिव और काल भैरव की यह नगरी अद्भुत है जिसे सप्तपुरियों में शामिल किया गया है। द

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रामायण से जुड़े रोचक तथ्य (Ramayan se Jude rochak Tathay)

15 दिसम्बर 2021
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रामायण से जुड़े रोचक तथ्य (Ramayan se Jude rochak Tathay)रामायण को हिन्दू धर्म का एक पवित्र ग्रंथ माना गया है। इसमें कई ऐसी कथाएं हैं जिन्हे आमतौर पर तो सब लोग जानते हैं। लेकिन कुछ ऐसी बातों का भी वर्ण

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जब हनुमान जी के कोप से बचने के लिए शनि देव को बनना पड़ा स्त्री

15 दिसम्बर 2021
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गुजरात में भावनगर के सारंगपुर में हनुमान जी का एक अति प्राचीन मंदिर स्तिथ है जो की कष्टभंजन हनुमानजी के नाम से जाना जाता है। इस मंदिर की विशेषता यह है की इस मंदिर में हनुमान जी के पैरों में स्त्री रूप

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राधा जी का जिक्र भागवत में क्यों नहीं है

15 दिसम्बर 2021
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<div>राधा जी का जिक्र भागवत में क्यों नहीं है !भागवत में शुकदेवजी ने राधा जी का नाम नहीं लिया है पर

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भगवान शिव सर्पों को आभूषण के रूप में क्यों धारण करते हैं ?

15 दिसम्बर 2021
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भगवान शिव सर्पों को आभूषण के रूप में क्यों धारण करते हैं ?<div><br></div><div>संसार में जो कुछ भी अन

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हनुमान जी के चरित्र से हमें क्या सीख लेनी चाहिए।

15 दिसम्बर 2021
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प्रनवउँ पवनकुमार खल बन पावक ग्यान घन।जासु हृदय आगार बसहिं राम सर चाप धर॥भावार्थ:-मैं पवनकुमार श्री हनुमान्‌जी को प्रणाम करता हूँ, जो दुष्ट रूपी वन को भस्म करने के लिए अग्निरूप हैं, जो ज्ञान की घनमूर्त

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श्री कृष्ण के बारे में कुछ रोचक जानकारीया

16 दिसम्बर 2021
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श्री कृष्ण के बारे में कुछ रोचक जानकारीया<div>कृष्ण को पूर्णावतार कहा गया है। कृष्ण के जीवन में वह स

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भगवान विष्णु के चरणों का महत्व

16 दिसम्बर 2021
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. <div>भगवान विष्णु के चरणों का महत्व</div><div><span style="font-size: 1em;">&nbs

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माता शबरी बोली- यदि रावण का अंत नहीं करना होता तो राम तुम यहाँ कहाँ से आते?"

16 दिसम्बर 2021
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माता शबरी बोली- यदि रावण का अंत नहीं करना होता तो राम तुम यहाँ कहाँ से आते?"राम गंभीर हुए। कहा, "भ्रम में न पड़ो अम्मा! राम क्या रावण का वध करने आया है? छी... अरे रावण का वध तो लक्ष्मण अपने पैर से वाण

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भगवान श्री राम कैसे इस भूलोक को छोड़कर पुनः विष्णुलोक को प्रस्थान किए

16 दिसम्बर 2021
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भगवान_श्री_राम के मृत्यु वरण में सबसे बड़ी बाधा उनके प्रिय भक्त_हनुमान थे। क्योंकि हनुमान के होते हुए यम की इतनी हिम्मत नहीं थी की वो प्रभु श्री राम के पास पहुँच चुके। पर स्वयं श्री राम से इसका हल निका

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चंद्र ग्रहण की कथा

16 दिसम्बर 2021
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चंद्र ग्रहण की कथा<div><br></div><div>चंद्र ग्रहण पूर्णिमा के दिन ही होता है। चंद्र ग्रहण के दिन देव

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भगवान श्रीजगन्नाथ जी की विस्तृत कथा!

17 दिसम्बर 2021
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एक बार भगवान श्री कृष्ण सो रहे थे और निद्रावस्था में उनके मुख से राधा जी का नाम निकला। पटरानियों को लगा कि वह प्रभु की इतनी सेवा करती है परंतु प्रभु सबसे ज्यादा राधा जी का ही स्मरण रहता है।रुक्मिणी जी

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भानुमति की कथा

17 दिसम्बर 2021
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दुर्योधन की पत्नी का नाम भानुमति था। भानुमति के कारण ही यह मुहावरा बना है- कहीं की ईंट कहीं का रोड़ा, भानुमति ने कुनबा जोड़ा। भानुमति काम्बोज के राजा चन्द्रवर्मा की पुत्री थी। राजा ने उसके विवाह के लिए

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सीताजी को किसके शाप के कारण श्रीराम का वियोग सहना पड़ा ?

18 दिसम्बर 2021
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प्राचीनकाल में मिथिला में सीरध्वज जनक नाम से प्रसिद्ध धर्मात्मा राजा राज्य करते थे । एक बार राजा जनक यज्ञ के लिए पृथ्वी जोत रहे थे । उस समय चौड़े मुंह वाली सीता (हल के धंसने से बनी गहरी रेखा) से एक कन

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माँ शबरी संवाद

18 दिसम्बर 2021
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सबरी को आश्रम सौंपकर महर्षी मतंग जब देवलोक जाने लगे तब सबरी भी साथ जाने की जिद करने लगी।सबरी की उम्र दस वर्ष थी। वो महर्षि मतंग का हाथ पकड़ रोने लगीमहर्षि सबरी को रोते देख व्याकुल हो उठे! सबरी को समझाय

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महादेव जी द्वारा राम नाम की महिमा

18 दिसम्बर 2021
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महादेव जी को एक बार बिना कारण के किसी को प्रणाम करते देखकर पार्वती जी ने पूछा आप किसको प्रणाम करते रहते हैं?शिव जी ने अपनी धर्मपत्नी पार्वती जी से कहते हैं की, हे देवी! जो व्यक्ति एक बार राम कहता है उ

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अनसुनी कथाएँ जब माता सीता बन गई चण्डी

18 दिसम्बर 2021
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एक समय की बात है कि भगवान् श्री राम राज सभा में विराज रहे थे उसी समय विभीषण वहाँ पहुंचे। वे बहुत भयभीत और हडबड़ी में लग रहे थे। सभा में प्रवेश करते ही वे कहने लगे – हे राम ! मुझे बचाइये, कुम्भकर्ण का ब

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भगवान शिव से जुड़े कुछ रोचक तथ्य

18 दिसम्बर 2021
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भगवान शिव से जुड़े कुछ रोचक तथ्य भगवान शिव का कोई माता-पिता नही है. उन्हें अनादि माना गया है. मतलब, जो हमेशा से था. जिसके जन्म की कोई तिथि नही.कथक, भरतनाट्यम करते वक्त भगवान शिव की जो मूर्ति रखी ज

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प्रभुश्रीराम और केवट का संवाद

18 दिसम्बर 2021
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रामायण में वर्णित एक एक घटना अपने आप में मनुष्यों के लिए मार्गदर्शन स्थापित करता है। लेकिन कुछ घटनाये ऐसी हैं जिसे हम बार बार पढते हैं फिर भी संतुस्ट नहीं होते। उन्ही घटनाओं में से एक है भगवान राम और

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महाभारत युद्ध के 18 दिनों का रहस्य

19 दिसम्बर 2021
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महाभारत युद्ध के 18 दिनों का रहस्य<div><br></div><div>माना जाता है कि महाभारत युद्ध में</div><div>एक

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रावण-पुत्र ‘अक्षय कुमार’ का वध नहीं चाहते थे हनुमान, क्यों?

22 दिसम्बर 2021
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रावण-पुत्र ‘अक्षय कुमार’ का वध नहीं चाहते थे हनुमान, क्यों?<div><br></div><div>महर्षि वाल्मीकि द्वार

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सूर्य भगवान की उत्पत्ति, उनकी स्त्री संज्ञा और छाया की कथा

15 जनवरी 2022
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सूर्य भगवान की उत्पत्ति, उनकी स्त्री संज्ञा और छाया की कथासुमन्तु मुनि कहते हैं कि हे राजन् ! हम अब सप्तमी कल्प का वर्णन करते हैं। सप्तमी के दिन सूर्य भगवान ने जन्

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भगवान विष्णु ने मारा था शुक्राचार्य की माँ को, बदले की भावना में बने दैत्यगुरु!

15 जनवरी 2022
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भगवान विष्णु ने मारा था शुक्राचार्य की माँ को, बदले की भावना में बने दैत्यगुरु!शुक्राचार्य का नाम तो सबने सुना ही होगा, इतना सबको पता है की वो दैत्यों और राक्षसो के गुरु थे लेकिन ये कोई नही जानता होगा

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भीम के अंदर कैसे आया था 10 हजार हाथियों का बल? नहीं जानते होंगे महाभारत से जुड़ा ये रहस्य

15 जनवरी 2022
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महाभारत में ऐसे कई योद्धा थे, जो बेहद ही शक्तिशाली थे। उनका मुकाबला करना मतलब मौत को दावत देने के समान था। ऐसे ही एक योद्धा थे पांडु पुत्र भीम। कहा जाता है कि भीम के अंदर 10 हजार हाथियों का बल था। लेक

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भगवान शिव के उन्नीस अवतारों की संक्षिप्त कथायें :

15 जनवरी 2022
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भगवान शिव के उन्नीस अवतारों की संक्षिप्त कथायें :शिव महापुराण में भगवान शिव के अनेक अवतारों का वर्णन मिलता है, लेकिन बहुत ही कम लोग इन अवतारों के बारे में जानते हैं। धर्म ग्रंथों के अनुसार भगवान

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महाभारत चक्रव्यूह

15 जनवरी 2022
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विश्व का सबसे बड़ा युद्ध था महाभारत का कुरुक्षेत्र युद्ध। इतिहास में इतना भयंकर युद्ध केवल एक बार ही घटित हुआ था। अनुमान है कि महाभारत के कुरुक्षेत्र युद्ध में परमाणू हथियारों का उपयॊग भी किया गया था।&

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मंदिर के गुम्बद (शिखर) का रहस्य

15 जनवरी 2022
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मंदिर के गुम्बद (शिखर) का रहस्यमंदिरों की छत सपाट क्यों नहीं होती, नुकीली क्यों बनाई जाती है...? मंदिरों की छतों पर एक विशेष प्रकार की आकृति बनाई जाती है। यह आकृति ऊपर की तरफ नुकीली हो जाती है। प

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रावण

15 जनवरी 2022
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1. रावण के दादाजी का नाम प्रजापति पुलत्स्य था जो ब्रह्मा जी के दस पुत्रों में से एक थे। इस तरह देखा जाए तो रावण ब्रह्मा जी का पडपौत्र हुआ जबकि उसने अपने पिताजी और दादाजी से हटकर धर्म का साथ न देकर अधर

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पंचकन्याओं का रहस्य

15 जनवरी 2022
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पंचकन्याओं का रहस्यपुराणानुसार ये पाँच स्त्रियाँ जो विवाहिता होने पर भी कन्याओं के समान ही पवित्र मानी गई है। अहल्या, द्रौपदी, कुन्ती, तारा और मंदोदरीहिन्दू धर्म से जुड़ी पौराणिक कथाओं में ज्यादातर प्र

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क्यों बजाते हैं तालियां, जानकर आप भी हो जाएंगे शुरू?

16 जनवरी 2022
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क्यों बजाते हैं तालियां, जानकर आप भी हो जाएंगे शुरू? घर में, मंदिर में, देवालय में या कहीं भी भजन-कीर्तन व आरती होती है, सभी लोग मिलकर खूब तालियां बजाते हैं। हम से अधिकांश लोग बिना कुछ जाने-समझे

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श्री कृष्ण पर गुरु का आशीर्वाद

16 जनवरी 2022
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एक बार श्री कृष्ण जी के गुरु दुर्वासा ऋषि अपने शिष्यों के साथ कही जा रहे थे।रास्ते में किसी जंगल में रूककर उन्होंने आराम किया। उसी के पास ही द्वारका नगरी थी।दुर्वासा ऋषि ने अपने शिष्यों को भेजा कि श्र

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जब गुरु नानक जी ने कहा सभी उजड़ जा ओ

16 जनवरी 2022
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एक बार गुरु नानक देव जी अपने शिष्यों के साथ एक ऐसे गांव में पहुंचे जहां के लोग साधू-सन्यासी लोगों को बिल्कुल भी पसंद नहीं करते थे। गुरु नानक जी वहां गए तो उनसे भी वहां के लोगों ने ऐसा ही व्यवहार किया।

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गणित विद्या की 12 वी शताब्दी की महान आचार्या : लीलावती

16 जनवरी 2022
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गणित विद्या की 12 वी शताब्दी की महान आचार्या : लीलावतीमहान गणितज्ञ लीलावती के नाम से अधिकांश लोग परीचित नहीं हैं। आज विश्व के सैंकड़ो देश जिस गणित की महान पुस्तक से गणित को पढ़ा रहे हैं, उसकी रचयिता ग

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ॐ (OM) उच्चारण के 11 शारीरिक लाभ : ॐ : ओउम् तीन अक्षरों से बना है।

16 जनवरी 2022
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ॐ (OM) उच्चारण के 11 शारीरिक लाभ :ॐ : ओउम् तीन अक्षरों से बना है।अ उ म् ।"अ" का अर्थ है उत्पन्न होना,"उ" का तात्पर्य है उठना, उड़ना अर्थात् विकास,"म" का मतलब है मौन हो जाना अर्थात् "ब्रह्मलीन" हो जाना

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श्रीरामभक्त हनुमान की लीला

16 जनवरी 2022
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एक दिन हनुमानजी जब सीता जी की शरण में आए, नैनों में जल भरा हुआ है बैठ गए शीश झुकाए,सीता जी ने पूछा उनसे कहो लाडले बात क्या है, किस कारण ये छाई उदासी, नैनों में क्यों नीर भरा है..हनुमान जी बोले मैया आप

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आत्मा की सात अवस्थाएं, जानिए

16 जनवरी 2022
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वेद अनुसार जन्म और मृत्यु के बीच और फिर मृत्यु से जन्म के बीच तीन अवस्थाएं ऐसी हैं जो अनवरत और निरंतर चलती रहती हैं। वह तीन अवस्थाएं हैं : जागृत, स्वप्न और सुषुप्ति। उक्त तीन अवस्थाओं से बाहर निकलने क

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श्रीकृष्ण कोमल चरण

17 जनवरी 2022
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श्रीकृष्ण कोमल चरणएक बार श्रीकृष्ण के गुरु दुर्वासा ऋषि अपने शिष्यों के साथ कहीं जा रहे थे। रास्ते में किसी जंगल में रूककर उन्होंने आराम किया। समीप ही द्वारिका नगरी थी।दुर्वासा ऋषि ने अपने शिष्यों को

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हिंदू विवाह में सात फेरे और सात वचन

18 जनवरी 2022
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हिंदू विवाह में सात फेरे और सात वचनवैदिक संस्कृति के अनुसार सोलह संस्कारों को जीवन के सबसे महत्त्वपूर्ण संस्कार माने जाते हैं। विवाह संस्कार उन्हीं में से एक है जिसके बिना मानव जीवन पूर्ण नहीं हो सकता

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एक बुजुर्ग औरत मर गई, यमराज लेने आये

18 जनवरी 2022
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एक बुजुर्ग औरत मर गई, यमराज लेने आये।औरत ने यमराज से पूछा, आप मुझे स्वर्ग ले जायेगें या नरक।यमराज बोले दोनों में से कहीं नहीं।तुमनें इस जन्म में बहुत ही अच्छे कर्म किये हैं, इसलिये मैं तुम्हें सीधे प्

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छिपकलियां भी बताती है, ‘शरीर’ पर गिरने का रहस्य

18 जनवरी 2022
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परमात्मा ने हर प्राणी को किसी न किसी विशेष गुण से नवाज कर मृत्यु लोक में भेजा है। प्रत्येक के अन्दर कुछ अनोखी ही कला डाली है, फिर वो चाहे जानवर हो या इंसान अथवा कोई भी जीव-जन्तु। इन सभी जीवों में से ए

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राम भक्त ‘हनुमान’ जी से सीखें जीवन प्रबंधन के ये दस सूत्र

18 जनवरी 2022
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राम भक्त ‘हनुमान’ जी से सीखें जीवन प्रबंधन के ये दस सूत्र!!!!!!? हनुमान जी को कलियुग में सबसे प्रमुख ‘देवता’ माना जाता है। रामायण के सुन्दर कांड और तुलसीदास की हनुमान चालीसा में बजरंगबली क

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रामायण का यह एक ऐसा पात्र है जिसकी चर्चा बहुत कम होती है।

20 जनवरी 2022
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त्रिजटा - राक्षसी से साध्वी तकरामायण का यह एक ऐसा पात्र है जिसकी चर्चा बहुत कम होती है।त्रिजटा को सीताजी ने बड़े प्रेम से मां कहा था। यह सौभाग्य और किसी को कभी नहीं मिला! सीताजी ने त्रिजटा से न केवल अप

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महाभारत से ली गयी,पांडवों का स्वर्गारोहण की कथा

20 जनवरी 2022
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महाभारत से ली गयी,पांडवों का स्वर्गारोहण की कथाधर्मराज युधिष्ठिर के शासनकाल में हस्तिनापुर की प्रजा सुखी तथा समृद्ध थी। कहीं भी किसी प्रकार का शोक व भय आदि नहीं था। कुछ समय बाद श्रीकृष्ण से मिलने के ल

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33 करोड़ देवता हैं या कि 33 कोटि,जानिए दोनों ही मतों का विश्लेषण

20 जनवरी 2022
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33 करोड़ देवता हैं या कि 33 कोटि,जानिए दोनों ही मतों का विश्लेषण!क्या आप इस क्रम को मानते हैं:- जड़, वृक्ष, प्राणी, मानव, पितर, देवी-देवता, भगवान और ईश्वर। सबसे बड़ा ईश्वर, परमेश्वर या परमात्मा होता ह

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कैलाश पर्वत के नीचे बसी हैं अद्धभुत अदृश्य नगरिया ..

21 जनवरी 2022
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कैलाश पर्वत के नीचे बसी हैं अद्धभुत अदृश्य नगरिया ..शान्ग्रीला घाटी, ज्ञानगंज, सिद्धाश्रम स्तवन जैसी अदृश्य नगरियों के बीच स्थित दिव्य हिमालय की गोद में बैठा अद्धभुत कैलाश पर्वत अनेकों रहस्य अपने अन्द

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श्री कृष्ण के द्वारा राजा नृग का उद्धार

21 जनवरी 2022
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श्री कृष्ण के द्वारा राजा नृग का उद्धार 'श्रीमद्भागवत महापुराण' के अनुसार- श्रीशुकदेवजी कहते हैं- "प्रिय परीक्षित! एक दिन साम्ब, प्रद्युम्न, चारुभानु और गदा आदि यदुवंशी राजकुमार घूमने के लिये उपव

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समुद्र मंथन से प्राप्त चौदह रत्न कौन से थे

22 जनवरी 2022
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समुद्र मंथन से प्राप्त चौदह रत्न कौन से थेहिन्दू धर्म से संबंधित लगभग सभी लोग समुद्र मंथन की कथा को जानते हैं। यह कथा समुद्र से निकले अमृत के प्याले से जुड़ी है जिसे पीने के लिए देवताओं और असुरों में व

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क्या सचमुच 84 लाख योनियों में भटकना होता है?

22 जनवरी 2022
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क्या सचमुच 84 लाख योनियों में भटकना होता है?हिन्दू धर्म की मान्यता के अनुसार जीवात्मा 84 लाख योनियों में भटकने के बाद मनुष्य जन्म पाता है। अब सवाल कई उठते हैं। पहला यह कि ये योनियां क्या होती हैं? दूस

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जब भगवान विष्णु का मस्तक कटकर अदृश्य हो गया

22 जनवरी 2022
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धर्म धार्मिक कथा जब भगवान विष्णु का मस्तक कटकर अदृश्य हो गयाएक समय की बात है। हयग्रीव नाम का एक परम पराक्रमी दैत्य हुआ। उसने सरस्वती नदी के तट पर जाकर भगवती महामाया की प्रसन्नता के लिए बड़ी कठोर

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हजारों साल पहले ऋषियों के आविष्कार, पढ़कर रह जाएंगे हैरान

22 जनवरी 2022
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हजारों साल पहले ऋषियों के आविष्कार, पढ़कर रह जाएंगे हैरानभारत की धरती को ऋषि, मुनि, सिद्ध और देवताओं की भूमि पुकारा जाता है। यह कई तरह के विलक्षण ज्ञान व चमत्कारों से अटी पड़ी है। सनातन धर्म वेद को मा

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ऊंचे पहाड़ों पर ही क्यों बने है अधिकतर सिद्ध मंदिर, एक वैज्ञानिक रहस्य?

23 जनवरी 2022
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ऊंचे पहाड़ों पर ही क्यों बने है अधिकतर सिद्ध मंदिर, एक वैज्ञानिक रहस्य?क्या अपने सोचा है की हिन्दू धर्म में अधिकतर बड़े सिद्ध धर्मस्थल ऊँचे पहाडो पर ही क्यों बने हुए है ? आखिर क्या है इसका रहस्य, आखिर

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पौराणिक कथा- जब माता दुर्गा ने एक तिनके से तोड़ा देवताओं का घमंड

23 जनवरी 2022
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पौराणिक कथा- जब माता दुर्गा ने एक तिनके से तोड़ा देवताओं का घमंडएक बार देवताओं और दैत्यों में भयंकर युद्ध छिड़ गया। इस युद्ध में देवता विजयी हुए जिससे उनके मन में अहंकर उत्पन्न हो गया। सभी देवता स्वयं

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आखिर गीता पर ही शपथ क्यों दिलाई जाती

23 जनवरी 2022
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आखिर गीता पर ही शपथ क्यों दिलाई जातीकथा कुछ इस प्रकार से है-भगवान श्रीहरि मूर दैत्य का नाश करने के बाद बैकुंठ लोक में शेष शय्या पर आंखें मूंदे लेटे मन ही मन मुस्कुरा रहे थे.देवी लक्ष्मी उनकी चरण सेवा

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तिलक लगाने के चमत्कारिक प्रभाव

23 जनवरी 2022
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तिलक लगाने के चमत्कारिक प्रभाव और लाभतिलक हमेशा मस्तिष्क केंद्र पर लगाते है क्योंकि लगाने की परंपरा कब से और कैसे शुरू हुई यह बताना थोड़ा कठिन है, लेकिन यह परंपरा भारत में प्राचीनकाल से ही चली आ

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ये लक्षण दिखें तो समझ जाएं, मृत्यु निकट है

24 जनवरी 2022
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ये लक्षण दिखें तो समझ जाएं, मृत्यु निकट हैकुछ लोग मौत को जीवन का सबसे बड़ा सत्य मानते हैं, लेकिन हिन्दू दर्शन अनुसार यह सबसे बड़ा झूठ या भ्रम है। मौत से सभी डरते हैं ऐसा मानना गलत है। दरअसल लोगों को य

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शरीर पर भस्म क्यों लगाते हैं भगवान शिव...

25 जनवरी 2022
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शरीर पर भस्म क्यों लगाते हैं भगवान शिव...हिंदू धर्म में शिवजी की बड़ी महिमा हैं। शिवजी का न आदि है ना ही अंत। शास्त्रों में शिवजी के स्वरूप के संबंध कई महत्वपूर्ण बातें बताई गई हैं। इनका स्वरूप सभी दे

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दुनिया की सबसे बड़ी रसोई कहाँ है ?? जानिये भगवान जगन्नाथ मंदिर, पुरी की रसोई दुनिया में सबसे बड़ी है।

25 जनवरी 2022
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दुनिया की सबसे बड़ी रसोई कहाँ है ?? जानियेभगवान जगन्नाथ मंदिर, पुरी की रसोई दुनिया में सबसे बड़ी है।एक एकड़ में फैली 32 कमरों वाली इस विशाल रसोई में भगवान् को चढ़ाये जाने वाले महाप्रसाद को तैयार करने

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घर के प्रेत या पितर रुष्ट होने के लक्षण और उपाय : बहुत जिज्ञासा होती है आखिर ये पितृदोष है क्या?

26 जनवरी 2022
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घर के प्रेत या पितर रुष्ट होने के लक्षण और उपाय :बहुत जिज्ञासा होती है आखिर ये पितृदोष है क्या? पितृ-दोष शांति के सरल उपाय, पितृ या पितृ गण कौन हैं ?आपकी जिज्ञासा को शांत करती विस्तृत प्रस्तुति।प

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चंद्रमा की सुन्दरता व राजा दक्ष प्रजापति का चंद्रमा को श्राप

26 जनवरी 2022
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चंद्रमा की सुन्दरता व राजा दक्ष प्रजापति का चंद्रमा को श्रापचंद्रमा की सुंदरता पर राजा दक्ष की सत्ताइस पुत्रियां मोहित हो गईं. वे सभी चंद्रमा से विवाह करना चाहती थी दक्ष ने समझाया सगी बहनों का एक ही

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भगवान श्रीकृष्ण को शुकदेवजी के जन्म लेने से पहले गर्भ में ही उनको क्यों देनी पड़ी साक्षी (जमानत) ? शुकदेवजी मुनि कैसे बने

26 जनवरी 2022
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भगवान श्रीकृष्ण को शुकदेवजी के जन्म लेने से पहले गर्भ में ही उनको क्यों देनी पड़ी साक्षी (जमानत) ? शुकदेवजी मुनि कैसे बने ?महर्षि वेदव्यास और शुकदेवजी में हुआ बहुत ही ज्ञानवर्धक संवाद हुआ जो मोहग्रस्त

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16 सिद्धियां क्या हैं? आइए जानें...

26 जनवरी 2022
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16 सिद्धियां क्या हैं? आइए जानें...1. वाक सिद्धि : जो भी वचन बोले जाए वे व्यवहार में पूर्ण हो, वह वचन कभी व्यर्थ न जाये, प्रत्येक शब्द का महत्वपूर्ण अर्थ हो, वाक् सिद्धि युक्त व्यक्ति में श्राप/व

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रामायण क्या है..

26 जनवरी 2022
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रामायण क्या है..?? अगर कभी पढ़ो और समझो तो आंसुओ पर काबू रखना....... रामायण का एक छोटा सा वृतांत है, उसी से शायद कुछ समझा सकूँ... एक रात की बात है माता कौशल्या जी को सोते में अपने महल की

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सत्संग बड़ा है या तप

26 जनवरी 2022
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सत्संग बड़ा है या तपएक बार विश्वामित्र जी और वशिष्ठ जी में इस बात‌ पर बहस हो गई,कि सत्संग बड़ा है या तपविश्वामित्र जी ने कठोर तपस्या करके ऋध्दी-सिध्दियों को प्राप्त किया था,इसीलिए वे तप को बड़ा बता रहे

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तारामंडल के ध्रुव से जुड़ी धार्मिक कथा,

26 जनवरी 2022
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क्या है तारामंडल के ध्रुव से जुड़ी धार्मिक कथा,बात पुरानी है। राजा उत्तानपाद की दो पत्नियां थीं- सुनीति और सुरुचि। सुरुचि राजा को बहुत प्रिय थी। वह राज-काज में भी हाथ बंटाती थी। सुरुचि का एक पुत्र था

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जनक ने सीता स्वयंवर में अयोध्या नरेश दशरथ को आमंत्रण क्यों नहीं भेजा ?

26 जनवरी 2022
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जनक ने सीता स्वयंवर में अयोध्या नरेश दशरथ को आमंत्रण क्यों नहीं भेजा ?रामु अमित गुन सागर थाह कि पावइ कोइ।संतन्ह सन जस किछु सुनेउँ तुम्हहि सुनायउँ सोइ॥भावार्थ:-श्री रामजी अपार गुणों के समुद्र हैं, क्या

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अंगो के फड़कने का रहस्य

26 जनवरी 2022
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अंगो के फड़कने का रहस्यअन्य प्राणियों की तुलना में हमारा शरीर काफी संवेदनशील होता है। यही कारण है कि भविष्य में होने वाली घटना के प्रति हमारा शरीर पहले ही आशंका व्यक्त कर देता है। शरीर के विभिन्न अंगों

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कल्कि अवतार की सम्पूर्ण विस्तृत कथा,

26 जनवरी 2022
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कल्कि अवतार की सम्पूर्ण विस्तृत कथा,कल्कि को विष्णुका भावी अवतार माना गया है। पुराणकथाओं के अनुसार कलियुग में पाप की सीमा पार होने पर विश्व में दुष्टों के संहार के लिये कल्कि अवतार प्रकट होगा। युग परि

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एक बार नारद मुनि जी ने भगवान विष्णु जी से पुछा, हे भगवन आप का इस समय सब से प्रिय भगत कौन है

26 जनवरी 2022
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एक बार नारद मुनि जी ने भगवान विष्णु जी से पुछा, हे भगवन आप का इस समय सब से प्रिय भगत कौन है?, अब विष्णु तो भगवान है, सो झट से समझ गये अपने भगत नारद मुनि की बात, और मुस्कुरा कर वोले ! मेरा सब से प्रिय

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गरुड़ पुराण ज्ञान

26 जनवरी 2022
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गरुड़ पुराण ज्ञानगरुण पुराण, वेदव्यास जी द्वारा रचित 18 पुराणो में से एक है। गरुड़ पुराण में 279 अध्याय तथा 18000 श्र्लोक हैं। इस ग्रंथ में मृत्यु पश्चात की घटनाओं, प्रेत लोक, यम लोक, नरक तथा 84 लाख य

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भगवान दत्तात्रेय एवं उनके 24 गुरुओ की एक ज्ञानवर्धक लेख दत्तात्रेय ब्रह्मा-विष्णु-महेश के अवतार माने जाते हैं।

26 जनवरी 2022
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भगवान दत्तात्रेय एवं उनके 24 गुरुओ की एक ज्ञानवर्धक लेखदत्तात्रेय ब्रह्मा-विष्णु-महेश के अवतार माने जाते हैं।भगवान शंकर का साक्षात रूप महाराज दत्तात्रेय में मिलता है और तीनो ईश्वरीय शक्तियों से समाहित

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वेदों के अनुसार पुत्र कितने प्रकार के होते हैं?

26 जनवरी 2022
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वेदों के अनुसार पुत्र कितने प्रकार के होते हैं?हिन्दू परिवार में विवाहिता स्त्री से उत्पन्न नर सन्तान को पुत्र कहा जाता है। पुत्र को बेटा, लड़का, बालक आदि नामों से भी सम्बोधित किया जाता है।पुत्र का प्

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श्रीराम को "मर्यादा पुरूषोत्तम" बनने में माता कैकेयी का त्याग

26 जनवरी 2022
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श्रीराम को "मर्यादा पुरूषोत्तम" बनने में माता कैकेयी का त्याग !!एक रात जब माता कैकेयी सोती हैं, तो उनके स्वप्न में विप्र, धेनु, सुर, संत सब एक साथ हाथ जोड़ के आते हैं और उनसे कहते हैं कि"हे माता कैकेय

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जब रावण ने जटायु के दोनों पंख काट डाले... तो काल आया

26 जनवरी 2022
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जब रावण ने जटायु के दोनों पंख काट डाले... तो काल आया !!और जैसे ही काल आया तो गिद्धराज जटायु ने मौत को ललकार कहा "खबरदार ! ऐ मृत्यु ! आगे बढ़ने की कोशिश मत करना...मैं मृत्यु को स्वीकार तो करूँगा... लेक

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सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र की कथा

26 जनवरी 2022
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सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र की कथाराजा हरिश्चंद्र का नाम सच बोलने के लिए जगत में प्रसिद्ध है। उनकी प्रसिद्धि चारों तरफ फैली थी। इनका जन्म इक्ष्वाकु वंश में त्रिशंकु नामक राजा तथा उनकी पत्नी सत्यवती के पु

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हनुमानजी अजर अमर यानी चिरंजीवि कैसे हुए

26 जनवरी 2022
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हनुमानजी अजर अमर यानी चिरंजीवि कैसे हुएआठ महामानवों को पृथ्वी पर चिरंजीवि माना जाता है- अश्वत्थामा, बलि, व्यासजी, हनुमानजी, विभीषण, परशुरामजी, कृपाचार्य और महामृत्युंजय मंत्र के रचयिता मार्कंडेय जी। ह

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बाबा काशी विश्वनाथ मंदिर से जुड़े 11 रहस्य

26 जनवरी 2022
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बाबा काशी विश्वनाथ मंदिर से जुड़े 11 रहस्य1. काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग दो भागों में है। दाहिने भाग में शक्ति के रूप में मां भगवती विराजमान हैं। दूसरी ओर भगवान शिव वाम रूप (सुंदर) रूप में विराजमान हैं

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महादेव ने क्यों चुनी नंदी की ही सवारी? जानें मंदिर के बाहर पहले क्यों होते हैं इनके दर्शन ।

26 जनवरी 2022
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महादेव ने क्यों चुनी नंदी की ही सवारी? जानें मंदिर के बाहर पहले क्यों होते हैं इनके दर्शन ।नंदी को भक्ति और शक्ति के प्रतीक माना गया है. कहा जाता है कि जो भी भगवान भोले से मिलना चाहता है नंदी पहले उसक

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भगवान शिव के 35 रहस्य, शर्तिया चौंक जाएंगे

26 जनवरी 2022
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भगवान शिव के 35 रहस्य, शर्तिया चौंक जाएंगे आप भगवान शिव अर्थात पार्वती के पति शंकर जिन्हें महादेव, भोलेनाथ, आदिनाथ आदि कहा जाता है, उनके बारे में यहां प्रस्तुत हैं 35 रहस्य। 1. आदिनाथ शिव सर

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शिवपार्वती विवाह की कथा!

26 जनवरी 2022
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शिवपार्वती विवाह की कथा! भगवान बजरंगबली ने कभी बाली से युद्ध किया था? अगर हाँ, तो उस युद्ध का परिणाम क्या हुआ था?बाली देवराज इंद्र का धर्म पुत्र था जिनसे उसे ब्राह्मा जी द्वारा मंत्रित एक हार प्र

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नेपाल के पशु पति नाथ मंदिर की अनोखी महिमा

26 जनवरी 2022
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नेपाल के पशु पति नाथ मंदिर की अनोखी महिमा?अगर आप कभी नेपाल घुमने जाते हैं तो आपको वहां जाकर इस बात का बिल्कुल भी एहसास नहीं होगा कि आप एक अलग देश में हैं। कुछ भारत जैसी संस्कृति और संस्कारों को देखकर

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श्रीमद्भागवतगीता एक संक्षिप्त परिचय

26 जनवरी 2022
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श्रीमद्भागवतगीता एक संक्षिप्त परिचयहिन्दू धर्म में गीता को बेहद पवित्र ग्रंथ माना जाता है। महाभारत काल में रचे गए इस ग्रंथ को जीवन का सार समझा जाता है। गीता में कुल अठारह अध्याय तथा सात सौ से ज्यादा श

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श्रीमदभागवत पुराण की एक बहुचर्चित एवम शिक्षाप्रद अजामिल की विस्तृत कथा

26 जनवरी 2022
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श्रीमदभागवत पुराण की एक बहुचर्चित एवम शिक्षाप्रद अजामिल की विस्तृत कथा शुकदेवजी महाराज राजा परीक्षित से कहते हैं,कि हे प्रिय परीक्षित्! यह कथा परम गोपनीय—अत्यन्त रहस्यमय है। मलय पर्वत पर विराजमान

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श्री हनुमान जी और बाली युद्ध की कथा

26 जनवरी 2022
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भगवान बजरंगबली ने कभी बाली से युद्ध किया था? अगर हाँ, तो उस युद्ध का परिणाम क्या हुआ था?बाली देवराज इंद्र का धर्म पुत्र था जिनसे उसे ब्राह्मा जी द्वारा मंत्रित एक हार प्राप्त हुआ उसके कारण सामने वाले

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एक 'पाप' से सारे 'पुण्य' नष्ट हो जाते हैं

26 जनवरी 2022
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एक 'पाप' से सारे 'पुण्य' नष्ट हो जाते हैंमहाभारत के युद्ध पश्चात जब "श्रीकृष्ण" लौटे तो रोष में भरी 'रुक्मणी' ने उनसे पूछा ?युद्ध में बाकी सब तो ठीक था... किंतु आपने "द्रोणाचार्य" और "भीष्म पितामह" जै

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स्त्रियों के 16 श्रृंगार एवं उसका महत्व

26 जनवरी 2022
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स्त्रियों के 16 श्रृंगार एवं उसका महत्वहिन्दू महिलाओं के लिए 16 श्रृंगार का विशेष महत्व है। विवाह के बाद स्त्री इन सभी चीजों को अनिवार्य रूप से धारण करती है। हर एक चीज का अलग महत्व है। हर स्त्री चाहती

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क्या हुआ जब धरती में समा गईं सीता माता

26 जनवरी 2022
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क्या हुआ जब धरती में समा गईं सीता माता?पहली बात तो यह कि माता सीता का धरती में समा जाने के प्रसंग पर मतभेद और विरोधाभाष है। पद्मपुराण की कथा में सीता धरती में नहीं समाई थीं बल्कि उन्होंने श्रीराम के स

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सुबह उठते ही 'कर (हथेली) दर्शन' का महत्त्व क्यों

27 जनवरी 2022
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सुबह उठते ही 'कर (हथेली) दर्शन' का महत्त्व क्यों?हमारी संस्कृति हमें धर्ममय जीवन जीना सिखाती है। हमारा जीवन सुखी, समृद्ध, आनंदमय बने इसके लिए संस्कार रचे गए और दिनचर्या तय की गई। दिनचर्या का आरंभ नींद

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सूपनखा की कथा

27 जनवरी 2022
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सूपनखा की कथा।सूपनखा रावन कै बहिनी। दुष्ट हृदय दारुन जस अहिनी॥पंचबटी सो गइ एक बारा। देखि बिकल भइ जुगल कुमारा ।।सूर्पणखा पूर्वजन्म में इन्द्र की प्रिय "नयनतारा" नामक अप्सरा थी। पृथ्वी पर एक 'वज्रा' नाम

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भगवान शिव ने नंदी तो मां पार्वती ने बाघ को अपना वाहन क्यों चुना, जानिए इसका रहस्य

27 जनवरी 2022
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भगवान शिव ने नंदी तो मां पार्वती ने बाघ को अपना वाहन क्यों चुना, जानिए इसका रहस्य मूषक : - हमारे प्रथम पूजनीय श्री गणेश जो तर्क वितर्क करने और समस्याओं की जड़ तक जाकर उनका समाधान करने में सबसे आग

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हिन्दू संस्कार पौराणिक कथा : पुत्र मोह कितना उचित

27 जनवरी 2022
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हिन्दू संस्कारपौराणिक कथा : पुत्र मोह कितना उचितमहाराजा चित्रकेतु पुत्र हीन थे । महर्षि अंगिरा का उनके यहाँ आना जाना होता था । जब भी आते राजा उनसे निवेदन करते, महर्षि पुत्र हीन हूँ , इतना राज्य कौन सम

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हनुमान जी की अतुलित शक्तियों का राज?

27 जनवरी 2022
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हनुमान जी की अतुलित शक्तियों का राज?रामभक्त हनुमान रामभक्त हनुमान को हम नाजाने कितने ही नामों से पूजते हैं। कोई उन्हें पवनपुत्र कहता है तो कोई महावीर, कोई अंजनीपुत्र बुलाता है तो कोई कपीश नाम से उनकी

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रूस का महाभारतकालीन " अग्नि " मंदिर

27 जनवरी 2022
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रूस का महाभारतकालीन " अग्नि " मंदि भारत की राजधानी दिल्ली से लगभग 3000 किलोमीटर एक देश है, जिसका नाम है अजरबैजान ।। यह देश पहले रूस का एक भाग हुआ करता था, लेकिन 1991 में रूस के टुकड़े टुकड़े

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गीता जी मे क्या कहते हैं कृष्ण, आइये जानें

27 जनवरी 2022
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गीता जी मे क्या कहते हैं कृष्ण, आइये जानें जब भूतकाल में किये गये किसी का पाप का प्रायश्चित करने के बाद मनुष्य को उस पाप का दंड मिलता है, तो मनुष्य को लगता है कि उस पाप का दंड मुझे अब क्यों

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भगवान श्रीगणेश जी के रहस्य

1 फरवरी 2022
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भगवान श्रीगणेश जी के रहस्यश्रीगणेश एक परिचय आदि देव गजानन को किसी परिचय की आवश्यकता नहीं, यंत्र यत्र-तंत्र उनकी पूजा-अर्चना होती है। बुद्धि वे विद्या के दाता गणेश जी का परिचय देना सूर्य को दीप जलाने क

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भगवान गणेश-तुलसी और दूर्वा की कथा

1 फरवरी 2022
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भगवान गणेश-तुलसी और दूर्वा की कथा हिन्दू धर्म ग्रंथो के अनुसार भगवान गणेश को भगवान श्री कृष्ण का अवतार बताया गया है और भगवान श्री कृष्ण स्वयं भगवान विष्णु के अवतार है। लेकिन जो तुलसी भगवान विष्ण

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माता पार्वती का महल...लंका में कयू?

1 फरवरी 2022
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माता पार्वती का महल...लंका में कयू?एक बार की बात है, देवी पार्वती का मन खोह और कंदराओं में रहते हुए ऊब गया। दो नन्हें बच्चे और तरह तरह की असुविधाएँ। उन्होंने भगवान शंकर से अपना कष्ट बताया और अनुरोध कि

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श्रीमद् भगवत गीता एक संक्षिप्त चिंतन

1 फरवरी 2022
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श्रीमद् भगवत गीता एक संक्षिप्त चिंतनअर्जुन के रथ को भगवान श्री कृष्ण दोनों सेनाओं के मध्य ले जाकर खड़ा कर देते हैं, अर्जुन युद्ध नहीं करना चाहते हैं।भगवान ने तब गीता का उपदेश दिया।"जब युद्ध करने आये ह

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रामायण के सुन्दर-काण्ड में हनुमान जी के साहस और देवाधीन कर्म का वर्णन किया गया है

1 फरवरी 2022
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रामायण के सुन्दर-काण्ड में हनुमान जी के साहस और देवाधीन कर्म का वर्णन किया गया है हनुमानजी की भेंट रामजी से उनके वनवास के समय तब हुई जब रामजी अपने भ्राता लछ्मन के साथ अपनी पत्नी सीता की खोज कर रह

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पुराणों में भारतवर्ष की महिमा

1 फरवरी 2022
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पुराणों में भारतवर्ष की महिमा - ये पृथ्वी सप्तद्वीपा है । इनके नाम हैं - जम्बूद्वीप, प्लक्षद्वीप, शाल्मलिद्वीप, कुशद्वीप, क्रौंचद्वीप, शाकद्वीप, तथा पुष्करद्वीप । सातों द्वीपों के मध्य जम्बूद्वीप

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गुरुतत्व संधान

1 फरवरी 2022
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गुरुतत्व संधान ध्याम मूलं गुरुर मूर्ति, पूजा मूलं गुरु पदम्।मन्त्र मूलं गुरुर वाक्यं मोक्ष मूलं गुरु कृपा॥ किसी समस्या केलिए कोई साधक विधान बताए वो समस्या के निराकरण का मात्र विधान है

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जीते हुए चौदह मृत कौन हैं

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जीते हुए चौदह मृत कौन हैं कौल कामबस कृपिन विमूढा । अति दरिद्र अजसि अतिबूढ़ा ।। सदारोग

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दान के विषय मे महत्त्वपूर्ण जानकारी

1 फरवरी 2022
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दान के विषय मे महत्त्वपूर्ण जानकारी दान एक ऐसा कर्म है, जो इस धरा पर सारे धर्म के लोग मानते है | विविध धर्मावलम्बी अपने अपने धर्म और मत अनुसार दान करते है, इसका नाम अलग अलग धर्म, जाती, भाषा में

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धन प्राप्ति से जुड़े गुप्त संकेत

1 फरवरी 2022
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धन प्राप्ति से जुड़े गुप्त संकेत1- अगर आपके शरीर के दाहिने भाग में या सीधे हाथ में लगातार खुजली हो, तो समझ लेना चाहिए कि आपको धन लाभ होने वाला है।2- यदि कोई सपने में देखे कि उस पर कानूनी मुकदमा चलाया ज

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प्याज और लहसुन ना खाए जाने के पीछे सबसे प्रसिद्ध पौराणिक कथा यह है

1 फरवरी 2022
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प्याज और लहसुन ना खाए जाने के पीछेसबसे प्रसिद्ध पौराणिक कथा यह हैकि समुद्रमंथन सेनिकले अमृत को, मोहिनी रूप धरे विष्णुभगवानजब देवताओं में बांट रहे थे तभी दो राक्षसराहू और केतूभी वहीं आकर बैठ गए। भगवान

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भगवान श्रीकृष्ण के माता-पिता वसुदेव व देवकी के कष्टों के कारण क्या थे?

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भगवान श्रीकृष्ण के माता-पिता वसुदेव व देवकी के कष्टों के कारण क्या थे?श्रीमद्देवीभागवतमहापुराण की एक कथा के अनुसार एक बार राजा परीक्षित के पुत्र जनमेजय ने सत्यवती पुत्र महर्षि व्यासजी से कई प्रश्न पूछ

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अग्नि की उत्पत्ति कथा तथा वेद एवं पुराणों में महात्म्य

3 फरवरी 2022
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अग्नि की उत्पत्ति कथा तथा वेद एवं पुराणों में महात्म्य एक समय पार्वती ने शिवजी से पूछा कि हे देव! आप जिस अग्नि देव की उपासना करते हैं उस देव के बारे में कुछ परिचय दीजिये। शिवजी ने उत्तर देना स्वी

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रोचक तथ्य

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रोचक तथ्य सांप सीढ़ी का खेल तेरहवीं शताब्‍दी में कवि संत ज्ञान देव द्वारा तैयार किया गया था इसे मूल रूप से मोक्षपट कहते थे। इस खेल में सीढियां वरदानों का प्रतिनिधित्‍व करती थीं जबकि सांप अवग

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सोमतिती विद्या-लक्ष्मण रेखा....

3 फरवरी 2022
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सोमतिती विद्या-लक्ष्मण रेखा....महर्षि श्रृंगी कहते हैं कि एक वेदमन्त्र है--सोमंब्रही वृत्तं रत: स्वाहा वेतु सम्भव ब्रहे वाचम प्रवाणम अग्नं ब्रहे रेत: अवस्ति,,यह वेदमंत्र कोड है उस सोमना कृतिक यंत्र का

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क्यों की जाती है भगवान की परिक्रमा

3 फरवरी 2022
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क्यों की जाती है भगवान की परिक्रमा? हिन्दू धर्म में परिक्रमा का बड़ा महत्त्व है। परिक्रमा से अभिप्राय है कि सामान्य स्थान या किसी व्यक्ति के चारों ओर उसकी बाहिनी तरफ से घूमना। इसको 'प्रदक्

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दुर्योधन के एक भाई का वध करते समय भीम क्यों हुए थे दुखी?

3 फरवरी 2022
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दुर्योधन के एक भाई का वध करते समय भीम क्यों हुए थे दुखी?महाभारत का युद्ध, अहंकार का युद्ध था। 18 दिनों तक चलने वाले इस युद्ध ने सिर्फ़ विनाश किया। कौरवों और पांडवों के बीच हुए इस युद्ध में कई निर्दोष ल

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गुप्त नवरात्र क्या हैं

3 फरवरी 2022
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गुप्त नवरात्र क्या हैंश्री दुर्गा सप्तशती में कवच, अर्गला स्तोत्र और कीलक पढ़कर ही अध्याय का पाठ होता है। कीलकम् विशेष है। कीलकम् में कहा जाता है कि भगवान शंकर ने बहुत सी विद्याओं को गुप्त कर दिया। यह

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प्यास जो बुझ न सकी

3 फरवरी 2022
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प्यास जो बुझ न सकी .श्रीकृष्ण स्वयं भी महाभारत रोक न सके। इस बात पर महामुनि उत्तंक को बड़ा क्रोध आ रहा था। .दैवयोग से भगवान श्रीकृष्ण उसी दिन द्वारिका जाते हुए मुनि उत्तंक के आश्रम में

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कलियुग की पांच कड़वी सच्चाइयाँ....

3 फरवरी 2022
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कलियुग की पांच कड़वी सच्चाइयाँ.... एक बार पांचों पाण्डवों ने भगवान श्रीकृष्ण से कलियुग के बारे में चर्चा की और जानने की इच्छा जाहिर की, कि कलियुग में मनुष्य कैसा होगा,

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लोग प्रेम करना भी चाहते हैं और बचना भी चाहते हैं

3 फरवरी 2022
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लोग प्रेम करना भी चाहते हैं और बचना भी चाहते हैंनिश्चित ही मन के सभी रोग प्रेम की कमी से पैदा होते हैं। लेकिन इस सत्य को समझना पड़े। जीवन में तीन घटनाएं हैं, जो बहुमूल्य हैं: जन्म, मृत्यु और प्रेम

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हनुमानजी ने तोड़ दिया था अर्जुन का घमंड।

3 फरवरी 2022
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हनुमानजी ने तोड़ दिया था अर्जुन का घमंड। एक बार अर्जुन का हनुमानजी से मिलन हो जाता है। अर्जुन घमंड से हनुमानजी को कहता है कि मैं आपके समय होता तो पत्थर का रामसेतु बनवाने के बजाय अकेले ही अपने धनु

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पद्मपुराण में एक कथा है

3 फरवरी 2022
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पद्मपुराण में एक कथा हैएक बार एक शिकारी शिकार करने गया,शिकार नहीं मिला, थकान हुई और एक वृक्ष के नीचे आकर सो गया। पवन का वेग अधिक था, तो वृक्ष की छाया कभी कम-ज्यादा हो रही थी, डालियों के यहाँ-वहाँ हिलन

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महादेव के गणों मे एक हैं भृंगी। एक महान शिवभक्त के रुप में भृंगी का नाम अमर है। कहते हैं जहां शिव होंगे वहां गणेश, नंदी, श्रृंगी, भृंगी, वीरभद्र का वास स्वयं ही होगा। शिव-शिवा के साथ उनके ये गण अवश्य चलते हैं। इनमें से सभी प्रमुख गणों के बारे में तो कहानियां प्रचलित हैं।

3 फरवरी 2022
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महादेव के गणों मे एक हैं भृंगी। एक महान शिवभक्त के रुप में भृंगी का नाम अमर है। कहते हैं जहां शिव होंगे वहां गणेश, नंदी, श्रृंगी, भृंगी, वीरभद्र का वास स्वयं ही होगा। शिव-शिवा के साथ उनके ये गण अवश्य

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मृत्यु के क्षण में लोग तड़फते क्यों हैं

3 फरवरी 2022
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मृत्यु के क्षण में लोग तड़फते क्यों हैंतुमने किसी पक्षी को मरते देखा ? ऐसे सरल, ऐसे सहज, चुपचाप विदा हो जाता है! पंख भी नहीं फड़फड़ाता। शोरगुल भी नहीं मचाता। पक्षी तो इतने चुपचाप विदा हो जाते हैं, इतनी

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तपस्या का फल

3 फरवरी 2022
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तपस्या का फल भगवान शंकर को पति के रूप में पाने हेतु माता-पार्वती कठोर तपस्या कर रही थी। उनकी तपस्या पूर्णता की ओर थी। एक समय वह भगवान के चिंतन में ध्यान मग्न बैठी थी। उसी समय उन्हें एक बालक के डु

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गंगापुत्र भीष्म पितामह के सौलह रहस्य

4 फरवरी 2022
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गंगापुत्र भीष्म पितामह के सौलह रहस्यपुराणों के अनुसार ब्रह्माजी से अत्रि, अत्रि से चन्द्रमा, चन्द्रमा से बुध और बुध से इलानंदन पुरुरवा का जन्म हुआ। पुरुरवा से आयु, आयु से राजा नहुष और नहुष से ययाति उत

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महिलाओं के लिए क्यों महत्वपूर्ण है सोलह श्रृंगार

5 फरवरी 2022
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महिलाओं के लिए क्यों महत्वपूर्ण है सोलह श्रृंगारमांग में सिंदूर, माथे पर बिंदिया, हाथों में चूड़ी, पांव में पायल और बिछिया….ये प्रतीक हर सुहागिन महिला के जो सोलह श्रृंगार कर अपने सुहाग की लंबी उम्र की

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"क्यों मनाई जाती है वसंत पंचमी

5 फरवरी 2022
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*"क्यों मनाई जाती है वसंत पंचमी"*विशेष बसंत पंचमी की कथा इस पृथ्वी के आरंभ काल से जुड़ी हुई है। भगवान विष्णु के कहने पर ब्रह्मा ने इस सृष्टि की रचना की थी। तभी ब्रह्मा ने मनुष्य और समस्त तत्वों जैसे-

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वसन्त पंचमी का शौर्य

5 फरवरी 2022
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मत चूको चौहानवसन्त पंचमी का शौर्यचार बांस, चौबीस गज, अंगुल अष्ठ प्रमाण!ता उपर सुल्तान है, चूको मत चौहान!वसंत पंचमी का दिन हमें "हिन्दशिरोमणि पृथ्वीराज चौहान" की भी याद दिलाता है। उन्होंने विदेशी इस्ला

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शिव को प्रसन्न करना है तो पढ़ें स्कंद-पुराण की महाकाल कथा

6 फरवरी 2022
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शिव को प्रसन्न करना है तो पढ़ें स्कंद-पुराण की महाकाल कथामाटी नाम का एक बड़ा शिवभक्त था। उसने संतान प्राप्ति के लिए 100 साल तक शिवजी का कठोर तप किया था। शिवजी ने उसे संतान का वरदान दिया। समय आने पर उस

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प्याज और लहसुन ना खाए जाने के पीछे सबसे प्रसिद्ध पौराणिक कथा यह है

6 फरवरी 2022
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प्याज और लहसुन ना खाए जाने के पीछेसबसे प्रसिद्ध पौराणिक कथा यह हैकि समुद्रमंथन सेनिकले अमृत को, मोहिनी रूप धरे विष्णुभगवानजब देवताओं में बांट रहे थे तभी दो राक्षसराहू और केतूभी वहीं आकर बैठ गए। भगवान

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भोजन के प्रकार

6 फरवरी 2022
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भोजन के प्रकार भीष्म पितामह ने गीता में अर्जुन को 4 प्रकार से भोजन ना करने के लिए बताया था। 1 पहला भोजन- जिस भोजन की थाली को कोई लांघ कर गया हो वह भोजन की थाली नाले में पड़े कीचड़ के समान

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जीवन जीने के कुछ जरूरी नियम बनाये।

6 फरवरी 2022
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स्नान कब ओर केसे करे घर की समृद्धि बढाना हमारे हाथमे हैसुबह के स्नान को धर्म शास्त्र में चार उपनाम दिए है।1 मुनि स्नान।जो सुबह 4 से 5 के बिच किया जाता है।.2 देव स्नान।जो सुबह 5 से 6 के बिच किया जाता ह

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काल (समय) के रहस्य

6 फरवरी 2022
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काल (समय) के रहस्य ...? भाग 1.लोकानामन्तकृत्कालः कालोन्यः कल्नात्मकः।स द्विधा स्थूल सुक्ष्मत्वान्मूर्त श्चामूर्त उच्यते।।अर्थात – एक प्रकार का काल संसार का नाश करता है और दूसरे प्रकार का कलानात्म

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भगवान सूर्यनारायण की महिमा !

7 फरवरी 2022
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भगवान सूर्यनारायण की महिमा !सूर्य को वेदों में जगत की आत्मा कहा गया है। समस्त चराचर जगत की आत्मा सूर्य ही है। सूर्य से ही इस पृथ्वी पर जीवन है, यह आज एक सर्वमान्य सत्य है। वैदिक काल में आर्य सूर्य को

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बालक ध्रुव कैसे बना धुव्र तारा"

7 फरवरी 2022
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"बालक ध्रुव कैसे बना धुव्र तारा"स्वयंभुव मनु और शतरुपा के दो पुत्र थे-प्रियवत और उत्तानपाद। उत्तानपाद की सुनीति और सुरुचि नामक दो पत्नियां थीं। राजा उत्तानपाद को सुनीति से ध्रुव और सुरुचि से उत्तम नाम

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यह तीनों प्रार्थनाएँ सभी ग्रंथों, वेदों तथा पुराणों का सार हैं

11 फरवरी 2022
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यह तीनों प्रार्थनाएँ सभी ग्रंथों, वेदों तथा पुराणों का सार हैंपहली प्रार्थनारात को सोते समय भगवान् से प्रार्थना कीजिए ‘‘हे मेरे गोविंद ! जब मेरी मौत आये और मेरे अंतिम सांस के साथ, जब आप मेरे तन स

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श्रीमद्भागवत कल्पवृक्ष की ही तरह है, यह हमें सत्य से परिचय कराता है, कलयुग में तो श्रीमद्भागवत कथा की अत्यंत आवश्यकता है, क्योंकि मृत्यु जैसे सत्य से हमें भागवत ही अवगत कराती है।

11 फरवरी 2022
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श्रीमद्भागवत कल्पवृक्ष की ही तरह है, यह हमें सत्य से परिचय कराता है, कलयुग में तो श्रीमद्भागवत कथा की अत्यंत आवश्यकता है, क्योंकि मृत्यु जैसे सत्य से हमें भागवत ही अवगत कराती है। राजा परीक्षित बह

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पराये धन की तृष्णा सब स्वाहा कर जाती है..

11 फरवरी 2022
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पराये धन की तृष्णा सब स्वाहा कर जाती है..एक नाई जंगल में होकर जा रहा था अचानक उसे आवाज सुनाई दी “सात घड़ा धन लोगे?” उसने चारों तरफ देखा किन्तु कुछ भी दिखाई नहीं दिया। उसे लालच हो गया और कहा “लूँगा”। त

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विश्व की सर्वाधिक ऊँची शिव प्रतिमा, नाथद्वारा

11 फरवरी 2022
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विश्व की सर्वाधिक ऊँची शिव प्रतिमा, नाथद्वाराराजस्थान की अरावली पहाड़ियों के बीच नाथद्वारा में विश्व की सर्वाधिक ऊँची शिव प्रतिमा स्थापित है, जिसकी ऊँचाई 351 फीट है.ध्यान मुद्रा में स्थापित भगवान शिव क

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सुंदर कांड की रोचक प्रश्नोत्तरी

11 फरवरी 2022
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सुंदर कांड की रोचक प्रश्नोत्तरी1 :- सुंदरकाण्ड का नाम सुंदरकाण्ड क्यों रखा गया?हनुमानजी, सीताजी की खोज में लंका गए थे और लंका त्रिकुटांचल पर्वत पर बसी हुई थी। त्रिकुटांचल पर्वत यानी यहां 3 पर्वत थे।पह

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सब पर कर्जा हनुमान जी का,सब ऋणी हनुमानजी महराज के

11 फरवरी 2022
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सब पर कर्जा हनुमान जी का,सब ऋणी हनुमानजी महराज के। रामजी लंका पर विजय प्राप्त करके आए तो,भगवान ने विभीषण जी,जामवंत जी,अंगद जी,सुग्रीव जी सब को अयोध्या से विदा किया। तो सब ने सोचा हनुमान जी को प्र

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देवाधिदेव भगवान शिव और जगदम्बा पार्वती का विवाहोत्सव!!

11 फरवरी 2022
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देवाधिदेव भगवान शिव और जगदम्बा पार्वती का विवाहोत्सव!!नम: शिवाभ्यां नवयौवनाभ्यां परस्पराश्लिष्टवपुर्धराभ्याम्।नगेन्द्रकन्यावृषकेतनाभ्यां नमो नम: शंकरपार्वतीभ्याम्।। (उमामहेश्वरस्तोत्रम्)अर्थात्–नवीन य

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तिरूपति बालाजी भगवान की सम्पूर्ण कथा

11 फरवरी 2022
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तिरूपति बालाजी भगवान की सम्पूर्ण कथाएक बार समस्त देवताओं ने मिलकर एक यज्ञ करने का निश्चय किया।यज्ञ की तैयारी पूर्ण हो गई।तभी वेद ने एक प्रश्न किया तो एक व्यवहारिक समस्या आ खड़ी हुई।ऋषि-मुनियों द्वारा

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ये हैं प्रमुख यज्ञ, राजा दशरथ को पुत्रेष्ठि यज्ञ से मिली थी संतान!!

11 फरवरी 2022
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ये हैं प्रमुख यज्ञ, राजा दशरथ को पुत्रेष्ठि यज्ञ से मिली थी संतान!!हिंदू धर्म में यज्ञ की परंपरा वैदिक काल से चली आ रही है। धर्म ग्रंथों में मनोकामना पूर्ति व किसी बुरी घटना को टालने के लिए यज्ञ करने

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देव मूर्ति की परिक्रमा का महत्व क्यों?

11 फरवरी 2022
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देव मूर्ति की परिक्रमा का महत्व क्यों? परिक्रमा करना कोरा अंधविश्वास नहीं, बल्कि यह विज्ञान सम्मत है। जिस स्थान या मंदिर में विधि-विधानानुसार प्राण प्रतिष्ठित देवी-देवता की मूर्ति स्थापित की जाती

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अमरनाथ की अमरकथा शिव पार्वती संवाद

11 फरवरी 2022
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अमरनाथ की अमरकथा शिव पार्वती संवादस्वयं श्री सदाशिव इस कथा को कहने वाले हैं। यह प्राचीन धर्म ग्रंथों से ली गई है, जिनमें भृंगु संहिता, निलमत पुराण और लावनी-ब्रह्मज्ञान उल्लेखनीय हैं। यह लोक व परलोक का

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प्रभु के वक्षस्थल पर विप्र-चिह्न!जानिए आखिर क्यों भृगु ऋषि में मारी भगवान विष्णु के लात पौराणिक कथा!

11 फरवरी 2022
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प्रभु के वक्षस्थल पर विप्र-चिह्न!जानिए आखिर क्यों भृगु ऋषि में मारी भगवान विष्णु के लात पौराणिक कथा!दुर्वासा मुनि की बात छोड़ दी जाए तो यह कहना गलत नही होगा कि ऋषि-मुनि जल्दी नाराज नहीं होते थे। लेकिन

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मोरपंख का महत्त्व

11 फरवरी 2022
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मोरपंख का महत्त्वज्योतिष में मोरपंख को सभी नौ ग्रहों का प्रतिनिधि माना गया है, विशेष तौर पर मोरपंख के कुछ ऐसे उपाय बताए गए हैं जिन्हें किसी शुभ मुहूर्त में करने से सभी समस्याओं से तुरंत छुटकारा मिल जा

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विष्णु कौन है?

11 फरवरी 2022
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विष्णु कौन है? चित्र में विष्णु को एक इंसान के रूप बनाया गया था, या भारतीय प्राचीन ऋषियों द्वारा मानव जाति के लिए इस परम निरपेक्ष चेतना को समझने के लिए यह चित्र नियोजित किया गया था, । हम इस

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कभी भगवान विष्णु के किसी चित्र के बारे में सोचा है ।

11 फरवरी 2022
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कभी भगवान विष्णु के किसी चित्र के बारे में सोचा है ।बीच समुद्र में शेषनाग के ऊपर आराम से लेटे और लक्ष्मी उनके पैर दबा रही है ।कभी सोचा है भगवान विष्णु का यह रूप किस बात की ओर इशारा कर रहा है ।इसमें हम

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