मनुष्य जीवन परमात्मा का अनूठा उपहार
जीवन परमात्मा का एक बहुमूल्य उपहार है, और वह भी यदि मनुष्य योनि का है तो यह किसी खुशनसीबी से कम नहीं। मनुष्य योनि, जीव योनी अथवा वनस्पति योनि में सबसे श्रेष्ठ और सर्वोत्तम मनुष्य योनि है। क्योंकि इसमें मनुष्य को बुद्धि और विवेक मिलता है, जिसके आधार पर वह ना केवल अपना, बल्कि अन्यों का भी कल्याण कर सकता है। वह ना केवल अपना यह लोक अथवा परलोक भी सुधार सकता है।
लेकिन, इतना सब देने वाले उस परम पिता परमात्मा का, क्या आपने कभी धन्यवाद किया ? कभी भूले से अहोभाव प्रकट किया? निश्चित रूप से आपके पास हजार शिकायतें हैं। क्या कभी आपने इस बात पर ध्यान दिया है कि आपके जीवन की सभी प्राप्तियां जैसे कि, आपका ठीक से सांस लेना, देखना, सुनना और समझ सकने की शक्ति, स्पर्श कर सकना क्या यह सब बेशकीमती उपहार नहीं है?
सोचिये अगर ये सब न होते तो, क्या जीवन सम्भव था ? सच तो यह है की शिकायत करने की बजाय इस प्राप्ति पर नजर डालते हुए सोचें तो, आप सबका जीवन एक उत्सव बन सकता है,बशर्ते आपको खुश रहना,संतुष्ट रहना, शांत रहना और उत्साहित रहना सीख जाएं और यदि आप ऐसे हैं तो निश्चित ही आपका हर दिन एक महोत्सव के समान है, एक महारस है, जहां आपकी उपस्थिति मात्र ही उस स्थान को मधुबन बना देती है। और मज़े की बात यह है कि इसके लिए आपको कुछ विशेष नहीं करना है। बस सबको दुआएं दे और दुआएं ले। सब को प्यार दें और उसके बदले में कोई अपेक्षा न रखें। हर पल परमात्मा का धन्यवाद करें कि तूने जो दिया बहुत अच्छा दिया शायद यह मेरी औकात से कहीं ज्यादा है, और सदा मुस्कुराते रहें।
सदा स्मृति रहे कि आप एक शांत स्वरूप और वरदानी आत्मा है!!