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1 अगस्त 2024

2 बार देखा गया 2
यदि ये चेहरे बयां करते जज़्बात दिलों के          
तो शायद इन एहसासों की जरूरत न होती         
यदि महज़ कहने से कोई अपना हो जाता
तो शायद रिश्ते निभाने की जरूरत न होती
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29 अक्टूबर 2022
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सुबह का हर पल ज़िंदगी दे आपको, दिन का हर लम्हा खुशी दे आपको, जहा गम की हवा छू कर भी न गुज़रे, खुदा वो जन्नत से ज़मीन दे आपको.

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29 अक्टूबर 2022
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तमन्ना करते हो जिन खुशियों की, दुआ है वह खुशिया आपके कदमो मे हो, खुदा आपको वह सब हक़ीक़त मे दे, जो कुछ आपके सपनो में हो.

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29 अक्टूबर 2022
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गुलाब खिलते रहे ज़िंदगी की राह् में, हँसी चमकती रहे आप कि निगाह में. खुशी कि लहर मिलें हर कदम पर आपको, देता हे ये दिल दुआ बार–बार आपको.

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29 अक्टूबर 2022
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सूरज निकलने का वक़्त हो गया, फूल खिलने का वक़्त हो गया, मीठी नींद से जागो मेरे दोस्त, सपने हक़ीकत में लाने का वक़्त हो गया !!

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29 अक्टूबर 2022
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5 आपकी नयी सुबह इतनी सुहानी हो जाये, दुखों की सारी बातें आपकी पुरानी हो जायें, दे जाये इतनी खुशियां यह नया दिन, कि ख़ुशी भी आपकी दीवानी हो जाये।

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29 अक्टूबर 2022
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एक दर्द है जो दिल से जाता नहीं यही वजह है कि हमें तेरी याद आती है लो सुबह आ गई, तू रातभर रुलाती रही बेखुदी में ही ये रात भी कट जाती है…

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10 मार्च 2023
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मोहब्बत का कोई रंग नही फिर भी वो रंगीन है,प्यार का कोई चेहरा नही फिर भी वो हसीन हैं !

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24 अप्रैल 2023
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सच हमेशा फैसला करवाता है, मगर, झूठ व्यक्तियों में फासला करवाता है...

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30 अप्रैल 2023
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“Success की सबसे खास बात है की,वो मेहनत करने वालों पर फ़िदा हो जाती है I”

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जिंदगी

13 मई 2023
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फूल पर बैठी तितली-सी, छूते ही उड़ जायेगी..रंग लगे रह जायेंगे, उंगलियों पर शेष !जादू-सा जगाती है,कितनी मनमोहक हैतू ऐ ज़िन्दगी....!!

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16 मई 2023
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नाजुक से पाँव थे मेरे, चलना सिखा दिया;राहों की ठोकरों ने, संभलना सिखा दिया;हालात और वक्त की जादूगरी देखो;मुझको समय के साथ बदलना सिखा दिया...

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17 मई 2023
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जेठ आते ही अच्छो-अच्छो का घूंघट निकल आता हैंयू ही जेठ जी नहीं कहलाते हैं

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17 मई 2023
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अगर पूछे कोई पहचान अपनी तो बता देना,हमारे नाम से तुम हो, तुम्हारे नाम से हम है।

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19 मई 2023
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शिक्षा उसे कहते है, जो सही को सही, और गलत को गलत, कहने की क्षमता को, विकसित करती है...-दिनेश कुमार कीर

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21 मई 2023
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दिल से दिल तक, जब दिल पुकारे तो...हर दिल तक, दस्तक जाती है दिल की...

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21 मई 2023
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श्रृंगार करती महिलाओं से, संघर्ष करती महिलाएं, अधिक सुंदर लगती है...

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22 मई 2023
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नींद भी नीलाम हो जाती हैं, दिलों की महफ़िल में साहिबा,किसी को भूल कर सो जाना, इतना आसान नहीं होता...

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23 मई 2023
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आग लगी दिल में जब वो खफ़ा हुई,एहसास हुआ तब, जब वो जुदा हुई,करके वफ़ा वो हमे कुछ दे न सकी,लेकिन दे गयी बहुत कुछ जब वो वेबफा हुई...

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24 मई 2023
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ख़ून मेरी नसों में है पानी नहीं, ख़त्म होती है जिसकी रवानी नहीं, हौसले डगमगाए हज़ारों दफ़ा,मैंने फिर भी कभी हार मानी नहीं...

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25 मई 2023
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“हम उसे नाराज़ समझ रहे थे,मगर वो तो कहीं और उलझी थी...”

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27 मई 2023
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जलते जेठ का महीना चुरा लिया है, धूप ने जिस्म से पसीना चुरा लिया है।रख के पत्थर को अपने सिर पे उसने छाती के भीतर से सीना चुरा लिया है।धूल धूसर हो गय

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28 मई 2023
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खिलाफ़ कितने है, क्या फर्क पड़ता है... साथ जिनका है, वो लाज़वाब है...

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26 मई 2023
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सुना हैं वक्त के साथ घाव सब भर जाते हैं, दिलों के जख्म मगर ता उम्र दिल दुखाते हैं, खुशनसीब हैं जो अपना दर्द यहाँ रो लेते हैं, उनसे पूछो जो इसे मुस्कुराहटों में छुपाते हैं...

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28 मई 2023
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जो दिल से नेक होता है, वो खुशबू बन बिखर जाता... कपट होता है जिस दिल में, वो सच्चाई से कतराता... यही मंजिल है बस इंसान के किरदार की सुन लो... वो या दिल में उतर जाता है, या दिल से उतर जात

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29 मई 2023
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आंखे जगमग हो जाती हैं, सामने उनके आते ही... नाम जब उनका लेता हूँ, तो मुंह मीठा हो जाता है...

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4 जून 2023
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मिल जाता है सुकून तेरी बंदगी में प्यारे पाकर तुम्हें, पा लिया सब कुछ जिन्दगी में एक अरदास है तुमसे प्यारे, मैं खुशी में

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बचपन

30 दिसम्बर 2023
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कितने खुबसूरत हुआ करते थेबचपन के वो दिन,सिर्फ दो उंगलिया जुड़ने से,दोस्ती फिर से शुरु हो जाया करती थी।

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2 जनवरी 2024
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इधर उधर से रोज यूँ ना तोड़िए हमें,अगर खराब हैं तो फिर छोड़िये हमें...

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3 जनवरी 2024
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इतना टूटा की, समेटा नहीं गया,कुछ इस तरह एहसास मेरे बिखरें...

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3 जनवरी 2024
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ज़िन्दगी में सब कुछ आसान लगने लगता है,जब हमारा परिवार हमारे पास होता है।

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10 जनवरी 2024
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आँखे हँसती हैं, मग़र दिल ये रोता है,जिसे हम अपनी मंजिल समझते हैं,उसका हमसफ़र कोई और ही होता है...

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12 जनवरी 2024
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"प्यार अगर सच्चा हो तो... कभी नहीं बदलता... ना वक्त के साथ... ना हालात के साथ..."-दिनेश कुमार कीर

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13 जनवरी 2024
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"हमारे दरमियां की रजिंशेजम़ाने को न बता मोहब्बत का भ्रम अभी रहने दे।"-दिनेश कुमार कीर

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14 जनवरी 2024
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"जैसे पतंग उड़ नहीं पातींअपनी डोर के बिना, वैसे ही मेरी जिंदगी भी अधूरी है आपके बिना..."-दिनेश कुमार कीर

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15 जनवरी 2024
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"खुद को साबित करने को, बनावट की जरूरत ही नहीं, सच्चा दिल, मासूम - सी निगाहें, देखो कितनों को घायल कर जाती हैं..."-दिनेश कुमार कीर

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17 जनवरी 2024
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"क्यों...? रब के दरपे लोग खुशी कि भीख मांगते है, जब खुशी की सही वजह तो घर, परिवार के लोग ही है...!"-दिनेश कुमार कीर

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18 जनवरी 2024
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"रिश्ते मुरझा जाते हैं गलतफहमियां से, बिखर जाते हैं अहंकार से रिश्ते..."-दिनेश कुमार कीर

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19 जनवरी 2024
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"बहुत, मर - मर के जी लिए, चलो, अब जी कर मरते हैं।"-दिनेश कुमार कीर

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19 जनवरी 2024
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"चलो न साथ चलते हैं, समंदर के किनारों तक,किनारे पर ही देखेंगे, किनारा कौन करता है..."-दिनेश कुमार कीर

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20 जनवरी 2024
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"ख़ूबसूरती, दिल और ज़मीर मे होनी चाहिए, बेवजह लोग, उसे सूरत व कपड़ो मे ढूढ़ते है..."-दिनेश कुमार कीर

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20 जनवरी 2024
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"मैंने हिसाब मे रहने वाले लोगों को बेहिसाब होते देखा है, मैंने लोगों को बदलते नहीं बेनकाब होते देखा है..."-दिनेश कुमार कीर

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राम

20 जनवरी 2024
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परंज्योति पराकाश परात्पर परंधाम, सुमित्रापुत्रसेवित सर्वदेवात्मक श्रीराम। सर्वदेवादिदेव सबसे सुन्दर यह नाम, रघुपुङ्गव राघवेंद्र रामचन्द्र राजा राम।। #Ram

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22 जनवरी 2024
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"कैसे भुलाए उन अतीत की यादों को, जो हर शाम ढलते सामने आ जाती है..."-दिनेश कुमार कीर

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22 जनवरी 2024
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"मैंने तितली की नब्ज़ पकड़ी है, मैंने फूलों का दर्द देखा है, मैंने अक्सर बहारे शफक़त में, सबज़ पत्तों को ज़र्द देखा है... "-दिनेश कुमार कीर

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23 जनवरी 2024
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"कचरें में फेंकी रोटिया रोज़ ये बयां करती हैं कि पेट भरते ही इंसान अपनी औकात भूल जाता है... "-दिनेश कुमार कीर

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24 जनवरी 2024
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"अगर आप सही हो तो कुछ सही साबित करने की कोशिश ना करो, बस सही बने रहो गवाही ख़ुद वक़्त देगा..."-दिनेश कुमार कीर

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24 जनवरी 2024
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"मेरे कंधे पर कुछ यूं गिरे तेरे आंसू, मेरी साधारण - सी कमीज़,अनमोल हो गई..."-दिनेश कुमार कीर

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24 जनवरी 2024
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"दिल की हसरत ज़ुबान पर आने लगी, तूने देखा और ज़िंदगी मुस्कुराने लगी, ये इश्क़ की इंतेहा थी या दीवानगी मेरी, हर सूरत मे सूरत तेरी नज़र आने लगी..."-दिनेश कुमार कीर

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25 जनवरी 2024
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"मैं डरता हूँ उनसे, जो चुप रहते है, बिना कुछ कहे, बहुत कुछ कह जाते है, सीमा शब्दों की होती है, मौन असीम होता है..."-दिनेश कुमार कीर

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28 जनवरी 2024
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जैसे चाँद के होने से, रोशन ये रात है। हां तेरे होने से मेरी ज़िंदगी में, वैसी ही कुछ बात है।।

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28 जनवरी 2024
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उम्मीदें कम कर्तव्य ज्यादा रखो, खुशियां दोगुनी और गम आधा रखो, आसान हो जाएगा राहे सफर, सुनने में सहनशीलता और बोलने में मर्यादा रखो।।

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29 जनवरी 2024
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जब भी तेरी याद आती है उदास कर जाती हैं। न जाने क्यों तेरे बिना ज़िंदगी काटी नहीं जाती हैं।।

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29 जनवरी 2024
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भूल क्या हुई खबर नहीं दोष क्या है पता नहीं, हर कोई नाराज़ है मुझसे कौन है जो खफा नहीं?

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30 जनवरी 2024
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एहसासों की ज़मी पर पनपते ये शब्द मेरे,मेरे बाद यकीनन, इक रोज़ दोहराए जायेंगे...!

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30 जनवरी 2024
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मुझे मंजूर थे वक्त के सब सितम मगर...तुमसे बिछड़ जाना, ये सजा जरा ज्यादा हो गयी...

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31 जनवरी 2024
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जब मैं तुमसे मिलता हूँ... तो मिलता हूँ... मानो अपने आप से !तुम मेरा आईना हो... मेरा अक्स... झलकता है... इसमें !!

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31 जनवरी 2024
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फ़िसलती ही चली गई, एक पल, रुकी भी नहीं;अब जा के महसूस हुआ, रेत के जैसी है ज़िंदगी।

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31 जनवरी 2024
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पढ़ लेती है मेरे मुख को,सुन लेती है मौन दुख को,रूठे रूठे से सुख को, मना मना कर लाती है... जाने कहां से 'मां' हुनर लाती है...!

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1 फरवरी 2024
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यह मोहब्बत है ठगों की बस्ती,एक पल में बदल देती है हस्ती; आशिक़ रहते है इश्क़ में बैचेन,इश्क़ जाता है उजाड़ कर बस्ती...!

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2 फरवरी 2024
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चाहतें भी नफ़रतें भी क्या ये झमेला है।ज़िन्दगी बस चार दिन का ही तो मेला है।।मुश्किलों में साथ देता कौन अब किसके।हर कदम पर शख़्स वो ख़ुद ही अकेला है।।

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2 फरवरी 2024
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किस किस से जाकर कहती ख़ामोशी का राज, अपने अंदर ही ढूंढ रही हूँ अपनी ही आवाज।-दिनेश कुमार कीर

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3 फरवरी 2024
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ज़िदंगी को हमेशा खुल कर और जितना हो सके खुश होकर जियो, नहीं पता जो आज है वो कल हो ना हो।-दिनेश कुमार कीर

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4 फरवरी 2024
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दिल पर आकर लगती थी जब भी वो कुछ कहती थी। और हर बात पर यही कहती थी कि तुम अब बदल गए हो।।-दिनेश कुमार कीर

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4 फरवरी 2024
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आशा, अभिलाषा और परिभाषा का आधारदेश के बजट से उम्मीद रहती सबको हर बार।

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4 फरवरी 2024
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शिकायते तो बहुत है तुझसे ऐ जिंदगी, पर चुप इसलिए हूं कि; जो दिया तूने,वो भी बहुतो को नसीब नहीं होता...

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6 फरवरी 2024
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भूला नहीं हूँ तुमको पर जानो मेरी मजबूरीमैं बस तुमको चाहता हूँ कहना नहीं ज़रूरीमैं तेरी दो बाहों में अब चाहे ना सिमट पाऊँरूहों के बीच में तो कभी होगी ना कोई दूरी

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6 फरवरी 2024
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ज़रूर कुछ तो बनाएगी ज़िन्दगी मुझको क़दम क़दम पे मेरा इम्तिहान लेती है।

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7 फरवरी 2024
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मंज़िलें क्या हैं रास्ता क्या हैहौसला हो तो फ़ासला क्या है

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8 फरवरी 2024
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सफ़र है ज़िंदगी काउल्फ़त-ए-बेख़ुदी काख़ुद को तरासकर फिर निखरना होगाहमें ज़िंदा रहना होगा

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9 फरवरी 2024
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अगर जीवन में सफलता प्राप्त करनी है तो मेहनत पर विश्वास करें किस्मत की आजमाईश तो जुए में होती हैं...-दिनेश कुमार कीर

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12 फरवरी 2024
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एक उम्र गुजर गयी, दूसरों के लिए सोंच सोंच करऐ ज़िंदगी, कुछ वक़्त अपने लिए भी निकालना सीख जा... -दिनेश कुमार कीर

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12 फरवरी 2024
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दिलों का ज़िक्र ही क्या है मिलें मिलें न मिलेंनज़र मिलाओ नज़र से नज़र की बात करो

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12 फरवरी 2024
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नदी का किनारा और उसमें बिखरती चांद की चांदनी का नजारा हो, तुम्हारे कांधे का सहारा, काश ऐसी सुकून भरी रात में मिलना हमारा हो…-दिनेश कुमार कीर

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12 फरवरी 2024
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सावन आपके प्रेम का बरसा हैं गाँव मेंइक सादा शख़्स प्रेम से लबालब हुआ हैं गाँव में बोऐ थे बीज मैंने वफ़ादारी के बीते बरसों में कल वही फसल लहलहाती हुई दिखी गाँव में सारा क़ाफ़िला मुझ में था

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14 फरवरी 2024
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मोहब्बत के सभी रंग बहुत ख़ूबसूरत हैं... परन्तु...सबसे ख़ूबसूरत रंग वह है... जिसमें इज़हार के लिए अल्फ़ाज़ ना हों...-दिनेश कुमार कीर

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15 फरवरी 2024
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अच्छा है कि ज़िंदगी ठहरती नहीं, वरना उम्र निकल जाती ख़्वाब देखते - देखते...-दिनेश कुमार कीर

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16 फरवरी 2024
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जिस दिल पर लिखी हो मोहब्बत की सच्चाइयाँ उस दिल को मिलती है सिर्फ दर्द और रुसवाइयाँ

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17 फरवरी 2024
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उससे कहना कि हमसे आ के मिलेये भी कहना "बहुत ज़रूरी है"हाय वो मिलने को बुलाना तेराऔर कहना "बहुत ज़रूरी है"-दिनेश कुमार कीर

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17 फरवरी 2024
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एहसास की नमी बेहद जरुरी है हर रिश्तों में, वरना रेत भी सूखी हो तो निकल जाती है हाथों से...-दिनेश कुमार कीर

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18 फरवरी 2024
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मर्द चाहे कितना भी बहादुर क्यू ना हो, अपनी मनपसंद औरत को खोने से डरता है...-दिनेश कुमार कीर

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19 फरवरी 2024
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इश्क़ अगर हो जाए तो, इश्क़ करो भरपूर;हां और ना के बीच में, मत हो चकनाचूर...-दिनेश कुमार कीर

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19 फरवरी 2024
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कैसे बताऊँ मेरी जिंदगी में तेरा मोल क्या हैमेरे बुखारे - ए - इश्क़ का तू ही पैरासिटामोल है-दिनेश कुमार कीर

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21 फरवरी 2024
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मोहब्बत और मौत की पसंद तो देखो यारोंएक को दिल चाहिए और दूसरे को धड़कन-दिनेश कुमार कीर

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22 फरवरी 2024
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वो कहते हैं हम उनकी झूठी तारीफ़ करते हैं,ऐ ख़ुदा एक दिन आईने को भी ज़ुबान दे दे...-दिनेश कुमार कीर

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क़िस्मत वालों को मिलती है ऐसी मोहब्बत,जो वक्त भी दे प्यार भी दे, और ख़्याल भी रखे

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24 फरवरी 2024
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ज़िन्दगी से कभी कुछ नही चाहा हमनेफिर तुम आए और जीने की चाह बढ़ गई-दिनेश कुमार कीर

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24 फरवरी 2024
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जिंदगी में एक ही नियम रखो, सीधा बोलो, सच बोलो, और मुँह पर बोलो जो अपने होंगे समझ जायेंगे, जो मतलबी होंगे दूर हो जायेंगे-दिनेश कुमार कीर

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चलता रहूँगा मै पथ पर, चलने में माहिर बन जाऊंगाया तो मंज़िल मिल जायेगी, या मुसाफिर बन जाऊंगा-दिनेश कुमार कीर

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25 फरवरी 2024
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तुम्हारे साथ किसी मंज़िल की तलब नहीं हैबस जहाँ तक राह चले मेरे हमसफ़र बने रहना-दिनेश कुमार कीर

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26 फरवरी 2024
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एक मैं एक तुम और थोड़ी सी मोहब्बत तुम्हारीसिर्फ़ इतना ही काफ़ी है ज़िन्दगी ज़ीने के लिए-दिनेश कुमार कीर

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27 फरवरी 2024
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ये कप चाय का, ये सुबह की बेलानिकला करीब से तेरी यादों का मेलासुबह गुनगुना उठा, यादें महक उठीखो गया तेरी यादों में छोड़ सब झमेला-दिनेश कुमार कीर

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28 फरवरी 2024
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दिल की बात तुमको हम बता नहीं सकतेतेरी नजरों से नजरे भी हम मिला नहीं सकतेलिखने लगे हैं हम अपने विचारों में अपने ज़ज्बातपर अपने विचारों में भी तेरा जिक्र हम कर नहीं सकते

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29 फरवरी 2024
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तेरी सादगी ही तेरी खूबसूरती की पहचान है,तेरा चेहरा कई उदास चेहरों की मुस्कान है।

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1 मार्च 2024
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हमारा चरित्र कितना ही दृढ़ क्यों न होमगर उस पर संगति का असर अवश्य होता है-दिनेश कुमार कीर

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2 मार्च 2024
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तुम आ जाओ मेरी कलम की स्याही बनकर,मैं तुम्हें अपनी ज़िंदगी के हर पन्ने में उतार दूं।-दिनेश कुमार कीर

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सात फेरों का तो नहींलेकिन आत्मा का गठबंधन है तुमसे

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हर किसी की तमन्ना बनने से अच्छा है कि किसी एक की चाहत बने! ये इश्क़ ज्यादा अच्छा होता है।-दिनेश कुमार कीर

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5 मार्च 2024
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कांटों के बीच में रहकर भी मुस्कुराने की कलालाख तूफ़ान आए पर भी महकने की कला धूप में तपने के बाद रंगत बनाए रखने की कला हर परिस्थिति में जीने की कला हमें गुलाब से सीखना चाहिए-दिनेश कुमार कीर

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6 मार्च 2024
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बाजार भी तुम्हारा है, खरीददार भी तुम्हारा हैवो सब कुछ बेच सकता है, जो इंसान नकारा है-दिनेश कुमार कीर

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6 मार्च 2024
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रोटी तो हर कोई बना लेता है रोटी कमाने का हुनर सिखाइए बेटियों को

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अहंकार भी ज़रूरी है जब बात - अधिकार, चरित्र और सम्मान की हो इनपर उँगुली उठाने वाला पद में कितना बड़ा ही क्यों न हो मेरी नज़रों में वो बहुत ही छोटा हो जाता है ।-दिनेश कुमार कीर

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8 मार्च 2024
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मैं ठहरा फूल सा,कांटों के है किनारे।फिर मुझको कैसे तोड़ गए,मैं था उनके ही सहारे।।-दिनेश कुमार कीर

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9 मार्च 2024
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चुपके - चुपके वो हमारी हर लेख पर नजर रखते हैंदेखकर चेहरे की मुस्कुराहट वो कई सवाल करते हैं काश कि पढ़ लेते वो हृदय के भाव हम सीने में कितने घाव गहरे रखते हैं-दिनेश कुमार कीर

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12 मार्च 2024
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ख्वाब कहाँ, नजर कहाँज़िंदगी कहाँ, बसर कहाँएक तेरा ख्याल बाकी हैंअब मुझे अपनी खबर कहाँ-दिनेश कुमार कीर

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12 मार्च 2024
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नहीं होते हो तब भी होते हो तुमना जाने इतना क्यों महसूस होते हो तुम

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12 मार्च 2024
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हुनर मोहब्बत का हर किसी को कहाँ आता हैलोग हुस्न पर फ़िदा होकर उसे इश्क़ कह देते है-दिनेश कुमार कीर

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15 मार्च 2024
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क्या दुख है सागर को कहा भी नहीं सकताआँसू की तरह आँख तक आ भी नहीं सकता तुम छोड़ रही है तो ख़ता इस में तुम्हारी क्या हर शख़्स मेरा साथ निभा भी नहीं सकता

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16 मार्च 2024
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इन झुमको के घुंघरुओं की खनखनाहटऔर इन लबों पर बेवजह की मुस्कुराहट"मै" और "तुम" होने की आहट है-दिनेश कुमार कीर

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17 मार्च 2024
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दो अंखियों की अपनी एक कहानी हैएक है मरुथल एक में बहता पानी हैतुमने देखी मरुथल आंखें, कह दिया हैकी मेरा दिल पत्थर है बेमानी है-दिनेश कुमार कीर

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18 मार्च 2024
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इतना मुस्कुराओ जिंदगी में किजिंदगी भी देखकर मुस्कुरा उठे...

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18 मार्च 2024
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कुछ अनूठा ही रिश्ता है मेरा उस शख्स सेकभी उसे सोचने से सुकून मिलता है कभी बेचैनी...

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21 मार्च 2024
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कभी कभी वहम में रहना भी सुकून देता है जिंदगी का सच भी वजूद याद दिलाता है तन्हाइयों का न पूछो आलम क्या होता है जब गैर भी अपना साया लगने लगता है-दिनेश कुमार कीर

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22 मार्च 2024
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शाम सारी हदें पार करती हुई गुजर गई, आंगन में उतरना था दिल में उतर गई!

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23 मार्च 2024
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ख़ुश्बूओं से, रंगो से, गुलों से भरी सी लगती हैतू मिला है जब से, ज़िंदगी भली सी लगती है-दिनेश कुमार कीर

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24 मार्च 2024
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तेरी मोहब्बत का रंग, कुछ ऐसा है कीअब और कोई रंग, उस पर चढ़ता ही नहीं-दिनेश कुमार कीर

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116 रंग

25 मार्च 2024
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फिज़ा में खुशबु, हवा में बिखरा हुआ कमाल का रंग,निखर के गाल पर उसके, बड़ा इतरा रहा गुलाल का रंग।उड़ा के रंग-ए-इश्क़... हवा में, लिख दूँ मैं नाम तेरा,कभी जो बरसे मुझ पर, तेरे हुस्न-ओ-जमाल का रंग।।-दिनेश

117

117 मोहब्बत

27 मार्च 2024
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मोहब्बत, मोहब्बत ही रहेगी बदल नहीं जाएगीचाहे तुम हमसे करो या हम तुमसे करें-दिनेश कुमार कीर

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29 मार्च 2024
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किसी को तो पसंद आएंगे हम भीकोई तो होगा जिसे दिखावा नहीं, सादगी पसंद हो-दिनेश कुमार कीर

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30 मार्च 2024
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उड़ान तो भरनी है, चाहे कितनी बार भी गिरना पड़ेसपनो को पूरा करना है, चाहे खुद से भी क्यों न लड़ना पड़े-दिनेश कुमार कीर

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31 मार्च 2024
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झील सी आँखों का ख्वाब बता दो, इन गुलाबी होठों का राज बता दो। आखों में तो इश्क नजर आता ही है, इन शरारती मुस्कानों का भी राज बता दो।।-दिनेश कुमार कीर

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1 अप्रैल 2024
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जो पानी से नहाएगा वह सिर्फ लिबास बदलेगा पर जो पसीने से नहाएगा वो इतिहास बदलेगा-दिनेश कुमार कीर

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3 अप्रैल 2024
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❛❛गजब की सादगी है उनकी आंखों की,हमसे नजरें चुराकर हमें ही देखती है।❜❜-दिनेश कुमार कीर

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5 अप्रैल 2024
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ख्वाब सिमटे जो मुट्ठी में छूट ही जाएंगे एक दिन बनकर बैठे जो अपने रूठ ही जाएंगे एक दिनमोहब्बत ख्वाब सी उसकी वादे कांच से नाज़ुक हिफाजत कितनी भी कर लूं टूट ही जाएंगे एक दिन

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6 अप्रैल 2024
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मंजिल की तलाश में चले कितने हैं पैर ये कांटों से छिले कितने हैं कामयाबी के इस शोर के पीछेजीत हार के सिलसिले कितने हैं-दिनेश कुमार कीर

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8 अप्रैल 2024
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जिंदगी मिलती सबको एक सी है,बस इसे जीने के तरीके अलग होते हैं।-दिनेश कुमार कीर

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9 अप्रैल 2024
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वो कौन था जो दिन के उजाले में खो गया, ये चांद किस को ढूंढने निकला है शाम से...!-दिनेश कुमार कीर

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11 अप्रैल 2024
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किसी ने पूछा चाय से इतना इश्क क्यों,मैंने कहा आधा दर्द तो वो ही चुरा लेती है।-दिनेश कुमार कीर

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14 अप्रैल 2024
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सिर झुका कर उसकी हर बातें सुनी जाती है,पसंदीदा स्त्री से बहस नहीं की जाती है...-दिनेश कुमार कीर

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15 अप्रैल 2024
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"आधा ख्वाब आधा इश्क अधूरी सी बंदगी", "मेरी हो पर मेरी नहीं कैसी है ये जिंदगी"!

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15 अप्रैल 2024
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खामोश से शहर और गूफतगू की आरजू,हम किस से करें बात कोइ बोलता नहीं ...

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17 अप्रैल 2024
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रात मे जुगनू की झगमगाहट,आसमाँ मे तारों की झिलमिलाहट,ठंडी वादियों में हवाओं की सरसराहट,इन सबसे भी खूबसूरत हैआपके चेहरे की मुस्कुराहट...-दिनेश कुमार कीर

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17 अप्रैल 2024
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शब्दों का प्रयोग सावधानी से करिए साहब, ये परवरिश का प्रमाणपत्र प्रस्तुत करते हैं ...!(कृपया शालीनता से टिप्पणी करें और गलत भाषा का चयन करके अपनी गलत मानसिकता प्रकट न करें)-दिनेश कुमार कीर

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17 अप्रैल 2024
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तू शौक से कर सितम जितने भी तेरे बस में हैं... मैं भी तो देखूं कैसे कैसे तीर तेरे तरकश में हैं...

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17 अप्रैल 2024
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कुछ दिनों से ज़िन्दगी मुझे पहचानती नहीं... यूँ देखती है मानो मुझे जानती ही नहीं...

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17 अप्रैल 2024
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बहुत जरूरी है पैसा कमाना क्योंकि... आजकल दिल नही औकात देखता है ज़माना...

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17 अप्रैल 2024
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बेखौफ़ मुस्कुराते रहो... जो जलता है उसे जलाते रहो...

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17 अप्रैल 2024
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ना दिन अच्छा है ना हाल अच्छा है...किसी जोगी ने कहा था कि ये साल अच्छा है... मैंने पूछा कब चाहेंगे वो मुझे मेरी तरह... बस मुस्कुरा के कह दिया सवाल अच्छा है...

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17 अप्रैल 2024
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सुबह - सुबह तुम्हारे चेहरे पर स्माइल लाऊंगातुम लेटी रहना मै चाय बनाऊंगा

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17 अप्रैल 2024
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सच्ची मोहब्बत की हसरत किसे नहीं होती मगर हर किसी की किस्मत ऐसी नहीं होती कोई एक होता है जो समा जाता है दिल में हर किसी से तो&nbs

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17 अप्रैल 2024
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तुमको चाहने की वजह कुछ भी नही...इश्क की फितरत है बे वजह होना...

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17 अप्रैल 2024
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प्यार हो या परिंदा,दोनों को आज़ाद छोड़ दो,अगर लौट आया तो तुम्हारा,और अगर न लौटा तो वह तुम्हारा था ही नहीं कभी

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17 अप्रैल 2024
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धोखा दे जाती है अक्सर मासूम चेहरे की चमक...हर चमकते काँच के टुकड़े को हीरा नहीं कहते...!

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17 अप्रैल 2024
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बदल जाओ वक्त के साथबदल जाओ वक्त के साथया फिर वक्त बदलना सीखोमजबूरियों को मत कोसोहर हाल में चलना सीखो

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18 अप्रैल 2024
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“अगली बार मिलो तो हाथ मत मिलाना,तुम थाम नहीं पाओगे और हम छोड़ नहीं पाएंगे।”

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18 अप्रैल 2024
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इतना कमजोर हो गए हम तेरी जुदाई से... एक दिन मच्छर उठा के ले गया चारपाई से...

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19 अप्रैल 2024
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मैने मुस्कुरा कर जीत लिया दर्द अपना लोग मुझे दर्द देकर भी मुस्कुरा ना सके

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20 अप्रैल 2024
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आओ पास बैठो तुम्हारी सारी शिकायतें सुनेंगे हम,यूँ दूर - दूर रहने से एक दिन बहुत दूरियाँ बढ़ जाएंगी...

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20 अप्रैल 2024
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वो मेरा नहीं हो सकता तो क्या हुआक्या इतनी सी बात के लिए उसे चाहना छोड़ दूं

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21 अप्रैल 2024
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मेरी आंखों में यही हद से ज्यादा बेशुमार हैतेरा ही इश्क़ तेरा ही दर्द तेरा ही इंतजार है

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21 अप्रैल 2024
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मुश्किल इस दुनिया में कुछ भी नहीं,फिर भी लोग इरादे तोड़ देते हैं,अगर दिल में हो कुछ करने की चाहत,तो सितारे भी अपनी जगह छोड़ देते हैं।

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22 अप्रैल 2024
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ऐसे ही नहीं बन जाते गैरों से गहरे रिश्तेकुछ ख़ालीपन अपनों ने ही दिया होता है

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22 अप्रैल 2024
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जिंदगी का हर अंदाज पसंद है हमेंफिर चाहे वह ढेरों खुशियां हो या गम बेहिसाब

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24 अप्रैल 2024
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मुश्किलों से कह दो की उलझे ना हम से,हमे हर हालात मैं जीने का हूनर आता है!

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25 अप्रैल 2024
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कितना "बेईमान" है ये" दिल..."धड़क रहा "मेरे लिए "तड़प रहा तेरे" लिए...-दिनेश कुमार कीर

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26 अप्रैल 2024
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एक पतंग की तरह उड़ना सीखो, जो उड़ती तो आजाद है, लेकिन संस्कारों की डोरी साथ लेकर।

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1 मई 2024
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लफ्ज़ कम है लेकिन बहुत प्यारे हैं, तुम हमारे हो ओर हम तुम्हारे हैं।

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2 मई 2024
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वो हर बार पहली मुलाकात की तरह मिलती है मुझसे... मुझे हर बार पहली नज़र का इश्क़ हो जाता है उससे...

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8 मई 2024
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उसके चेहरे को तुमने ठीक से देखा ही नहीं पांच झीलों के बराबर तो फक्त आंखें हैं

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10 मई 2024
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एक मुकाम दे रखा है तेरे नाम को मैनेलोग तेरा नाम लेकर मुझसे बाते मनवाते है

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10 मई 2024
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हम भी निकले थे मोहब्बत की तलाश मे गर्मी बहुत थी गन्ने का जूस पी कर लौट आये

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12 मई 2024
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फूल खिलते हैं बहारों का शामा होता है,ऐसे ही मौसम में तो प्यार जवाँ होता है,दिल की बातों को होंठों से नहीं कहते हैं,ये फ़साना तो निगाहों से बयाँ होता है।

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14 मई 2024
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वैसे तो पूरे के पूरे हम तेरे हिसाब के हैं, बस थोड़े बहोत ही अपने मिजाज के हैं...-दिनेश कुमार कीर

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15 मई 2024
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जरूरत से ज्यादा उसको पिलाई ना जाए,झूठी कसमें भी उससे खिलाई ना जाए,सच में कहूं तो सच्चा इश्क वही है, भूल कर भी जो कभी भुलाई ना जाए...

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12 जून 2024
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तुम्हारे बिना ये दिल उदास रहता है,हर लम्हा जैसे एक साजिश का हिस्सा है।तुम्हारे संग ही तो खुशियाँ है मेरी,तुमसे ही मेरी हर सांस जुड़ी है।

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15 जून 2024
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अपने चेहरे से जो ज़ाहिर है छुपाएँ कैसेतेरी मर्ज़ी के मुताबिक़ नज़र आएँ कैसे

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18 जून 2024
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अश्क छुप - छुप कर बहाना है मुझेसबके आगे मुस्कुराना है मुझेएक तरफा इश्क़ की है ये सजाउस तरफ से भी निभाना है मुझे-दिनेश कुमार कीर

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18 जून 2024
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तड़प के देख किसी की चाहत में,तो पता चले कि इन्तजार क्या होता हैं,यूँ मिल जाए अगर कोई बिना तड़प के,तो कैसे पता चले कि प्यार क्या होता हैं

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19 जून 2024
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मिलने को तरसता हूँ, पर मुलाकात नहीं कर सकतामेरे पास नम्बर तो है उसका, पर मैं बात नहीं कर सकता

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19 जून 2024
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मुस्कुराती हुई स्त्री, एक पुरुष के सफल प्रेम का परिणाम होती है

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19 जून 2024
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इंसान कितना ही अमीर क्यों ना हो जाएतकलीफ़ बेच नहीं सकता और सुकून ख़रीद नहीं सकता

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19 जून 2024
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मेरी निगाहों में किन गुनाहों के निशां खोजते हो,अरे मैं इतना भी बुरा नहीं जितना तुम सोचते हो!

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19 जून 2024
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बदन है मेरा मिट्टी का, और सांसे मेरी उधार है,घमंड करू तो किस बात का, यहां पर हम सब किराएदार है।

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19 जून 2024
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कुछ तो रंग बदला होगा तुमनेंतभीं तो हवाओं ने रंग बदला

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19 जून 2024
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अपने चेहरे से जो ज़ाहिर है छुपाएँ कैसेतेरी मर्ज़ी के मुताबिक़ नज़र आएँ कैसे

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20 जून 2024
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लगा कर स्टेथोस्कॉप मेरी तबियत का हाल बता दो,एक अरसा गुजर गया मेरी आंखों में नींद नहीं लौटी।

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20 जून 2024
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मुस्कुराती हैं मेरी सुबहें ख़यालों से तेरे मेरी रातों में उदासी के दिए जलते नहीं

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20 जून 2024
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सुकून अगर पैसों से खरीदा जाता न साहिबातो प्रेम का कोई अस्तित्व ही ना होता

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21 जून 2024
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टूट कर और मज़बूत हुए हैडर ये था की बिखर जायेंगे

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22 जून 2024
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इश्क वालो को फुशरत कहा की वो गम लिखेंगेकलम इधर लाओ बेवफाओ के बारे में हम लिखेंगे

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22 जून 2024
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कभी दिल, कभी धड़कन, कभी नज़रे, कभी लब,हर चीज मुस्कुराने लगती है, तेरे आने की ख़बर से

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27 जून 2024
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लाज़मी नहीं कि तुम भी चाहो मुझे, मैं इश्क़ हूँ एकतरफ़ा भी हो सकता हूँ।

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27 जून 2024
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अगर आंसुओं की कीमत होती तो,कल रात वाला तकिया अरबों का होता।

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27 जून 2024
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जिंदगी की हर कमी, कुछ नया सीखा गई,तेरी तड़प हंसी के पीछे, गम छुपाना सिखा गई।

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29 जून 2024
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कोई तो सिखाओ मुझे तरीक़े ज़िन्दगी के,जब उदास होता हूँ तो हँसता बहुत हूँ!

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29 जून 2024
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बादल बरस रहे, फूल सारे हँस रहेधरती भी प्यासी, झूम-झूम नाच गा रहे शीतल पड़े फुहार, पेड़ गायें मल्हारनन्ही-नन्ही बूंदों सँग, हवा भी इतरा रहे

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30 जून 2024
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नंगे पैर बारिश में जब एक किसान खेतो में जाता है,तभी महकता हुआ धान आपके घर में आता है।

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4 जुलाई 2024
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कहीं फिसल न जाओ जरा संभल के चलना, मौसम बारिस का भी है और मोहब्बत का भी!

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4 जुलाई 2024
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जिन लोगों को आपसे मिलने की चाहत ना हो, उन्हें बार-बार आवाज लगाया नहीं करते!

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5 जुलाई 2024
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दिल का दर्द छुपा कर बाहर से मुस्कुरा देना, कैसे कहें क्या होता है किसी को पाकर गँवा देना!

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6 जुलाई 2024
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दिल से किसी का हाथ अपने हाथो में लेकर देखोफिर मालूम होगा कि अनकही बातों को कैसे सुना जाता है

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6 जुलाई 2024
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ज़र्रा-ज़र्रा समेट कर खुद को बनाया है हमने,हम से यह ना कहना की बहुत मिलेंगे हम जैसे!

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7 जुलाई 2024
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फिर आसमान में काली घटा छाई है, पत्नी ने फिर दो बाते सुनाई हैदिल कहता है सुधर जाऊँ, मगर पडोसन फिर भीग के आई है

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8 जुलाई 2024
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कुछ इस तरह से साँसों का बंधन है तुमसे मेरासाँस लेते हो तुम वहाँ, तो जी लेते हैं हम यहाँ

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11 जुलाई 2024
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एक अरसे से वो कह रही है कि मैं तेरी ही तो हूँ, और सच तो ये है कि वो सिर्फ कहती ही तो है!

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12 जुलाई 2024
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तेरी मोहब्बत पर मेरा हक तो नहीं पर दिल चाहता है आखरी सांस तक तेरा इंतजार करूँ

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16 जुलाई 2024
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जरूरी नहीं है की इश्क बाहों के सहारे मिलें,किसी को जी भर के महसूस करना भी मोहब्बत है!

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16 जुलाई 2024
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हर कोई यहां फसा हुआ है वक्त की जंजीरों में, हर कोई यहां हंसता है केवल तस्वीरों में!

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16 जुलाई 2024
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"सपनों को सच करने से पहले सपनों को ध्यान से देखना होता है।”

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16 जुलाई 2024
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पुरुष जो, लंबे समय से, संचित कर रहे होते है अपने दुःख, किसी करीबी के आ जाने पर, लावा की तरह फूट पड़ते है

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17 जुलाई 2024
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बारिश की बूंदे भी कुछ तुम्हारी जैसी हो गई, हमने छतरी तो लगाई पर वो मुझे भिंगो गई!

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