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दिनेश कुमार कीर के बारे में

मेरा नाम दिनेश कुमार कीर है, और में राजस्थान के अजमेर जिले का निवासी व भारतीय नागरिक हूं। बचपन से ही दादा-दादी, माता-पिता से बहुत सी कहानियां सुनी व छोटी-छोटी कहानियां व साहित्यिक किताबें पढ़ने और लिखने का शौक था और आगे चल कर न्यूज़ चैनल व पेपर में काम करने लगा। मैंने काफी खबरों व लेखों का प्रकाशन किया हैं। इसके अलावा कई कहानियां और लेख पहले भी लिखें है। कुछ डिजिटल प्लेटफार्म व किताबों में कहानियां पढ़ी तो फिर लगा कि कुछ कहानियां मुझे भी लिखनी चाहिए और लिखना शुरू कर दिया। लोगो की अच्छी प्रतिक्रिया भी मिली। अब कुछ कहानियां-कविताओ के रूप में भी प्रकाशित करने की सोचा और अब लगातार किताब प्रकाशित हो रही है। आशा करता हूं, कि आप लोगो को पसंद आएगी। तथा आपको हमारी कहानियाँ व कविताएँ कैसी लगी अपना व्यक्तिगत मत जरूर रखकर अवगत कराने की कृपा करें...

Other Language Profiles

पुरस्कार और सम्मान

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दैनिक लेखन प्रतियोगिता2023-05-15
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साहित्य कर्नल2022-10-18
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दैनिक लेखन प्रतियोगिता2022-09-25
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पर्यावरण मित्र2022-06-05
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पत्रकार सम्मान2020-07-21
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कोरोना वोरियर2021-09-21
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साहित्य सहयोगी2020-11-14
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टीचर इनोवेशन अवार्ड2019-09-30

दिनेश कुमार कीर की पुस्तकें

प्रेरक प्रसंग व सुविचार

प्रेरक प्रसंग व सुविचार

प्रेरणास्रोत

47 पाठक
153 रचनाएँ

निःशुल्क

प्रेरक प्रसंग व सुविचार

प्रेरक प्रसंग व सुविचार

प्रेरणास्रोत

47 पाठक
153 रचनाएँ

निःशुल्क

यादें बचपन की

यादें बचपन की

पुरानी यादें ताजा

निःशुल्क

यादें बचपन की

यादें बचपन की

पुरानी यादें ताजा

निःशुल्क

एक लड़की अनजानी सी

एक लड़की अनजानी सी

स्त्री विमर्श

18 पाठक
4 रचनाएँ

निःशुल्क

एक लड़की अनजानी सी

एक लड़की अनजानी सी

स्त्री विमर्श

18 पाठक
4 रचनाएँ

निःशुल्क

पंछी का संदेसा

पंछी का संदेसा

परिंदे

15 पाठक
13 रचनाएँ

निःशुल्क

पंछी का संदेसा

पंछी का संदेसा

परिंदे

15 पाठक
13 रचनाएँ

निःशुल्क

अनदेखा अनसुना

अनदेखा अनसुना

दिनचर्या पर आधारित

14 पाठक
12 रचनाएँ

निःशुल्क

अनदेखा अनसुना

अनदेखा अनसुना

दिनचर्या पर आधारित

14 पाठक
12 रचनाएँ

निःशुल्क

माँ की ममता

माँ की ममता

कहानी हर घर की, माँ तो माँ होती है

12 पाठक
7 रचनाएँ

निःशुल्क

माँ की ममता

माँ की ममता

कहानी हर घर की, माँ तो माँ होती है

12 पाठक
7 रचनाएँ

निःशुल्क

मज़ेदार पहाड़े

मज़ेदार पहाड़े

कविता के रूप में पहाड़े

11 पाठक
10 रचनाएँ

निःशुल्क

मज़ेदार पहाड़े

मज़ेदार पहाड़े

कविता के रूप में पहाड़े

11 पाठक
10 रचनाएँ

निःशुल्क

भाई बहन का पवित्र रिश्ता

भाई बहन का पवित्र रिश्ता

बालक की प्रथम पाठशाला परिवार होता है

9 पाठक
8 रचनाएँ

निःशुल्क

भाई बहन का पवित्र रिश्ता

भाई बहन का पवित्र रिश्ता

बालक की प्रथम पाठशाला परिवार होता है

9 पाठक
8 रचनाएँ

निःशुल्क

रानी सावलदे और राजा कारक

रानी सावलदे और राजा कारक

राजा व रानी की कहानी

निःशुल्क

रानी सावलदे और राजा कारक

रानी सावलदे और राजा कारक

राजा व रानी की कहानी

निःशुल्क

और देखे

दिनेश कुमार कीर के लेख

भाग 1

24 अप्रैल 2024
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एक अधूरी प्रेम कहानी: - नादान प्रेमसिर्फ यादें बनकर रह गई... तब हमारे गाँव के पास में कॉलेज नही थाl इस कारण मैं पढ़ने के लिए में शहर आया था। यह किसी रिश्तेदार का एक कमरे का मकान था। बिना किराए क

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24 अप्रैल 2024
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मुश्किलों से कह दो की उलझे ना हम से,हमे हर हालात मैं जीने का हूनर आता है!

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22 अप्रैल 2024
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जिंदगी का हर अंदाज पसंद है हमेंफिर चाहे वह ढेरों खुशियां हो या गम बेहिसाब

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22 अप्रैल 2024
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ऐसे ही नहीं बन जाते गैरों से गहरे रिश्तेकुछ ख़ालीपन अपनों ने ही दिया होता है

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21 अप्रैल 2024
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मुश्किल इस दुनिया में कुछ भी नहीं,फिर भी लोग इरादे तोड़ देते हैं,अगर दिल में हो कुछ करने की चाहत,तो सितारे भी अपनी जगह छोड़ देते हैं।

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21 अप्रैल 2024
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मेरी आंखों में यही हद से ज्यादा बेशुमार हैतेरा ही इश्क़ तेरा ही दर्द तेरा ही इंतजार है

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20 अप्रैल 2024
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वो मेरा नहीं हो सकता तो क्या हुआक्या इतनी सी बात के लिए उसे चाहना छोड़ दूं

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20 अप्रैल 2024
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आओ पास बैठो तुम्हारी सारी शिकायतें सुनेंगे हम,यूँ दूर - दूर रहने से एक दिन बहुत दूरियाँ बढ़ जाएंगी...

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19 अप्रैल 2024
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मैने मुस्कुरा कर जीत लिया दर्द अपना लोग मुझे दर्द देकर भी मुस्कुरा ना सके

145

18 अप्रैल 2024
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इतना कमजोर हो गए हम तेरी जुदाई से... एक दिन मच्छर उठा के ले गया चारपाई से...

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