बाल कथाएं
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1. घोड़ा... तांगे में भी ये है लगता। और लड़ाई में है लड़ता।। बहादुर भी है इस पर चढ़ता। सरपट दौड़े कभी न अड़ता।। सर्कस में ये खेल दिखाता। घास चने खुश होकर खाता।।
तोता... हरियल तोता बड़ा निराला, 'गंगा राम' कहलाता है। आम, लीची, सेब, सन्तरे, बागों में ये खाता है। पिंजरे में भी खुशी से रहता, राम-राम फिर सबसे कहता।
रेल... एक - एक करती आती रेल, आग और पानी का खेल। दूर - दूर की सैर कराती, नदियाँ, पर्वत पार कराती। किसी को दफ्तर, पर पहुंचाती, बिछड़ा को ये पुनः मिलाती।
वायुयान... हवा में सर-सर उड़ा जाए। चीन, जपान, रूस, अमरीका, जर्मन, फ्रांस हो या अफ्रीका कुछ ही घंटो में पहुँचाए, हवा में सर सर उड़ता जाए। युद्धों में यह बम बरसाए, बाढ़ो मे
रक्षा बन्धन... रक्षा बन्धन का त्योहार। धूम धाम से आता है।। भाई बहिनों का यह प्यार। गीत अनोखे गाता है।।
गाय... प्यारी प्यारी गाय हमारी, दूध हमें ये देती है। इसके बदले में केवल बस, चारा-पानी लेती है। इसके बछड़े बेल बनते हैं, खेत में हल चलाते हैं। उनकी ही मेहनत से फिर,&n
बन्दर... बन्दर आया, बन्दर आया। मदारी के संग बन्दर आया।। खोः खोः करके हमें डराये। मुँह पिचकाय, कभी खुजाये।। शीशा देखे टोपी पहने। बन्दरिया ने भी पहने गहने।।
कार... मेरी प्यारी - प्यारी कार । नहीं कभी रहती बेकार ।। पापा को दफ़्तर ले जाती । और शाम को घर ले आती ।। छुट्टी के दिन हम सबको यह । पिकनिक के है मज़े दिलाती ।।
सेब... सभी फलों में सेब हे न्यारा। लाल गाल सा प्यारा - प्यारा।। एक सेब जो रोज़ है खाता। डॉक्टर को वह दूर भगाता ।। मम्मी मुझको सेब दिला दो। वरना एप्पल जूस पिला दो।।
बालक... मां में पढ़ने को जाऊँगा। छुट्टी होने पर आऊँगा।। गीत वीरता के गाऊँगा। वीर बहादुर कहलाऊँगा।।