संबंध और पानी एक सम्मान होते है ना कोई रंग, ना कोई रूप, ना कोई खुशबूपर फिर भी जीवन के अस्तित्व के लिए सबसे महत्वपूर्ण है
जो भूल जाते है वो गैर होते हैजो हर पल याद आते है वो अपने होते है
महकता रहेगा हमेशा मेरा ख्याल तुम्हारे मन मेंतेरे न चाहने पर भी हम तुझे याद आया करेगें
फिर से तेरी यादें मेरे दिल के दरवाजे पर खड़ी हैंवही मौसम, वही हवा, वही बारिश की झड़ी है
यदि ये चेहरे बयां करते जज़्बात दिलों के तो शायद इन एहसासों की जरूरत न होती यदि महज़ कहने से कोई अपना हो जातातो शायद रिश्ते निभान
झुकी-झुकी-सी नज़र बे-करार हैं कि नहीं दबा-दबा-सा सही दिल में प्यार हैं कि नहीं
ये राहें ले ही जायेंगी मंजिल तक हौसला तो रखकभी सुना है कि अँधेरे ने सवेरा ना होने दिया
अपनों से मिला तजुर्बा सिर्फ इतना सीखाता हैउतना ही मिलों किसी से जितना वो मिलना चाहता है
सावन तेरी ज़ुल्फ़ों से, घटा माँग के लाया,बिजली ने चुराई है, तड़प तेरी नज़र से।
रिश्तो का संबंध केवल खून से नहीं होता मुसीबत में जो हाथ थाम ले उससे बड़ा कोई रिश्ता नहीं होता
वफ़ा की जंजीर से डर लगता है, कुछ अपनी तक़दीर से डर लगता हैजो मुझे तुझसे जुदा करती है, हाथ की उस लकीर से डर लगता है
मोहब्बत इतनी कि उसके सिवा कोई और ना भाएइंतज़ार इतना कि मिट जाए पर किसी और को ना चाहे
लबों पर मुस्कराहट है हज़ारों चोट खाकर भी, हम अपने अश्क बैठे हैं ये पल्कों से दबा कर भी, दिल में जलाए प्यार की इक आस बैठा हूँ, वो क्या जाने दिलों की रोशनी को अब बुझा कर भी!
बूंदों की सरगम, हवाओं के गीत, बरसात में खो जाए दिल की हर प्रीत!हर बूँद कहती एक नई कहानी, बरसात में बिखरे इस दिल की रवानी!-DINESH KUMAR KEER
सिद्दत से काटा है हर पल तेरे साथयू ही खूबसूरत नहीं लगती तेरी यादें
मत सोना किसी की गोद में सिर रखकर, जब ये बिछड़ते है ना तो रेशम के तकियों पर भी नींद नहीं आती!
"गिला भी तुझ से बहुत है मगर मोहब्बत भी वो बात अपनी जगह है ये बात अपनी जगह"
कहीं होकर भी मैं नहीं हूंँ, कहीं न होकर भी हूँ, बडी कश्मकश में हूँ, कि कहाँ हूंँ और कहाँ नहीं हूँ!
हर वक्त जिन्दगी से गिले शिकवे ठीक नहीं, कभी तो छोड़ दीजिए कश्तियों को लहरों के सहारे!
बारिश की बूंदे भी कुछ तुम्हारी जैसी हो गई, हमने छतरी तो लगाई पर वो मुझे भिंगो गई!