आज मुख्य बेचेन हुन संतोष (1 9 8 9) के गीत संतोष आनंद द्वारा लिखे गए हैं, यह लक्ष्मीकांत और प्यारेलाल द्वारा रचित है और महेंद्र कपूर द्वारा गाया गया है।
संतोष (Santosh )
आज मैं बेचैन हूँ (Aaj Main Bechain Hoon ) की लिरिक्स (Lyrics Of Aaj Main Bechain Hoon )
आज मैं बेचैन हूँ यार मैं बेचैन हूँ क्ष (२)
हूँ आज मैं बेचैन हूँ यार मैं बेचैन हूँ यह महज़ तन्हाईयाँ दर्द की अंगड़ाइयां यह महज़ तन्हाईयाँ दर्द की अंगड़ाइयां मौत की परछाइयां यार मैं बेचैन हूँ आज माँ
एक नभ में माहताब एक गोरी का शबाब एक नभ में माहताब एक गोरी का शबाब एक मेरे दिन ख़राब यार मैं बेचैन हूँ आज मैं बेचैन हूँ यार मैं बेचैन हूँ हूँ आज मैं
यह महल
गीत गाना है मना मुस्कुराना है मना गीत गाना है मना मुस्कुराना है मना सर उठाना है मना यार मैं बेचैन हूँ आज मैं बेचैन हूँ यार मैं बेचैन हूँ हूँ आज
एक तो ज़िन्दगी नहीं जिसको जी रहे हैं हम ास कोई भी नहीं घुट के रह गया है दम चल रहा है कारवां चल रहा है कारवां चल रहा है कारवां जल रहा है नौजवान सो रहे ह