फिल्म आशिकी के सैन्सन की जरुरत है जैस गीत समीर द्वारा लिखे गए हैं। यह नादेम श्रवण द्वारा रचित एक सुंदर गीत है और कुमार सानू ने खूबसूरती से गाया है।
आशिकी (Aashiqui )
वक़्त के हाथों में सबकी तक़दीरें हैं वक़्त के हाथों में सबकी तक़दीरें हैं आइना झूठ है सच्ची तसवीरें हैं जहां दर्द है वहीं जीत है जहां प्यास है व
मंज़िलें हासिल हैं फिर भी एक दूरी है मंज़िलें हासिल हैं फिर भी एक दूरी है बिना हमराही के ज़िन्दगी अधूरी है मिलेगी कहीं कोई रहगुज़र तनहा कटेगा कैसे यह साफ़
साँसों की ज़रुरत है जैसे साँसों की ज़रुरत है जैसे ज़िन्दगी के लिए बस एक सनम चाहिए.. आशिकी के लिए बस एक सनम चाहिए.. आशिकी के लिए आशिकी के लिए ाश