अब तेरे बिन जी लेंज हम आशिकी (1 99 0) के गीत समीर द्वारा लिखे गए हैं, यह नादेम श्रवण द्वारा रचित है और कुमार सानू द्वारा गाया गया है।
आशिकी (Aashiqui )
तेरी आशिक़ी भी ये क्या रंग लायी वफ़ा मैने की तूने की बेवफ़ाई मेरी भूल थी मैं यह क्या चाहता था किसी बेवफ़ा से वफ़ा चाहता था तू जाने क्या बेक़रारी बेदर्द
अब तेरे बिन जी लेंगे हम ज़हर ज़िन्दगी का पी लेंगे हम
संयम तोड़ देता मोहब्बत के वादे अगर जान जाता मैं तेरे इरादे किसे मैंने चाहा कहाँ दिल लगाया मैं नादान था कुछ समझ ही न पाया मेरे आँसुओं के मोती आँखों से बहता
अब तेरे बिन जी लेंगे हम ज़हर ज़िन्दगी का पी लेंगे हम क्या हुआ जो एक दिल टूट गया क्या हुआ जो एक दिल टूट गया.. अब तेरे बिन जी लेंगे हम ज़हर ज़िन्दगी का पी लेंगे हम
जी लेंगे हम जी लेंगे हम जी लेंगे हम जी लेंगे हम