मिथून और शर्मिथा की आवाज़ में फिल्म अग्रगर से पास आया क्युन के गीत। इसके प्यारे गीत सईद क्वाद्री द्वारा लिखे गए हैं जबकि इसका संगीत मिथुन द्वारा रचित है।
अग्गर (Aggar )
जब रुलाना ही था तुझे तो फिर हंसाया क्यों साथ रह कर भी है जुदा तो पास आया क्यों
जब रुलाना ही था तुझे तो फिर हंसाया क्यों साथ रह कर भी है जुदा तो पास आया क्यों
क्यों यकीन टूट गया दिल से कई वफाओं का प्यार महसूस क्यों होने लगा गुनाहों से
क्यों यकीन टूट गया दिल से कई वफाओं का प्यार महसूस क्यों होने लगा गुनाहों से प्यार महसूस क्यों होने लगा गुनाहों से..
आया अपने बीच में किसी का साया क्यूँ जब रुलाना ही था तुझे तो फिर हंसाया क्यों साथ रह कर भी है जुदा तो पास आया क्यों
क्यूँ अजनबी की तरह हम से पेश आता है चंद लम्हे भी हमें तू न दे पाता है
क्यूँ अजनबी की तरह हम से पेश आता है चंद लम्हे भी हमें तू न दे पाता है चंद लम्हे भी हमें तू न दे पाता है...
ऐसी क्या हमने की खता हमें सताए क्यों जब रुलाना ही था तुझे तो फिर हंसाया क्यों साथ रह कर भी है जुदा तो पास आया क्यों
जब रुलाना ही था तुझे तो फिर हंसाया क्यों साथ रह कर भी है जुदा तो पास आया क्यों