अजय से रुक मजनू गीत: यह आनंद और मिलिंद द्वारा अच्छी तरह से तैयार संगीत के साथ कुमार सानू और अल्का याज्ञिक द्वारा एक बहुत अच्छा गाया गया गीत है। रुक मजनू के गीत सुमेर द्वारा खूबसूरती से लिखा गया है।
अजय (Ajay )
आज मेरा दिल तोड़ के जा तोड़ के जा
आज मेरा दिल तोड़ के जा कल पढ़ लेना अखबार में आज मेरा दिल तोड़ के जा कल पढ़ लेना अखबार में आशिक़ बन के.. जान लुटा दी.. आशिक़ बन के जान लुटा दी इक लैला ने प्यार में
रुक मजनू
मैं बानी दीवानी बेखबर दिल जानी दिल चुरा के दूर जा के क्यों करे नादानी दिल चुरा के दूर जा के क्यों करे नादानी क्या नहीं है पास मेरे यह जवानी नाम तेरे ऐसी मेहबूबा ं
आज मेरा दिल तोड़ के जा कल पढ़ लेना अखबार में आज मेरा दिल तोड़ के जा कल पढ़ लेना अखबार में रुक मजनू
[सरगम]
सिर्फ कहते हैं सभी कोई करता नहीं आज-कल इश्क़ में कोई मरता नहीं छोड़ मेरी बाहें बेअसर हैं आहें पेपरों में रोज़ छपती हैं नयी अफवाहें पेपरों में रोज़ छपती
हे.. रुक लैला
आज मेरा दिल तोड़ के जा कल पढ़ लेना अखबार में आज मेरा दिल तोड़ के जा कल पढ़ लेना अखबार में आशिक़ बन के.. जान लुटा दी.. आशिक़ बन के जान लुटा दी इक मजनू ने प्यार में
रुक लैला