अभिी मुज मी काहिन अग्निपथ (2012) के गीत अमिताभ भट्टाचार्य द्वारा लिखे गए हैं, यह अजय-अतुल द्वारा रचित है और सोनू निगम द्वारा गाया गया है।
अग्निपथ (Agneepath )
अब है सामने
हो धूप में जलते हुए तन को छाया पेड़ की मिल गयी रूठे बच्चे की हंसी जैसे फुसलाने से फिर खिल गयी कुछ ऐसा ही अब महसूस दिल को हो रहा है बरसों के पुराने ज़ख्म पे
अब है सामने
डोर से टूटी पतंग जैसी थी यह ज़िंदगानी मेरी आज हूँ
अब है सामने