बहो के दर्मियान फिल्म खमोशी द म्यूजिकल से गीत हरिहरन और अल्का याज्ञिक द्वारा गाया जाता है, इसका संगीत जतिन और ललित द्वारा रचित है और गीत मजूरो सुल्तानपुरी द्वारा लिखे गए हैं।
ख़ामोशी थे म्यूजिकल (Khamoshi The Musical )
बाँहों के दरमियान की लिरिक्स (Lyrics Of Bahon Ke Darmiyan )
बाँहों के दरमियान दो प्यार मिल रहे हैं बाँहों के दरमियान दो प्यार मिल रहे हैं जाने क्या बोले मन
खुलते बंद होते लबों की यह अनकही खुलते बंद होते लबों की यह अनकही मुझसे कह रही है कि बढ़ने दे बेख़ुदी मिल यूँ की दौड़ जाए नस नस में बिजलियाँ बाँहों के दरमियान दो
आसमान को भी यह हसीं राज़ है पसंद आसमान को भी यह हसीं राज़ है पसंद उलझी उलझी साँसों की आवाज़ है पसंद मोती लुटा रही हैं सावन की बदलियां बाँहों के दरमियान दो