बैते हैं क्या काय उस्का पास गीत ज्वेल चोर (1 9 67) मैजरोह सुल्तानपुरी द्वारा लिखे गए हैं, यह एसडी बर्मन द्वारा रचित है और आशा भोसले द्वारा गाया गया है।
ज्वेल थीफ (Jewel Thief )
बैठे हैं क्या उसके पास की लिरिक्स (Lyrics Of Baithe Hain Kya Uske Paas )
बैठे हैं क्या उसके पास आईना मुझसे नहीं मेरी तरफ देखिये मेरी तरफ देखिये
आईने की नज़र में ऐसी मस्ती कहाँ है मस्ती मेरी नज़र की इतनी सस्ती कहाँ है आईने की नज़र में ऐसी मस्ती कहाँ है मस्ती मेरी नज़र की इतनी सस्ती कहाँ है बैठे हैं क्या
यह लैब हम क्यों न छू लें यूं ही आहें भरें क्या हम से भी खूबसूरत तुम हो हम भी करें क्या यह लैब हम क्यों न छू लें यूं ही आहें भरें क्या हम से भी खो
बीती है रात कितनी यह सब कुछ भूल जाएँ जलती शम्में बुझा के आओ हम दिल जलायें बीती है रात कितनी यह सब कुछ भूल जाएँ जलती शम्में बुझा के आओ हम दिल