बाघी से चांदनी रात है गीत: गीत कविता कृष्णमूर्ति और अभिजीत ने गाया है, जिन्होंने संगीतकार आनंद-मिलिंद द्वारा एक सुंदर रचना को खूबसूरती से गाया था।
बाघी (Baaghi )
चांदनी रात है
मैं जल रहा हूँ ठण्डी अगन से नज़रें हटें न तेरे बदन से मैं जल रहा हूँ ठण्डी अगन से नज़रें हटें न तेरे बदन से ऐसी बातें न कर मुझको लगता है डर ऐसी बी
ख्वाबों ख्यालों में खो गयी हूँ जागी हैं आँखें मैं सो गयी हूँ हो ख्वाबों ख्यालों में खो गयी हूँ जागी हैं आँखें मैं सो गयी हूँ बिन तेरे हम-नशि नींद ात
चांदनी रात है