Chhed Mere Humrahi Geet Koi Aisa Lyrics of Mastana (1970) is penned by Anand Bakshi, it's composed by Laxmikant and Pyarelal and sung by Mohammad Rafi and Lata Mangeshkar.
मस्ताना (Mastana )
छेड़ मेरे हमराही गीत कोई ऐसा (Chhed Mere Humrahi Geet Koi Aisa ) की लिरिक्स (Lyrics Of Chhed Mere Humrahi Geet Koi Aisa )
छेड़ मेरे हमराही गीत कोई ऐसा
छेड़ मेरे हमराही गीत कोई ऐसा छेड़ मेरे हमराही गीत कोई ऐसा उम्र भर हम जिसे गुनगुनाते रहे क्ष (२)
मिलके न बिछड़ें यह दिल यह पल
पीछे रह जाएँ जीवन की सब सीमाएं जीवन की सब सीमाएं ऐसी मस्ती में हम बस चलते ही जाएँ हम बस चलते ही जाएँ राहों पे कदम डगमगाते रहे छेड़ मेर
तन इक दीपक है साँस है दीपक की बाती साँस है दीपक की बाती हम दोनों के दिल बनके तारे ओ साथी बनके तारे ओ साथी काली रातों में जगमगाते रहे छेड़ मेरे हमर