परिनेता से धीनाक धिनक धा गीत: यह रीता गांगुली द्वारा शांतनु मोइत्र द्वारा अच्छी तरह से तैयार संगीत के साथ एक बहुत अच्छा गायन गीत है। धीनाक धीनाक धा के गीत स्वानंद किर्किर द्वारा खूबसूरती से लिखा गया है।
परिणीता (Parineeta )
धिनक धिनक ध (Dhinak Dhinak Dha ) (२००५)की लिरिक्स (Lyrics Of Dhinak Dhinak Dha )
ो मौसी किश देनी ो किश खट्टे मीठे ो किश मोटे मोटे ो किश खोटे खोटे ोये खत्म ही नहीं होते
सुनो सुनो दुल्हन की और दूल्हे की कहानी धिनक धिनक ध दूल्हा थोड़ा ैंवै था दुल्हन थी सयानी धिनक धिनक ध दूर देस से आयी थी वह रूप की रानी धिनक धिनक ध जल-
दुल्हन को क्या सूझी जाने थी वह दीवानी धिनक धिनक ध रूठ के कुंडी बंद कर बैठी एक न मानी धिनक धिनक ध दूल्हे को कुण्डी थोक-थोक याद आ गयी नानी धिनक धिनक
दूल्हा बोला चंदा तारे लौंगा रानी ो बोलो धिनक धिनक ध अरे दुल्हन बोली क्यों करती हो बात पुराणी ो बोलो धिनक धिनक ध अब दूल्हा बोला नाम तेरे कर दू ज़िंदगानी धिनक धी
फिर वह आया मेरे पास मैंने कहा अरे गढे तारों का अचार डालेगा या चाँद का पापड़ टलेगा मैंने उसके कान में फूँका मंतर दूल्हा पहुंचा दरवाजे पर और पता है क्या बो
ओ मेरे राजा बोलि जल्दी भीतर आ.. ओ मेरे राजा जल्दी भीतर आ.. ऐसे न तरसे ओ मेरे राजा फिर क्या हुआ मौसी कुण्डी बंद और बत्ती गुल फिर... बताओ बताओ मौसी बताओ फिर बताओ
धिनक धिनक ध
[ो मौसी किश देनी ो किश खट्टे मीठे ो किश मोटे मोटे ो किश खोटे खोटे] क्ष ३
ोये खत्म ही नहीं होते