दिल है के मंता नाहिन गीत (शीर्षक गीत) समीर द्वारा लिखे गए हैं, यह नादेम श्रवण द्वारा रचित है और कुमार सानू और अनुराधा पादुवाल द्वारा गाया गया है।
दिल है के मंटा नहीं (Dil Hai Ke Manta Nahin )
टाइटल सांगकी लिरिक्स (Lyrics Of Dil Hai Ke Manta Nahin )
दिल है के मंटा नहीं दिल है के मंटा नहीं मुश्किल बड़ी है रस्मे मोहब्बत ये जानता ही नहीं
दिल है के मंटा नहीं क्ष (२)
यह बेक़रारी क्यों हो रही है ये जानता ही नहीं क्ष (२)
तेरी वफ़ाएं
दिल है के मंटा नहीं क्ष (२)
दिल तो ये चाहे हर पल तुम्हें हम बस यूंही देखा करें मारके भी हम न तुमसे जुदा हों आओ कुछ ऐसा करें मुझमें समा जा
दिल है के मंटा नहीं क्ष (२)
हम तो मोहब्बत करते हैं तुमसे हुमको है बस इतनी खबर तनहा हमारा मुश्किल था जीना तुम जो न मिलते अगर बेताब साँसें
दिल है के मंटा नहीं दिल है के मंटा नहीं मुश्किल बड़ी है रस्मे मोहब्बत ये जानता ही नहीं
दिल है के मंटा नहीं क्ष (२)