वीर जरा से पाल रुका गीत लता मंगेशकर और सोनू निगम द्वारा गाए जाते हैं और जावेद अख्तर द्वारा लिखे जाते हैं। इस गीत का संगीत मदन मोहन द्वारा रचित है।
वीर ज़ारा (Veer Zaara )
दो पल रुका (Do Pal Ruka ) की लिरिक्स (Lyrics Of Do Pal Ruka )
दो पल रुका ख्वाबों का कारवां और फिर चल दिए तुम कहाँ
तुम थे के थी कोई उजली किरण तुम थे या कोई काली मुस्काई थी तुम थे या सपनों का था सावन तुम थे के खुशियों की घटा छाई थी तुम थे के था कोई फूल खिला तुम थे या
दो पल रुका ख्वाबों का कारवां और फिर चल दिए तुम कहाँ
तुम थे या खुशबु हवाओं में थी तुम थे या रंग साड़ी दिशाओं में थे तुम थे या रौशनी राहों में थी तुम थे या गीत गूंजे फ़िज़ाओं में थे तुम थे मिले या मिली थी मंज़िल
दो पल रुका ख्वाबों का कारवां और फिर चल दिए तुम कहाँ