फिल्म सिगरेट की तारह से डोरियन गीत निखिल डिसोजा द्वारा गाया जाता है, इसका संगीत अंकुर विराज द्वारा रचित है और गीत देव नारायण द्वारा लिखे गए हैं।
सिगरेट की तरह (Cigarette Ki Tarah )
दूरियां की लिरिक्स (Lyrics Of Dooriyan )
तू ही दिखे हर जगह जीने की है तू वजह सोचूँ हमेशा तुझको ही खुद में तुझे ढूंढता
ऐसी दूरियां सहूँ भी तो किस तरह खलिश यूँ दरमियाँ सहूँ भी तो किस तरह ऐसी दूरियां सहूँ भी तो किस तरह खलिश यूँ दरमियाँ सहूँ
आँखों से हो कर मेरे दिल तलक जाएँ तेरे सब रास्ते शामिल मुझि में पूरी तरह तू है मेरे वास्ते
आँखों से हो कर मेरे दिल तलक जाएँ तेरे सब रास्ते शामिल मुझि में पूरी तरह तू है मेरे वास्ते
सुन ले मेरी आरज़ू [आरज़ू] दिल में बसी सिर्फ तू महसूस होता है मुझे तू है तभी मैं भी हूँ
ऐसी दूरियां सहूँ भी तो किस तरह खलिश यूँ दरमियाँ सहूँ भी तो किस तरह ऐसी दूरियां सहूँ भी तो किस तरह खलिश यूँ दरमियाँ सहूँ
हो न खुदा तू ही मेहरबान तेरे करम की चाहतें हो मोड़ कैसा भी बखुदा देती हैं राहतें
हो न खुदा तू ही मेहरबान तेरे करम की चाहतें हो मोड़ कैसा भी बखुदा देती हैं राहतें
तू ही दिखे हर जगह जीने की है तू वजह सोचूँ हमेशा तुझको ही खुद में तुझे ढूंढता
ऐसी दूरियां सहूँ भी तो किस तरह खलिश यूँ दरमियाँ सहूँ भी तो किस तरह ऐसी दूरियां सहूँ भी तो किस तरह खलिश यूँ दरमियाँ सहूँ
ऐसी दूरियां