Aye Babrika Aye Reeka Reeka Lyrics of Nazrana (1987) is penned by Nusrat Badr and Dev Kohli, it's composed by Laxmikant and Pyarelal and sung by Kavita Krishnamurthy.
नज़राना (Nazrana )
ए बबरीका ए रीका रीका (Aye Babrika Aye Reeka Reeka ) की लिरिक्स (Lyrics Of Aye Babrika Aye Reeka Reeka )
ए बबरीका ए रीका ए रीका रीका ए बबरीका ए रीका ए रीका रीका हमने जो सीखा वह सीखा दुनिया से सीखा हमने जो सीखा वह सीखा दुनिया से सीखा जीने का तरीका
हे नाचो
ए बबरीका ए रीका ए रीका रीका हमने जो सीखा वह सीखा दुनिया से सीखा जीने का तरीका तरीका तरीका दिल दो किसी को
सबसे प्यारा है यह प्यार सुनो लोगों यह प्यार सुनो लोगों प्यार है जीवन का सिंगर सुनो लोगों सिंगर सुनो लोगों चिक चिक चिक हो रीका
ए बबरीका ए रीका ए रीका रीका ए बबरीका ए रीका ए रीका रीका हमने जो सीखा वह सीखा दुनिया से सीखा जीने का तरीका तरीका तरीका दिल दो किसी को
एक सी ज़मीन है
ए बबरीका ए रीका ए रीका रीका ए बबरीका ए रीका ए रीका रीका हमने जो देखा वह सीखा दुनिया से सीखा जीने का तरीका तरीका तरीका दिल दो किसी को
शहर शहर चर्चा आम मोहब्बत का आम मोहब्बत का जुबां जुबां पर है नाम मोहब्बत का नाम मोहब्बत का चिका मिका रीका रीका टीका टीका रीका दिखा दर्द सहे दिल का रोग है
ए बबरीका ए रीका ए रीका रीका ए बबरीका ए रीका ए रीका रीका हमने जो सीखा वह सीखा दुनिया से सीखा हमने जो सीखा वह सीखा दुनिया से सीखा जीने का तरीक
हे नाचो
ए बबरीका ए रीका ए रीका रीका हमने जो सीखा वह सीखा दुनिया से सीखा जीने का तरीका तरीका तरीका दिल दो किसी को