रॉकस्टार (2011) के फ़िर से उड चाला गीत इरशाद कामिल द्वारा लिखे गए हैं, यह एआर रहमान द्वारा रचित है और मोहित चौहान द्वारा गाया गया है।
रॉकस्टार (Rockstar )
फिर से उड़ चला (Phir Se Ud Chala ) की लिरिक्स (Lyrics Of Phir Se Ud Chala )
फिर से उड़ चला उड़ के छोड़ा है जहाँ नीचे मैं तुम्हारे अब हूँ हवाले दूर दूर लोग बाग़ मीलों दूर यह वादियां
घर धुआं धुआं तन हर बदली चली आती है छूने और कोई बदली कभी कही कर दे तन गीला यह भी न हो किसी मंज़र पर मैं रुका नहीं कभी खुद से भी मैं मिला नहीं यह
फिर से उड़ चला मैं पित्ती जैसे सपने यह किताबी पलकों से झाडू फिर आ जाते हैं इतने सारे सपने क्या कहूँ किस तरह से मैंने तोड़े हैं छोड़े हैं क्यों फिर साथ चले म
कभी दाल दाल
इधर उधर
रंग बिरंगे वहमों में मैं उदास क्यों