अमर दीप (1 9 7 9) की हल्की सी कसक मसाक गीत: यह राजेश खन्ना, विनोद मेहरा, देवेन वर्मा और शबाना आज़मी अभिनीत अमर दीप का एक प्यारा गीत है। इसे लता मंगेशकर और किशोर कुमार द्वारा गाया जाता है और लक्ष्मीकांत और प्यारेलाल द्वारा रचित किया जाता है।
अमर दीप (Amar Deep )
निर्लज पवन के झोंके बड़े हैं निर्लज पवन के झोंके बड़े हैं बेशर्म मेरे पीछे पड़े हैं सौ बार ओढून
जीना नहीं तो मरना पड़ेगा कोई जातां अब करना पड़ेगा हो जीना नहीं तो मरना पड़ेगा कोई जातां अब करना पड़ेगा हो बस चल आये चाहे हो जाए लम्बी उम्र इक पल की सी हलकी सी ातक
मैं गिर न जाऊं मुझको सम्भालो आँखों में रख लो
हलकी सी कसक मसक हाय हाय कासक मसक होती है दिल में हूँ