लांसमार (1 9 80) के हंस तु हार्डम गीत अमित खन्ना द्वारा लिखे गए हैं, यह राजेश रोशन द्वारा रचित है और किशोर कुमार, शिवंगी कोल्हापुरे और वर्षा भोसले द्वारा गाया गया है।
लूटमार (Lootmaar )
हंस तू हरदम की लिरिक्स (Lyrics Of Hans Tu Hardam )
हे हँस तू हरदम
जो कमज़ोर हैं खुद वही हाथ उठाया करते हैं जो डरपोक हैं खुद वही आँख दिखाया करते हैं दादागिरी से कभी घबराय न करो अरे हंस तू हरदम
तेरी हिम्मत ही किस्मत जो बिगड़ी बात बनाएगी शान से तू यह कदम उठा मंज़िल खुद मिल जायेगी मारा मरी में खुद हो उलझाया न करो अरे हंस तू हरदम
लूटमार से क्या मिलता खून-खराबा होता है जैसी करनी वैसी भरनी यही फैसला होता है दुश्मन की ललकार से तुम डर जाया न करो अरे हंस तू हरदम