जनबाज़ (1 9 86) के हर किसी को नही मिल्ता गीत इंडिवार द्वारा लिखे गए हैं, यह कल्याणजी और आनंदजी द्वारा रचित है और साधना सरगम और मनहर उधस द्वारा गाया गया है।
जांबाज़ (Janbaaz )
हर किसी को नहीं मिलता की लिरिक्स (Lyrics Of Har Kisi Ko Nahi Milta )
हर किसी को नहीं मिलता यहाँ प्यार ज़िन्दगी में प्यार ज़िन्दगी में हर किसी को नहीं मिलता यहाँ प्यार ज़िन्दगी में खुशनसीब हैं वह जिनको है मिली यह बहार ज़िन्दगी में हर क
होठों से होंठ मिलें न भले चाहे मिलें न बाहें बाहों से होठों से होंठ मिलें न भले चाहे मिलें न बाहें बाहों से दो दिल ज़िंदा रह सकते हैं चाहत की भरी न
ज़ुल्फ़ों के नर्म अँधेरे हैं जिस्मों के गर्म उजाले हैं ज़ुल्फ़ों के नर्म अँधेरे हैं जिस्मों के गर्म उजाले हैं जीते जी हमको प्यार मिला हम दोनों किस्मत वाले हैं हम दोनों किस्मत
हर किसी को नहीं मिलता यहाँ प्यार ज़िन्दगी में हर किसी को नहीं मिलता यहाँ प्यार ज़िन्दगी में प्यार ज़िन्दगी में खुशनसीब हैं वह जिनको है मिली यह बहार ज़िन्दगी में हर