हम टू तेरे आशिक है सदीयन पुराण फ़ारज़ के गीत (1 9 67): यह जीतेन्द्र, बाबिता, अरुणा ईरानी और मोहन चोटी अभिनीत फरज़ का एक प्यारा गीत है। यह लता मंगेशकर और मुकेश द्वारा गाया जाता है और लक्ष्मीकांत और प्यारेलाल द्वारा रचित है।
फ़र्ज़ (Farz )
हम तो तेरे आशिक़ हैं सदियों पुराने की लिरिक्स (Lyrics Of Hum To Tere Aashiq Hain Sadiyon Purane )
हम तो तेरे आशिक़ हैं सदियों पुराने हम तो तेरे आशिक़ हैं सदियों पुराने चाहे तू माने
हम भी ज़माने से हैं तेरे दीवाने हम भी ज़माने से हैं तेरे दीवाने चाहे तू माने
आयी हैं यूँ प्यार पे जवानियाँ अरमान दिल में है दिल मुश्किल में है जान-इ-तमन्ना तेरे इसी प्यार की कहानियां हर महफ़िल में है सबके दिल में है जान-इ-तमन्ना छेड़ते
सोचो मोहब्बत में कभी हाथ से दामन छूट तो
मस्त निगाहों से इस दिल को मस्त बनाये जा और पिलाये जा प्यार के सागर दिल पे बड़े शौक से सितमगर ठेस लगाए जा