सोलह से इश्क की अडा के गीत शिवराजानी सिंह द्वारा लिखे गए हैं। यह गौरव दागांवकर द्वारा निर्मित एक उत्कृष्ट गीत है और सुंदर रूप से प्रीती पिल्लई द्वारा गाया जाता है। फिल्म सोलह से इश्क की अडा गीत का आनंद लें।
सिक्सटीन (Sixteen )
इश्क़ की ऐडा (Ishq Ki Ada ) की लिरिक्स (Lyrics Of Ishq Ki Ada )
चलते रहने दे
चलते रहने दे
दिल की मनमानी को ज़रा अब चलने दे यारी की राहों में दो दीवाने दीवाने बन चले रे.. बन चले रे..मनचले.. हम चले.. ख़्वाबों को कस के बाहों में भरे..
इश्क़ की ऐडा में जीने लगे हम और घुम हो चले फ़ासले.. बे-परवाह से होने लगे हम और उड़ने लगे हौसले..
कल तक थे कहीं गुमशुदा कही दिलों में बंधे थे.. आज़ाद हुए सब वह अरमान.. राहें जब जुडी दोनों बढ़ी जब से हैं यारियां.. अनजान हुआ यह सारा जहां.. अनजान होके
इश्क़ की ऐडा में जीने लगे हम और घुम हो चले फ़ासले.. बे-परवाह से होने लगे हम और उड़ने लगे हौसले..
लम्हा लम्हा खास है ख़ामोशी भी रास है.. खुलकते दिल के राज़ हैं.. ो.. हो.. खुलते रहे हम मिलते रहे हम खोयी रहे मंज़िलें..
दिल की मनमानी को ज़रा अब चलने दे यारी की राहों में दो दीवाने दीवाने बन चले रे.. बन चले रे..मनचले.. हम चले.. ख़्वाबों को कस के बाहों में भरे..
इश्क़ की ऐडा में जीने लगे हम और घुम हो चले फ़ासले.. रे रे रे रे रे रे
इश्क़ की ऐडा में जीने लगे हम और घुम हो चले फ़ासले.. बे-परवाह से होने लगे हम और उड़ने लगे हौसले..