Jab Tak Poore Na Ho Phere Saat Lyrics of Nadiya Ke Paar (1982) is penned by Ravindra Jain, it's composed by Ravindra Jain and sung by Hemlata.
नदिया के पार (Nadiya Ke Paar )
जब तक पूरे न हों फेरे सात (Jab Tak Poore Na Ho Phere Saat ) की लिरिक्स (Lyrics Of Jab Tak Poore Na Ho Phere Saat )
बबुआ हो बबुआ
जब तक पूरे न हों फेरे सात जब तक पूरे न हों फेरे सात रे तब तक दुल्हिन नहीं दूल्हा की रे तब तक बभनि नहीं बाबा की न जब तक पूरे न हों फेरे सात
अबहीं तो बबुआ पहली भँवर पड़ी है अबहीं तो पहुना दिल्ली दूर बड़ी है हो पहली ही भँवर पड़ी है
जैसे जैसे भँवर पड़े मन अपनों को छोड़े एक एक भाँवर नेता अनजानों से जोड़े मन घर अंगना को छोड़े
बबुआ हो बबुआ