जगत मुसाफिर खाना बालिका बदू (1 9 76) के गीत आनंद बक्षी द्वारा लिखे गए हैं, यह आरडी बर्मन द्वारा रचित है और भूपिंदर द्वारा गाया गया है।
बालिका बधु (Balika Badhu )
चाँद छुपे तो सूरज निकले सूरज डूबे आ जाए शाम चाँद छुपे तो सूरज निकले सूरज डूबे आ जाए शाम रुत आये
देखें पहुंचे कौन कहाँ पर राही निकला जाता हँसता देखें पहुंचे कौन कहाँ पर राही निकला जाता हँसता सबकी अपनी अपनी मंज़िल
चार दिनों का मेल रे भैया जिसने सारे खेल रचाये चार दिनों का मेल रे भैया जिसने सारे खेल रचाये माँ बच्चों से मिलने आये फिर वापस घर जाए हो जोगी यह दस्तूर प