जरुराट गीत विवरण
एक विलन (Ek Villain )
ज़रुरत सांग बय मुस्तफा जाहिदकी लिरिक्स (Lyrics Of Zaroorat )
यह दिल तनहा क्यों रहे क्यों हम टुकड़ों में जियें
यह दिल तनहा क्यों रहे क्यों हम टुकड़ों में जियें क्यूँ रूह मेरी यह सही मैं अधूरा जी रहा हूँ हरदम यह कह रहा हूँ मुझे तेरी ज़रूरत है मुझे तेरी ज़रूरत है मुझे
यह दिल तनहा क्यों रहे क्यों हम टुकड़ों में जियें
यह दिल तनहा क्यों रहे क्यों हम टुकड़ों में जियें क्यूँ रूह मेरी यह सही मैं अधूरा जी रहा हूँ हरदम यह कह रहा हूँ मुझे तेरी ज़रूरत है.. मुझे तेरी ज़रूरत है
अंधेरों से था मेरा रिश्ता बड़ा तूने ही उजालों से वाकीफ किया अब लौटा मैं हूँ इन अंधेरों में फिर तो पाया खुद को बेगाना यहाँ तन्हाई भी मुझसे खफा हो गयी बंजरों न
मैं अधूरा जी रहा हूँ खुद पर ही एक सजा हूँ मुझे तेरी ज़रूरत है मुझे तेरी ज़रूरत है
हम्म.. तेरे जिस्म की वह खुश्बुएं अब भी इन् साँसों में ज़िंदा हैं मुझे हो रही इनसे घुटन मेरे गले का यह फंडा है
आ... तेरी चूडियों की वह खनक यादों के कमरे में गूंजे है सुन कर इसे आता है याद हाथों में मेरे ज़ंजीरिन हैं तू ही आके इनको निकल ज़रा कर मुझे यहाँ से रिहा
मैं अधूरा जी रहा हूँ यह सदाएँ दे रहा हूँ मुझे तेरी ज़रूरत है मुझे तेरी ज़रूरत है मुझे तेरी ज़रूरत है
- मिथुन