वास्तव से जवानी से अब जंग गीत प्रीता मजूमदार द्वारा गाया जाता है और समीर द्वारा लिखा जाता है। जवानी से अब जंग का संगीत जतिन और ललित द्वारा रचित है।
वास्तव (Vaastav )
जवानी से अब जंग (Jawani Se Ab Jung ) की लिरिक्स (Lyrics Of Jawani Se Ab Jung )
जवानी से अब जंग होने लगी यह चोली मेरी टांग होने लगी क्ष (२)
कोई मारे आँखों से कोई मारे इशारों से
हाँ जवानी से अब जंग होने लगी यह चोली मेरी टांग होने लगी कोई मारे आँखों से कोई मारे इशारों से
उमरा कैसी भला आई है मस्तियाँ कौन सी लायी है कैसी नादान हूँ मैं तो परेशां हूँ तौबा मेरी करून मैं क्या
कोई दिल को चुराते है कोई पैसे लुटाता है
बंद बोतल है यह क्यूँ चूमे होश में न रहे झूमे देख तो दिलरूबा सोचता है तू क्या सबसे बढ़ के नशा मेरा
इश्क़ में कोई हारा है हो हो हो कोई कड़का कुंवारा है
हाँ जवानी से अब जंग होने लगी यह चोली मेरी टांग होने लगी क्ष (२)
कोई मारे आँखों से कोई मारे इशारों से क्ष (२)