फिल्म के कंदूर से जिंदगी बन गेए हो तुम गीत उदित नारायण और कविता कृष्णमूर्ति द्वारा गाया जाता है, इसका संगीत नादेम और श्रवण द्वारा रचित है और गीत समीर द्वारा लिखे गए हैं।
कसूर (Kasoor )
ज़िन्दगी बन गए हो तुम की लिरिक्स (Lyrics Of Zindagi Ban Gaye Ho Tum )
जो मेरी रूह को चैन दे
जिस्म से जान तक पास आते गए इन निगाहों से दिल में समाते गए जिस्म से जान तक पास आते गए इन निगाहों से दिल में समाते गए जिस हसीं ख्वाब की थी तमन्ना मुझे हाँ
हर किसी से जिसे मैं छुपाती रही बेखुदी में जिसे गुनगुनाती रही हर किसी से जिसे मैं छुपाती रही बेखुदी में जिसे गुनगुनाती रही मैंने तनहा कभी जो लिखी थी वोही शया