दिल कबड्डी (2008) के जिंदगी ये सफार मी है गीत सचिन गुप्ता ने लिखा है, यह सचिन गुप्ता द्वारा रचित है और राहत फतेह अली खान द्वारा गाया गया है।
दिल कबड्डी (Dil Kabaddi )
ज़िन्दगी यह सफ़र में है (२००८)की लिरिक्स (Lyrics Of Zindagi Yeh Safar Mein Hai )
ज़िन्दगी यह सफ़र में है काट रहा है रास्ता ज़िन्दगी यह सफ़र में है काट रहा है रास्ता.. हम सफ़र तो है मगर मंजिलें हैं जुदा जुदा हम सफ़र तो है मगर मंज़िलें है
ज़िन्दगी यह सफ़र में है काट रहा है रास्ता ज़िन्दगी यह सफ़र में है काट रहा है रास्ता.. हम सफ़र तो है मगर मंजिलें हैं जुदा जुदा हम सफ़र तो है मगर मंज़िलें हा
आंसुओं की धुप में कोई चल रहा इधर.. आंसुओं की धुप में कोई चल रहा इधर कह-खाहों की छाँव में कोई चल रहा उधर
कोई किसी से घुम हुआ कोई किसी को मिल गया कोई किसी से घुम हुआ कोई किसी को मिल गया.. हम सफ़र तो है मगर मंजिलें हैं जुदा जुदा हम सफ़र तो है मगर मंजिलें हैं.. जुड़ा
सा नि नि स नि सा नि सा सा रे रे रे सा नि नि स नि सा नि सा सा रे रे रे सा नि नि स नि सा नि सा सा रे रे रे नि प् नि प् नि प् नि प् नि सा
सा नि नि स नि सा नि सा सा रे रे रे सा नि नि स नि सा नि सा सा रे रे रे सा नि नि स नि सा नि सा सा रे रे रे सा रे रे प् रे रे म रे रे सा
है मिलान की चाहतें.. फासले हैं दर्मिंयां है मिलान की चाहतें.. फासले हैं दर्मिंयां धड़कनें तो एक हैं फिर भी है यह दूरियां कोई किसी को है चाहता कोई किसी से ः
हम सफ़र तो है मगर मंजिलें हैं जुदा जुदा हम सफ़र तो है मगर मंजिलें हैं.. जुदा जुदा..
ज़िन्दगी यह सफ़र में है काट रहा है रास्ता ज़िन्दगी यह सफ़र में है काट रहा है रास्ता.. हम सफ़र तो है मगर मंजिलें हैं जुदा जुदा हम सफ़र तो है मगर मंज़िलें हा