केहेना हाय काय गीत बॉम्बे (1 99 5): यह अरविंद स्वामी, मनीषा कोइराला, टिनू आनंद और आकाश खुराना अभिनीत बॉम्बे का एक प्यारा गीत है। यह चित्र द्वारा गाया जाता है और एआर रहमान द्वारा रचित किया जाता है।
बॉम्बे (Bombay )
कहना ही क्या [गुमसुम गुमसुम]की लिरिक्स (Lyrics Of Kehna Hi Kya )
[गुमसुम गुमसुम गम गुपचुप गुमसुम
हलचल हलचल हो गयी तेरी होंठ है तेरे चुप खलबल खलबल हो गयी तेरी बैठे हैं गुपचुप प्यारे प्यारे चेहरे लेकर करते हैं इशारा देखा तेरी आँखों ने है सपना कोई पी
कहना ही क्या यह नैं जो एक अनजान से जो मिले चलने लगे मोहब्बत के जैसे यह सिलसिले अरमान नए ऐसे दिल में खिले जिनको कभी मैं न जानूं वह हमसे
कहना ही क्या यह नैं जो एक अनजान से जो मिले चलने लगे मोहब्बत के जैसे यह सिलसिले अरमान नए ऐसे दिल में खिले जिनको कभी मैं न जानूं वह हमसे
[सरगम..]
पहली नज़र में कुछ हम कुछ तुम हो जाते है यूँ गम नैनों से बरसे रिम-झिम रिम-झिम हमपे प्यार का सावन शर्म थोड़ी थोड़ी हमको आये तो नज़रें झुक जाएँ सितम थोड़ा
कहना ही क्या यह नैं जो एक अनजान से जो मिले चलने लगे मोहब्बत के जैसे यह सिलसिले अरमान नए ऐसे दिल में खिले जिनको कभी मैं न जानूं वह हमसे
[गुमसुम गुमसुम गम गुपचुप गुमसुम
हलचल हलचल हो गयी तेरी होंठ है तेरे चुप खलबल खलबल हो गयी तेरी बैठे हैं गुपचुप प्यारे प्यारे चेहरे लेकर करते हैं इशारा देखा तेरी आँखों ने है सपना कोई पी
इन होठों ने माँगा सरगम सरगम तू और तेरा ही प्यार है आँखें ढूंढें है जिसको हरदम हरदम तू और तेरा ही प्यार है महफ़िल में भी तनहा है दिल ऐसे
कहना ही क्या यह नैं जो एक अनजान से जो मिले चलने लगे मोहब्बत के जैसे यह सिलसिले अरमान नए ऐसे दिल में खिले जिनको कभी मैं न जानूं वह हमसे
कहना ही क्या यह नैं जो एक अनजान से जो मिले चलने लगे मोहब्बत के जैसे यह सिलसिले कहना ही क्या!