खमाखा गीत तमचेसी (2014): यह निखिल द्विवेदी और रिचा चड्डा अभिनीत तमचेसी का एक प्यारा गीत है। यह मोहित चौहान द्वारा गाया जाता है और कृष्ण द्वारा रचित किया जाता है।
तमंचे (Tamanchey )
खामखा (Khamakha ) की लिरिक्स (Lyrics Of Khamakha )
हाँ यह बता कि हमसे क्या जुर्म हुआ जो यूँ चल दिए मुँह पहिराए बेवजह हमको मिल गयी सजा यह पहली बार मात खाए
खामखा ही तुमसे पला पद गया अब जान यह कैसे छुड़ाएं खामखा ही तुमसे हम भीड़ गए लो फँस गए बैठे बिठाए
इतना भी क्या है ग़ुरूर तुमको भला जो ऐसे हमें ठुकरा दिए न समझो यह तुम की हम हैं पीछे पड़े इतना भी न किसी को हम मनायें
हाय खामखा ही तुमसे पला पद गया अब जान यह कैसे छुड़ाएं खामखा जिगर पे गोलियां चलीं पलक झपकते हम ढेर हो गए खामखा हम मिल गए खामखा तुमसे भीड़ गए
यह शुक्र मनाओ
खामखा ही तुमसे पला पद गया अब जान यह कैसे छुड़ाएं खामखा ही तुमसे हम भीड़ गए लो फँस गए बैठे बिठाए
अंदाज़ यह हमारा सबको लगे निराला एक आप ही हैं जिनको आये न नज़र की जान यह हथेली पे रख दें हम तो कहो तो दुनिया की आज ले लें खबर अरे अपने भी तो होण कुछ फसा
खामखा ही तुमसे पला पद गया हाय अब जान यह कैसे छुड़ाएं खामखा ही तुमसे हम भीड़ गए लो फँस गए बैठे बिठाए हे.. खामखा हम मिल गए खामखा तुमसे भीड़ ग