खैकी पान बनारस वाल गीत ऑफ़ डॉन (1 9 78) अंजान द्वारा लिखा गया है, यह कल्याणजी और आनंदजी द्वारा रचित है और किशोर कुमार द्वारा गाया गया है।
डॉन (Don )
खइके पान बनारस वाला की लिरिक्स (Lyrics Of Khaike Paan Banaras Wala )
अरे भांग का रंग जमा हो चका-चक फिर लो पान चबाये अरे ऐसा झटका लगे जिया पे पुनर जनम होई जाए
ओ खइके पान बनारस वाला ओ खइके पान बनारस वाला खुली जाए बंद अकल का ताला ओ खइके पान बनारस वाला खुली जाए बंद अकल का ताला फिर तो ऐसा करे धमाल सीढ़ी कर दे
अरे राम दुहाई! कैसे चक्कर में पड़ गया हाय हाय हाय कहाँ जान फँसायी मैं तो सूली पे चढ़ गया हाय हाय कैसा सीधा साधा मैं कैसा भोला भाला हाँ हाँ ार
एक कन्या कुंवारी हमरी सूरत पे मर गयी हाय हाय हाय एक मीठी कटारी हमरे दिल में उतर गयी हाय हाय कैसी गोरी गोरी वह तीखी तीखी छोरी वह वह कैसी गोरी गोरी व
ओ खइके पान बनारस वाला खुली जाए बंद अकल का ताला फिर तो ऐसा करे धमाल सीढ़ी कर दे सबकी चाल ो छोरा गंगा किनारे वाला ो छोरा गंगा किनारे वाला ो छोरा गंगा की