Kholo Kholo Lyrics of Taare Zameen Par (2007) is penned by Prasoon Joshi, it's composed by Shankar Mahadevan, Ehsaan and Loy and sung by Shankar Mahadevan, Donminique and Vivinenne Pocha.
तारे ज़मीन पर (Taare Zameen Par )
खोलो खोलो (Kholo Kholo ) की लिरिक्स (Lyrics Of Kholo Kholo )
खोलो खोलो दरवाज़े परदे करो किनारे खूंटे से बंधी है हवा मिल के छुड़ाओ सरे
आ जाओ पतंग ले के अपने ही रंग ले के आसमान का शामियाना आज हमनें है सजाना
क्यों इस कदर हैरान तू मौसम का है मेहमान तू ो.. दुनिया सजी तेरे लिए खुद को जराज पेहचान तू
तू धुप है छम से बिखर तू है नदी ो बेकब्हर बेह चल कहीं उड़ चल कहीं दिल खुश जहां तेरी तो मंज़िल है वहीं... क्यों इस कदर हैरान तू मौसम का है मेहमान तू
बासी ज़िन्दगी उदासी ताज़ी हंसने को राज़ी गरमा गरमा साड़ी अभी अभी है उतारि
हो.. ज़िन्दगी तो है बताशा मीठी मीठी सी है आशा चख ले रख ले हथेली से धक् ले इसे
तुझमें अगर प्यास है बारिश का घर भी पास है ो.. रोके तुझे कोई क्यों भला संग संग तेरे आकाश है
तू धुप है छम से बिखर तू है नदी ो बेकब्हर बेह चल कहीं उड़ चल कहीं दिल खुश जहां तेरी तो मंज़िल है वहीं...
खुल गया.. आसमान का रास्ता देखो खुल गया मिल गया.. खो गया था जो सितारा मिल गया मिल गया.. रोशन हुयी सारी ज़मीन जगमग हुआ सारा जहां हो.. उड़ने को तू आज़ाद है बांध
तू धुप है छम से बिखर तू है नदी ो बेकब्हर बेह चल कहीं उड़ चल कहीं दिल खुश जहां तेरी तो मंज़िल है वहीं... ो.. क्यों इस कदर हैरान तू मौसम का है मेहमान तू