Kismat Ne Kya Din Dikhlaye Lyrics of Apne Huye Paraye (1964) is penned by Shailendra, it's composed by Shankar and Jaikishan and sung by Lata Mangeshkar.
अपने हुए पराये (Apne Huye Paraye )
गम की जो तक़दीर न होती तो इतनी बेटीर न होती दिल पर इतना बोझ न होता पैरों में जंजीर न होती अपने
जिन राहों से कोई न आये बैठे उनपे नैना बिछाये दिन नादाँ कहे जाता है शायद वह शायद लौट आये अपने
कौन है हम क्यों जाने कोई अपना हमें क्यों माने कोई बेहतर है इस बदहाली में अब न हमें पहचाने कोई अपने