काय दीली के लाहौर से किसे लम्बे गीत: यह सुखविंदर सिंह, राहत फतेह अली खान और संदेश शांडिलिया द्वारा एक बहुत अच्छा गाया गया गीत है। इसका संगीत संदेश शांडिलिया द्वारा रचित है, जबकि इसके शानदार गीत ग्रेट गुलजार द्वारा लिखे गए हैं।
क्या दिल्ली क्या लाहौर (Kya Dilli Kya Lahore )
किस्से लम्बे की लिरिक्स (Lyrics Of Kisse Lambe )
(सुखविंदर सिंह बेगिंस)
किस्से लम्बे ने लकीरां दे गोली नाल गल करदे बोल चुभदे ने वीरां दे
कांदी मांडी यह लकीरां दी मिट्टी विच लाहू रेले ा.. जान जांदी यह फकीरण दी
रांझे फिरन लकीरां ते.. रांझे फिरन लकीरां ते... पैरान ते कुल्हाडी पाइ दी ऊहे बंद होये हीरन ते
(राहत फतेह अली खान बेगिंस)
खुनी लिखी यह लकीरां ते उम्र दे सब मूक गए उमरान दे सब मूक गए टोटे लाभे तकदीरें ते
(सुखविंदर सिंह)
होनी लिखी यह लकीरां ते.. हो होनी.. होनी लिखी यह लकीरां ते.. गुलान दे हिसाब फुंक गए टोटे लब्बी तक़दीरें ते
(कोरस) किस अंधे फकीरण दे.. किसी अंधे फकीरण दे.. किस अंधे फकीरण दे.. किसी अंधे फकीरण दे..
मत्थे मारो लकीरां ते.. दर कहाँ दे चिराग बुझ गए ो.. दर कहाँ दे चिराग बुझ गए ोथे तै पाइ पीरां दे
किस्से लम्बे ने लकीरां दे गोली नाल गल करदे किस्से लम्बे ने लकीरां दे बोल चुबड़े ने वीरा दे
- बी गुलज़ार