कसूर बेचैन होक तुम्से मिली गीत कासूर (2001): यह अफताब शिवदासानी, लिसा रे, अपूर्व अग्निहोत्री और आशुतोष राणा अभिनीत कसूर का एक प्यारा गीत है। यह अल्का याज्ञिक और उदित नारायण द्वारा गाया जाता है और नादेम और श्रवण द्वारा रचित है।
कसूर (Kasoor )
कितनी बेचैन होके तुमसे मिली की लिरिक्स (Lyrics Of Kitni Bechain Hoke Tumse Mili )
कितनी बेचैन होके तुमसे मिली कितनी बेचैन होके तुमसे मिली तुमको क्या थी खबर थी मैं कितनी अकेली [हाँ.. हाँ! हाँ.. हाँ! हाँ.. हाँ! हाँ.. हाँ हाँ] क्ष २
कितना बेचैन होके तुमसे मिला कितना बेचैन होके तुमसे मिला तुमको क्या थी खबर था मैं कितना अकेला [हाँ.. हाँ! हाँ.. हाँ! हाँ.. हाँ! हाँ.. हाँ हाँ] क्ष २
के कितनी मोहब्बत है तुमसे? ज़रा पास आके तो देखो क्या आग है धडकनों में? गले से लगा के तो देखो बताई न जाए जुबां से यह हालात मेरे जिस्म-ो-जान को तुम्हारी है च
जो है दरमियान एक पर्दा इसे जान-इ-मन अब हटा दें एहि फ़ासले कह रहे हैं चलो दूरियों को मिटा दें न कोई तमन्ना है
कितना बेचैन होके तुमसे मिला कितना बेचैन होके तुमसे मिला तुमको क्या थी खबर था मैं कितना अकेला [हाँ.. हाँ! हाँ.. हाँ! हाँ.. हाँ! हाँ.. हाँ हाँ] क्ष २
कितनी बेचैन होके तुमसे मिली कितनी बेचैन होके तुमसे मिली तुमको क्या थी खबर थी मैं कितनी अकेली [हाँ.. हाँ! हाँ.. हाँ! हाँ.. हाँ! हाँ.. हाँ हाँ] क्ष २