लोहेर (1 9 73) के कोई सहरी बाबू गीत: यह धर्मेंद्र, मुमताज, केशतो मुखर्जी और मुकरी अभिनीत लोफर से एक सुंदर गीत है। यह आशा भोसले द्वारा गाया जाता है और लक्ष्मीकांत और प्यारेलाल द्वारा रचित है।
लोफर (Loafer )
कोई सेहरि बाबू की लिरिक्स (Lyrics Of Koi Sehri Babu )
कोई सेहरि बाबू
पनघट पे मैं कम जाने लगी नटखट से मैं शर्माने लगी पनघट पे मैं कम जाने लगी नटखट से मैं शर्माने लगी धड़कन से मैं घबराने लगी दर्पण से मैं कतराने लगी
सपनों में चोरी से आने लगा रातों की निन्दिया चुराने लगा सपनों में चोरी से आने लगा रातों की निन्दिया चुराने लगा नैनों की डोली बिठा के मुझे लेके बोहत दूर जाने लग