राजधानी एक्सप्रेस के कोई उमेड गीत: कोई उमेद 2013 बॉलीवुड फिल्म राजधानी एक्सप्रेस से एक सुंदर हिंदी गीत है। यह गीत लाहु-माधव द्वारा रचित है। हितेश प्रसाद ने इस गीत को गाया है। इसके गीत मिर्जा गालिब द्वारा लिखे गए हैं।
राजधानी एक्सप्रेस (Rajdhani Express )
कोई उम्मीद (Koi Umeed ) की लिरिक्स (Lyrics Of Koi Umeed )
ोउ.. ो... ोउ.. ो...
कोई उम्मीद बर नहीं आती कोई सूरत नज़र नहीं आती कोई उम्मीद बर नहीं आती कोई सूरत नज़र नहीं आती
ोउ.. ो... ोउ.. ो...
मौत का एक दिन मुइयाल है... ो... मौत का एक दिन मुइयाल है... नींद क्यों रात भर नहीं आती ो.. मौत का एक दिन मुइयाल है... नींद क्यों रात भर नहीं आती...
ोउ.. ो... ोउ.. ो...
आगे आती थी हाल-इ-दिल पे हंसी आगे आती थी हाल-इ-दिल पे हंसी अब किसी बात पे नहीं आती आगे आती थी हाल-इ-दिल पे हंसी.. अब किसी बात पे नहीं आती...
कोई उम्मीद बर नहीं आती कोई सूरत नज़र नहीं आती
ोउ.. ो... ोउ.. ो...
जानता हूँ सवाल का... पर तबीयत इधर नहीं आती जानता हूँ सवाल का ... पर तबीयत इधर नहीं आती..
ोउ.. ो... ोउ.. ो...
हम वहां हैं जहां से हमको भी हम वहां हैं जहां से हमको भी कुछ हमारी खबर नहीं आती ो... हम वहां हैं जहां से हमको भी कुछ हमारी खबर नहीं आती....
ोउ.. ो... ोउ.. ो...
काबा किस मुँह से जाओगे ग़ालिब शर्म तुमको मगर नहीं आती ोउ.. ो... काबा किस मुँह से जाओगे ग़ालिब शर्म तुमको मगर नहीं आती..
ोउ.. ो... ोउ.. ो...