क्यूकू डुकू - शिरिन फरहाद की तोख निकल पाडी से गोधरा गीत: यह जीत गांगुली द्वारा अच्छी तरह से तैयार संगीत के साथ मोहित चौहान द्वारा एक बहुत अच्छा गाया गया गीत है। क्यूकू डुकु के गीत - गोधरा खूबसूरती से अमिताभ भट्टाचार्य द्वारा लिखे गए हैं।
शिरीन फरहाद की तोह निकल पड़ी (Shirin Farhad Ki Toh Nikal Padi )
कुकु दुखु (Kuku Duku ) गोधरा की लिरिक्स (Lyrics Of Kuku Duku )
कुकु दुखु कू कू कू कू कुकु दुखु कु (क्ष ४)
एक लड़की बड़ी ग़ज़ब की मिली शाम को हा हा खा गयी जो चुरा के दिल के पके आम को एक लड़की बड़ी ग़ज़ब की मिली शाम को खा गयी जो चुरा के दिल के पके आम को
मुँह पे था ताला दुफर मैं साला जो उसका नाम भी न पुछा गधेरा गधेरा कहे सकता… गधेरा
कुकु दुखु कू कू कू कू कुकु दुखु कु (क्ष ४)
फूली है बालून जैसी उमंगें जवान एक मीटिंग में ही उसने भरी है हवा फूली है बालून जैसी उमंगें जवान एक मीटिंग में ही उसने भरी है हवा
मौका खो डाला दुफर मैं साला करती क्या काम भी न पुछा गोधरा गोधरा कहे सकता… गधेरा
कुकु दुखु कू कू कू कू कुकु दुखु कु (क्ष ४)
यह चिल्लर गले का पट्टा बेच के गयी मुस्कुरा के २-४ परसेंट छूट दे गयी यह चिल्लर गले का पट्टा बेच के गयी मुस्कुरा के २-४ परसेंट छूट दे गयी
कल पे क्यों ताला दुफर में साला पत्ते का दाम भी न पुछा गधेरा गधेरा कहे सकता… गधेरा गधेरा
गधेरा