Lag Ja Gale Ke Phir Ye Lyrics of Woh Kaun Thi (1964) is penned by Raja Mehdi Ali Khan, it's composed by Madan Mohan and sung by Lata Mangeshkar.
वह कौन थी (Woh Kaun Thi )
लग जा गले कि फिर ये (Lag Ja Gale Ke Phir Ye ) की लिरिक्स (Lyrics Of Lag Ja Gale Ke Phir Ye )
लग जा गले कि फिर ये हसीं रात हो न हो शायद फिर इस जनम में मुलाकात हो न हो लग जा गले के के
हमको मिली हैं आज यह घड़ियाँ नसीब से जी भर के देख लीजिये हमको करीब से फिर आपके नसीब में यह बात हो न हो फिर इस जनम में मुलाकात हो न हो लग जा गले के के
पास ाइये के हम नहीं आएंगे बार बार बाहें गले में डाल के हम रो लें ज़ार ज़ार आँखों से फिर यह प्यार की बरसात हो न हो शायद फिर इस जनम में मुलाकात हो न हो
लग जा गले कि फिर ये हसीं रात हो न हो शायद फिर इस जनम में मुलाकात हो न हो लग जा गले के के